बिहार की स्वर कोकिला Sharda Sinha को कौन-सा कैंसर? मायके में पसरा सन्नाटा
Sharda Sinha Blood Cancer News: लोक संगीत फेमस गायिका और बिहार की स्वर कोकिला के नाम से जानी जाने वालीं शारदा सिन्हा इन दिनों दिल्ली के एम्स में लाइफ सपोर्ट पर हैं। सोमवार रात को उनकी तबीयत अचानक बिगड़ी और उन्हें तुरंत आइसीयू में शिफ्ट किया गया। गायिका को वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया है और उनकी हालत गंभीर बनी हुई है। इसी बीच गायिका के बेटे ने भी एक वीडियो के जरिए मां की हालत के बारे में जानकारी दी है।
छठ पूजा के गीतों से मिली पहचान
शारदा सिन्हा की आवाज को हर कोई जानता है, खासकर उनके छठ पूजा के गीतों को, जिनकी गूंज हर बिहारवासी के दिल में बसी हुई है। वो 'बिहार की कोकिला' के नाम से भी फेमस हैं। उन्होंने भोजपुरी, मैथिली और मगही लोक संगीत को नई पहचान दी। शारदा सिन्हा का छठ पूजा के गीतों में अतुल्य योगदान है। उनके गाए हुए गीत ना सिर्फ बिहार में बल्कि देशभर में काफी सुने जाते हैं। जैसे ही उनके पैतृक गांव में उनकी गंभीर हालत का पता चला, उनके गांव में सन्नाटा छा गया है।
ब्लड कैंसर से जूझ रही हैं शारदा सिन्हा
शारदा सिन्हा पिछले लगभग छह सालों से ब्लड कैंसर से जूझ रही हैं। उन्हें हुई बीमारी को मल्टीपल मायलोमा कहा जाता है। इस बीमारी के कारण उनकी तबीयत कई बार बिगड़ चुकी है। हाल ही में उनकी स्थिति में फिर से अचानक गिरावट आई, जिसके बाद उन्हें 26 अक्टूबर को एम्स के कैंसर सेंटर के मेडिकल आंकोलॉजी वार्ड में भर्ती किया गया था। शुरुआती उपचार के बाद उनकी हालत में कुछ सुधार हुआ था, लेकिन सोमवार की शाम उनकी हालत फिर से बिगड़ गई, जिसके चलते उन्हें आइसीयू में शिफ्ट करना पड़ा। एम्स के डॉक्टरों की टीम उनकी स्थिति पर नजर बनाए हुए है और उन्हें स्वस्थ करने के लिए हर संभव कोशिश कर रही है।
मल्टीपल मायलोमा क्या होता है?
ये बीमारी एक तरह का ब्लड कैंसर है, जिसमें शरीर के बोन मैरो में कैंसर कोशिकाएं बढ़ने लगती हैं। शारदा सिन्हा ने इस बीमारी के साथ लड़ाई शुरू की थी और अब भी वो इस मुश्किल लड़ाई का डटकर सामना कर रही हैं। साल 2018 से ये बीमारी उनके शरीर में फैली हुई थी और उस समय से ही उन्हें नियमित इलाज की जरूरत थी।
बिहार के हुलास जिले में 1 अक्टूबर 1952 को जन्मीं शारदा सिन्हा ने अपनी गायकी से लोक संगीत को एक नई दिशा दी। उनकी आवाज में वो जादू था, जिसने बिहार के साथ-साथ देश भर के लोगों के दिलों में अपनी एक अलग पहचान बनाई। खासकर छठ पूजा के गीतों में उनका योगदान असाधारण है।
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