पुलिसवाले बन न पाए तो फिल्मी दुनिया से जुड़े, जानें छोटे गांव में जन्मे राजपुरोहित की कहानी
Roysa Rajpurohit: एक छोटे से गांव से निकलकर ग्लैमर की दुनिया में नाम कमाने का सपना कई लोग देखते हैं, लेकिन उसे पूरा कुछ बिरले ही कर पाते हैं। गोपाल राज राजपुरोहित उर्फ रॉयसा राजपुरोहित भी उन चंद लोगों में से एक हैं, जिन्होंने अपनी अलग पहचान बनाई है। वह बजरंगी भाईजान, तनु वेड्स मनु रिटर्न्स, आर...राजकुमार और खट्टा मीठा जैसी बड़ी फिल्मों से जुड़ चुके हैं।
पुलिस की वर्दी पहनने का था सपना
17 अगस्त 1989 को राजस्थान के छोटे से गांव शंखवाली में जन्मे राजपुरोहित का बचपन से पुलिस की वर्दी पहनने का सपना था, लेकिन किस्मत ने उनको फिल्मी दुनिया में पहुंचा दिया। सरकारी स्कूल से पढ़ाई के बाद वह महाराष्ट्र आ गए। यहां उन्हें शाहरुख खान की फिल्म स्वदेश की शूटिंग देखने का मौका मिला और इस दुनिया की ओर आकर्षित हो गए।
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मॉडलिंग से की करियर की शुरुआत
राजपुरोहित ने करियर की शुरुआत मॉडलिंग से की और कई टीवी विज्ञापनों में काम किया। बॉलीवुड में उनकी एंट्री 2009 में फिल्म अजब प्रेम की गजब कहानी में लाइन प्रोड्यूसर के रूप में हुई। 2013 में उन्होंने टेलीविजन सीरीज अगले जनम मोहे बिटिया ही कीजो का निर्माण किया। उसी साल जिला गाजियाबाद और आर...राजकुमार जैसी फिल्मों में काम करने का मौका मिला तो उसे भुनाया।
2015 में तनु वेड्स मनु रिटर्न्स और बजरंगी भाईजान के प्रोडक्शन से जुड़े। हालिया परियोजनाओं में जिला गाजियाबाद और तनाव-2 शामिल हैं। उनका अगला प्रोजेक्ट फ्रीडम ऑफ मिडनाइट भी जल्द ही रिलीज होने वाला है।
इस तरह शुरू किया अपना प्रोडक्शन
कुछ समय महाराष्ट्र के महाबलेश्वर में बिताने के बाद रॉयसा ने खुद का प्रोडक्शन हाउस रोअरिंग लायंस प्रोडक्शन शुरू किया। इसके अलावा उन्होंने रफ कॉपी फिल्म्स के बैनर तले भी बड़े प्रोजेक्ट्स में काम किया है। आज उनकी कंपनी महाराष्ट्र, जम्मू-कश्मीर, राजस्थान और लद्दाख समेत कई क्षेत्रों में फिल्म बनाने और टीवी प्रोजेक्ट्स को मैनेज करने का काम कर रही है। बताया जाता है कि इस वक्त उनकी कंपनी का फोकस कश्मीर और राजस्थान पर है। यहां की खूबसूरती और संस्कृति को पर्दे पर दिखाने और एक नई पहचान देने के लिए उनकी कंपनी आगे है।