कौन थी वो महिला, जिसकी मौत पर फंसे अल्लू अर्जुन, पति की शिकायत वापस लेने पर क्या मिल जाएगी राहत?
Allu Arjun Case Who Was Revathi: स्टार एक्टर और पुष्पा फेम अल्लू अर्जुन को तेलंगाना हाई कोर्ट से अंतरिम जमानत मिल गई है। इस तरह वे 14 दिन की न्यायिक हिरासत यानी जेल जाने से बच जाएंगे। अल्लू अर्जुन के खिलाफ 4 दिसंबर को हैदराबाद के संध्या थिएटर में मची भगदड़ का मामला दर्ज है। इस भगदड़ में एक महिला की मौत हो गई थी। जबकि एक बच्चा घायल हो गया। आइए जानते हैं कि वो महिला कौन थी, जिसकी मौत पर अल्लू अर्जुन फंस गए।
भगदड़ में हुई महिला की मौत
महिला का नाम रेवती था। उसकी उम्र 39 साल बताई जा रही है। वह अपने बेटे श्री तेजा के साथ संध्या थिएटर में 4 दिसंबर को प्रीमियर देखने गई थी। यहां अल्लू अर्जुन आने वाले थे, लेकिन जैसे ही वे थिएटर में आए। उनके निजी सुरक्षाकर्मियों ने लोगों को भगाना शुरू कर दिया। इसके बाद वहां भगदड़ मच गई और महिला की दम घुटने से मौत हो गई। उसका बेटा अस्पताल में भर्ती है और वेंटिलेटर पर है।
#AlluArjunArrested | The husband of the deceased Revathi has said that he is ready to withdraw the case.
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— The New Indian Express (@NewIndianXpress) December 13, 2024
अल्लू अर्जुन की गलती नहीं
दूसरी ओर, महिला के पति ने चौंकाने वाली बात कही है। उसने इस मामले पर यूटर्न लेते हुए महिला के पति भास्कर ने मीडिया से कहा कि वह नहीं जानता था कि अल्लू अर्जुन को गिरफ्तार किया जा रहा है। उसने आगे कहा- अल्लू अर्जुन की गलती नहीं है। उनका भगदड़ से कोई संबंध नहीं है। मैं केस वापस लेने को तैयार हूं। बता दें कि महिला की मौत के बाद अल्लू अर्जुन ने दुख व्यक्त किया था। उन्होंने पीड़ित परिवार को 25 लाख रुपये देने की बात कही थी।
సంధ్య థియేటర్ ఘటన కేసులో అల్లు అర్జున్ అరెస్ట్ ..#alluarjun #pushpa2 #alluarjunarrest #tv9telugu #breakingnews pic.twitter.com/xbph6jYHGS
— TV9 Telugu (@TV9Telugu) December 13, 2024
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क्या पति की शिकायत वापस लेने पर मिल जाएगी राहत?
अब सवाल ये कि क्या पति की शिकायत वापस लेने पर अल्लू अर्जुन को राहत मिल जाएगी। बता दें कि भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 (बीएनएसएस) की धारा 230 के तहत शिकायतकर्ता शिकायत वापस ले सकता है। इसके लिए उसे मजिस्ट्रेट को पर्याप्त आधारों से संतुष्ट करना होगा। अंतिम आदेश पारित होने से पहले ऐसा किया जा सकता है। इस मामले में चूंकि पीड़ित और शिकायतकर्ता एक ही हैं, इसलिए शिकायत वापस लेना आसान हो जाएगा। हालांकि मामला वापस लेने के लिए एक कानूनी प्रक्रिया का पालन करना होगा। इसमें समय लगेगा।
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