होमखेलवीडियोधर्म
मनोरंजन.. | मनोरंजन
टेकदेश
प्रदेश | पंजाबहिमाचलहरियाणाराजस्थानमुंबईमध्य प्रदेशबिहारउत्तर प्रदेश / उत्तराखंडगुजरातछत्तीसगढ़दिल्लीझारखंड
धर्म/ज्योतिषऑटोट्रेंडिंगदुनियावेब स्टोरीजबिजनेसहेल्थएक्सप्लेनरफैक्ट चेक ओपिनियननॉलेजनौकरीभारत एक सोचलाइफस्टाइलशिक्षासाइंस
Advertisement

बॉक्स ऑफिस नहीं है फिल्मों की कमाई का पैमाना, जानिए फ्लॉप होने के बाद भी कैसे प्रॉफिट कमाती हैं फिल्में

Bollywood Movies Box Office Collection: क्या आप जानते हैं कि फ्लॉप होने के बावजूद फिल्में अच्छी कमाई कर लेती है। जानिए इसके पीछे की वजह।
03:28 PM Feb 28, 2024 IST | Deeksha Priyadarshi
Box Office Collection
Advertisement

Bollywood Movies Box Office Collection: फिल्मों के रिलीज होते ही, सबकी नजरें बॉक्स ऑफिस और उसके कलेक्शन पर टिकी होती है। क्या आप जानते हैं कि फिल्म के हिट या फ्लॉप होने का पैमाना, उसका बॉक्स ऑफिस कलेक्शन नहीं होता है।

Advertisement

फिल्म के फ्लॉप होने से लोग समझते हैं कि इसका टिकट कलेक्शन अच्छा नहीं रहा और इसका नुकसान प्रोड्यूसर को झेलना पड़ेगा। कम लोग ही बॉक्स ऑफिस और फिल्मों के कलेक्शन गेम को समझ पाते हैं, वो ये नहीं जानते कि फिल्मों की कमाई का सीधा असर प्रोड्यूसर पर नहीं पड़ता है। ज्यादातर प्रोड्यूसर फिल्म को बनाने में लगे खर्च को निकाल ही लेते हैं। फिल्म चली या नहीं चली इसका नुकसान पूरी तरह उन्हें नहीं उठाना पड़ता। इसके पीछे की वजह है डिस्ट्रिब्यूटर्स और फिल्म से जुड़ें राइट्स। आइए इसको समझते हैं।

रिलीज के पहले ही राइट्स बेच कर कमा लेते हैं प्रोड्यूसर

फिल्म रिलीज के पहले ही प्रोड्यूसर फिल्म से जुड़े सैटेलाइट राइट्स, म्यूजिक राइट्स, डिस्ट्रिब्यूटर्स राइट्स बेच देते हैं। अब ओटीटी प्लेटफॉर्म के आने के बाद उससे जुड़े राइट्स की कमाई से भी प्रोड्यूसर को अच्छा-खासा फायदा होता है। इन राइट्स को बेचकर प्रोड्यूसर फिल्म को बनाने में लगे खर्च को निकालने और यहां तक कि फायदा कमाने में कामयाब रहते हैं।

Advertisement

डिस्ट्रिब्यूटर्स पहले ही लगाते हैं फिल्मों की बोली

फिल्म के रिलीज डेट अनाउंस होते ही डिस्ट्रिब्यूटर्स को फिल्में दिखाई जाती है, जिसके बाद वो फैसला करते हैं कि फिल्म की डिस्ट्रिब्यूटिंग राइट्स के लिए वो कितना पैसा देंगे। डिस्ट्रिब्यूटर्स राइट्स दो तरीकों से खरीदी जाती है। पहला तरीका होता है जिसमें एडवांस में एक अकाउंट डिसाइड कर के पे कर दिया जाता है। वहीं दूसरा तरीका होता है मिनिमम गैरिंटी। इसका तहत अगर डिस्ट्रीब्यूटर प्रोड्यूसर को 20 करोड़ रुपए पे करता है और फिल्म 14 करोड़ ही कमाई करती हैं तो प्रोड्यूसर को मिनिमम गारंटी रखकर डिस्ट्रिब्यूटर्स को 6 करोड़ वापस करने होंगे।

वहीं अगर डिस्ट्रिब्यूटर्स ने एडवांस में पैसे दिए हैं, तो बॉक्स ऑफिस कलेक्शन का पूरा नुकसान उन्हें उठाना पड़ता है।

डिस्ट्रिब्यूटर्स और प्रोड्यूसर के बीच पहले ही हो जाता है एग्रीमेंट

बॉक्स ऑफिस के कलेक्शन लक गेम को देखते हुए डिस्ट्रिब्यूटर्स और प्रोड्यूसर के बीच एक एग्रीमेंट ये भी होता है कि अगर फिल्म ने उम्मीद से ज्यादा की कमाई की तो इसका कितना हिस्सा प्रोड्यूसर को मिलेगा। ये डिस्ट्रिब्यूटर्स और प्रोड्यूसर का म्यूचुअल डिसीजन होता है, जो कि एग्रीमेंट में साफ शब्दों में पहले से मेंशन होता है। एनीमल, बाहूबली और केजीएफ जैसी फिल्मों का फायदा प्रोड्यूसर्स को इसी तरीके से मिलेगा।

सिंडिकेशन राइट्स, म्यूजिक राइट्स, रीमेक राइट्स से मिलता है ज्यादा फायदा

सालों साल तक जो फिल्में हम अपने टीवी सेट्स पर देखते हैं। दरअसल इसकी वजह सिंडिकेशन राइट्स ही हैं। ये वो राइट्स हैं, जो प्रोड्यूसर चैनेल्स को बेचते हैं। ये प्रोड्यूसर पर डिपेंड करता है कि ये राइट्स वो फिल्म के रिलीज के पहले या बाद में बेच रहे हैं। अब ओटीटी प्लेटफॉर्म्स को मिलने वाले राइट्स भी इसी में गिने जाते हैं। वहीं रीमेक राइट्स ज्यादातर साउथ फिल्म इंडस्ट्री के प्रोड्यूसर बेचते हैं, जिसके तहत फिल्मों का हिंदी रीमेक बनाया जाता है।

म्यूजिक राइट्स वो राइट्स होते हैं, जो म्यूजिक कंपनियां खरीदती हैं, या अपने पास रखती हैं। इसमें अब गाना डॉट कॉम जैसी कंपनियां भी जुड़ गई हैं, जो गाने के प्लेस और व्यूज से प्रॉफिट कमाते हैं।

Open in App
Advertisement
Tags :
bollywood moviesBox office Collection
Advertisement
Advertisement