Call Me Bae Review: सस्ती कॉपी से कम नहीं लगती अनन्या पांडे की सीरीज, पूरी देखकर पीट लेंगे माथा
Call Me Bae Review: (By- Ashwani Kumar) करण जौहर के धर्मा प्रोडक्शंस की वेब सीरीज ‘कॉल मी बे’ ओटीटी प्लेटफॉर्म अमेजन प्राइम वीडियो पर रिलीज हो गई है। इस सीरीज का ट्रेलर देखने के बाद उम्मीदें काफी बढ़ गई थीं, हालांकि सीरीज जब देखी गई तो कुछ खास कमाल की नहीं लगी। कुछ हद तक अनन्या पांडे की ये सीरीज निराश करती है। ये सीरीज, जो कि धर्मा प्रोडक्शन की धर्मैटिक डिवीजन की लेटेस्ट की तरफ से पेश की गई है एक अमीर लड़की की कहानी है लेकिन ऐसा लगता है जैसे सीरीज को नकल करके बनाया गया हो और सीरीज सस्ता वर्जन लगती है। चलिए आपको बताते हैं आखिर कैसी है सीरीज की कहानी।
कैसी है सीरीज की कहानी?
‘कॉल मी बे’ की कहानी साउथ दिल्ली के एक अमीर परिवार की बेटी बेला चौधरी यानी कि अन्नया पांडे के इर्द-गिर्द घूमती है, जिसे उसकी मां एक अमीर शहजादे से उसकी शादी का सपना देखती है। वो शहजादा है अगस्त्या। अब बेला लिव इन में तो रहने लगती हैं लेकिन उनका हस्बैंड उन्हें वक्त नहीं दे सकता। नतीजा बेला का अफेयर हो जाता है – अपने जिम ट्रेनर से। जिम ट्रेनर के साथ बेला इंटीमेट होते, हस्बैंड, उनके क्लाइंट और प्रेस के सामने पकड़ी जाती हैं और फिर होता है बायकॉट, हस्बैंड की पहचान से, ससुराल से, मायके से, फैमिली ग्रुप से, शॉपिंग ग्रुप से। ये अफेयर उसके जीवन को उलझा देता है और उसे उसका परिवार और समाज बेदखल कर देता है।
मुंबई में बेला करती है स्ट्रगल
बेला का स्पिरिट एनिमल – आउल, यानि कि उल्लू... उन्हे इंडीकेशन देता है कि मुंबई में उनकी लाइफ़ इंतज़ार कर रही है। 15 हजार का शैंपू और कॉमन जगहों पर बैठने से पहले – सैनेटाइज़र छिड़कर बैठने वाली बेला को मुंबई में के हॉस्टल टाइम को-शेयरिंग रूम अपना वक्त बिताना पड़ता है। अब बेला, जो अपने 5 बैग्स, जिसमें डिज़ाइनर कपड़े, और सुपर एक्सपेसिंव हैंड बैग्स है... उसे अपनी कॉलिंग मिलती है, एक बॉक्सर टाइप का हॉप पैंट पहनने वाले – न्यूज़ एंकर को ट्रोल करके, जो सेलिब्रिटी गेस्ट को अपने शो में बुलाकर, नेशन वॉट्स टू नो.. और सत्य की जीत चीख-चीख, उनके बेहद प्राइवेट सीक्रेट्स को सबको बताता है। बेला टी.आर.पी नाम के इस चैनल में सोशल मीडिया इंटर्न की नौकरी लेती हैं, और मी-टू कैंपन का चेहरा बनती है, जिसमें न्यूज़ एंकर के साथ एक बड़ी टेलिकॉम कंपनी का मालिक शामिल है, जो चीफ़ मिनिस्टर बनना चाहता है।
सीरीज की खासियत और कमी
‘कॉल मी बे’ में कुछ कैमियोज भी हैं, जैसे कि उर्वशी रौतेला, सयानी गुप्ता और करिश्मा तन्ना। हालांकि इस शो में इन कैमियोज के अलावा कुछ भी नया नहीं है। शो की सबसे बड़ी कमी ये है कि ये कई इंटरनेशनल शोज का मिला-जुला प्रोजेक्ट लगता है। बस इसलिए ये सीरीज एक अच्छा प्रभाव नहीं बना पाती। सीरीज की कहानी पहले से ही काफी प्रिडिक्टेबल सी लगती है। इशिता मोइत्रा और कॉलिन डी-कून्हा ने इसे बनाने की पूरी कोशिश की है, लेकिन शो का फॉर्मेट और कहानी कुछ हद तक 'सस्ता वर्जन' ही लगते हैं।
फाइनल वर्डिक्ट
‘कॉल मी बे’ एक ऐसी सीरीज है, जिसमें धर्मा के ग्लैमरस और चकाचौंध भरी दुनिया देखने को मिलती है लेकिन इसके कई हिस्से असली और दिलचस्प से ज्यादा दिखावे भरे लगते हैं। अन्नया पांडे के रोल से लेकर वीर दास के न्यूज एंकर वाले किरदार तक, हर एक्टर कुछ हद तक किसी पहले की सीरीज के किरदारों जैसे ही लगते हैं। ये सीरीज 'एमिली इन पेरिस' की सस्ती कॉपी लगती है। अगर आप एक हल्की-फुल्की ड्रामा देखना चाहते हैं, तो ये शो आपके लिए हो सकता है लेकिन अगर आप कुछ नया और रिफ्रेशिंग ढूंढ रहे हैं, तो ये शो आपको मायूस कर सकता है।
कुल मिलाकर ‘कॉल मी बे’ उम्मीदों पर पूरी तरह से खरा उतरने में नाकाम रही है और इसे 2 स्टार दिए जाते हैं।
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