Tishaa Kumar की मौत के 5 महीने बाद खुला राज, कैंसर नहीं 'जाल' में फंसने से गई तिशा की जान
Tishaa Kumar Mother Tanya Penned Down Heartfelt Post: टी-सीरीज के मालिक भूषण कुमार की कजिन और अभिनेता कृष्ण कुमार की बेटी तिशा के निधन ने हर किसी को हैरान कर दिया था। महज 20 साल की उम्र में तिशा की मौत ने उनके परिवार को गहरे शोक में डुबो दिया। उनके माता-पिता ने अपनी इकलौती बेटी को खो दिया, जो न सिर्फ उनकी जिंदगी का अहम हिस्सा थी, बल्कि उनके अरबों की संपत्ति की वारिस भी थी। हालांकि कई खबरों में दावा किया गया था कि उनकी मौत कैंसर के चलते हुई थी लेकिन अब पहली बार तिशा की मां तान्या सिंह ने इस पर खुलासा किया है।
मां तान्या ने तिशा को लेकर किया पोस्ट
तिशा कुमार की मां तान्या ने इंस्टाग्राम पर एक इमोशनल पोस्ट शेयर किया है। तान्या ने पहली बार कन्फर्म किया है कि तिशा की मौत कैंसर के चलते नहीं हुई थी, बल्कि मेडिकल स्टाफ की लापरवाही के चलते ऐसा हुआ है। उन्होंने अपने पोस्ट में तिशा के उस जज्बे और हिम्मत की बात की जो उन्होंने आखिर तक बना कर रखी। तान्या ने बताया कि उनकी बेटी कितनी स्ट्रॉन्ग थी और वो सभी बच्चों को, युवाओं को बिल्कुल वैसे ही देखना चाहती थी। तान्या का ये पोस्ट पहली बार उनकी बेटी के निधन के कारण का भी खुलासा कर रहा है।
कैंसर से नहीं गई तिशा की जान!
तान्या ने तिशा को लेकर लंबा-चौड़ा नोट लिखा- 'कई लोग मुझसे ये पूछ रहे हैं कि क्या हुआ, मैं आपको बताना चाहती हूं। सच एक ऐसी चीज है जो हर किसी के नजरिए पर डिपेंड करती है। जब एक मासूम और निर्दोष आत्मा पर किसी और के बुरे कर्मों के कारण अन्याय होता है, तो चीजें उलझन भरी और मुश्किल हो जाती हैं और अचानक देर हो जाती है।लेकिन आखिरकार कोई भी अपने कर्मों के नतीजों से बच नहीं सकता।'
जैसा कि मैंने पहले कहा था, कभी-कभी किसी और के बुरे कर्मों के कारण पूरी जिंदगी चली जाती है, आपकी वजह से नहीं। ये नहीं मायने रखता कि कुछ दर्शनशास्त्र इस पर क्या कहते हैं या मेडिकल निदान और गलत प्रैक्टिस के बारे में क्या है। ये भी मायने नहीं रखता कि लोग 'नजर, काला जादू या बुरी नजर' को नहीं मानते। सच से ये कोई फर्क नहीं पड़ता कि कोई और क्या सोचता है, क्योंकि कोई और नहीं जानता जो आप जानते हैं और समय के साथ सच अपने तरीके से सामने आता है और वो जरूर सामने आएगा।
बेटी की मौत के कारण पर तान्या का नोट
तान्या ने पोस्ट में आगे लिखा- मेरी बेटी तिशा, चाहे जो भी हुआ हो, उसने कभी भी डर को स्वीकार नहीं किया। वो सबसे बहादुर 20 साल की लड़की थी, जिसने सबसे डर से फ्री और शांत रूप से जिंदगी जी और यही तिशा चाहती थी कि उसकी उम्र के और उससे छोटे-बड़े लोग यह सिखें कि मेडिकल निदान या किसी भी समस्या से डरना नहीं चाहिए, क्योंकि उसे पता था कि शरीर एक जैविक अस्तित्व है, जिसमें इम्युनिटी सबसे अहम है। वो अपने एक्सपीरियंस से ये मैसेज देना चाहती थी कि कैसे गलत निदान से निकलकर और कीमोथेरेपी के साइड इफेक्ट्स से जूझते हुए वो बायोमेडिसिन के जरिए अपने जीवन को सुधार सकते हैं।
तिशा हमेशा अपने आसपास सभी को प्यार, खुशी और दया देती थी। 'सच' ये है कि मेरी बेटी को शुरू में 'कैंसर' नहीं था। उसे 15 साल की उम्र में एक वैक्सीनेशन मिली थी, जो एक ऑटोइम्यून स्थिति का कारण बनी, जिसका गलत तरीके से इलाज किया गया था माता-पिता, अगर आपके बच्चे में सिर्फ 'लिंफ नोड्स की सूजन' हो तो प्लीज पहले, दूसरे और तीसरी राय जरूर लें। इससे पहले कि आप 'बोन-मैरो' टेस्ट या बायोप्सी के लिए जाएं। लिंफ नोड्स शरीर के रक्षात्मक अंग होते हैं और ये भावनात्मक कारणों से भी सूज सकते हैं। हम पहले ही इस 'मेडिकल जाल' में फंस चुके थे, इससे पहले कि ये जानकारी हमारे पास आई। मैं हर दिन प्रार्थना करती हूं कि कोई भी बच्चा इस निर्दयी मेडिकल जाल का सामना न करे।
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