Harvey Weinstein is Accused of Rape Charges: कुछ दिन पहले मलयालम फिल्म इंडस्ट्री को लेकर एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ था। हेमा कमेटी की रिपोर्ट ने फिल्म जगत के दबे हुए राज को सभी के सामने लाकर खड़ा कर दिया। एक्टर्स, प्रोड्यूसर्स और डायरेक्टर्स की पोल खोलती इस रिपोर्ट में इंडस्ट्री का घिनौना सच सामने आया है। कैसे एक्ट्रेसेस का काम के नाम पर शोषण किया जाता है, इस रिपोर्ट ने सब साफ कर दिया। इसी के बाद अब धीरे-धीरे एक्ट्रेसेस अपने साथ हुए शोषण पर अब खुलकर बात करने लगी हैं।
कुछ ऐसा ही आज से करीब 7 साल पहले देखने को मिला था, जब साल 2017 में शुरू हुआ था 'मीटू मूवमेंट'। इस आंदोलन के तहत कई महिलाओं ने अपने साथ हुए यौन शोषण के बारे में खुलासा किया था।
मीटू आंदोलन या मीटू मूवमेंट एक सामाजिक पहल है जो यौन उत्पीड़न और यौन हमलों के खिलाफ शुरू हुई। इसमें लोग यौन अपराध के आरोपों को सार्वजनिक करते हैं। आपको बता दें "मी टू" शब्द का पहली बार इस्तेमाल यौन उत्पीड़ित और कार्यकर्ता टराना बर्क ने साल 2006 में माई स्पेस पर किया था। हार्वर्ड विश्वविद्यालय ने इस पर एक अध्ययन "लीडिंग विद एम्पैथी: टराना बर्क एंड द मे टू मूवमेंट" नाम से प्रकाशित भी किया है।
बर्क और बाकी के आंदोलनकारियों के मुताबिक, इस आंदोलन का उद्देश्य यौन उत्पीड़न के शिकार लोगों को सहानुभूति और एकजुटता के माध्यम से सशक्त बनाना था। विशेषकर उन महिलाओं को जो आज तक अपने साथ हो रहे शोषण को अंदर ही अंदर दबाकर बैठी थीं।
साल 2018 में हार्वे वेनस्टेन पर नाम आया
मीटू आंदोलन उस वक्त तेजी से फैल गया जब हॉलीवुड के बड़े फिल्म मेकर का नाम कई अमेरिकी एक्ट्रेसेस ने यौन शोषण के मामले में लेना शुरू कर दिया। ये नाम था हार्वे वेनस्टेन। 15 अक्टूबर 2017 को अमेरिकी अभिनेत्री एलिसा मिलानो ने ट्विटर पर लिखा था कि अगर सभी महिलाएं जो यौन उत्पीड़न या यौन हमले का शिकार हुई हैं, वो "मी टू" को अपने स्टेटस में डालें, तो हम सभी को इस समस्या की गंभीरता का एहसास हो सकता है। इसके बाद साल 2018 में हार्वे वेनस्टेन पर कई अमेरिकी हस्तियों जैसे ग्वीनथ पाल्ट्रो, ऐशले जुड, जेनिफर लॉरेंस और उमा थर्मन ने गंभीर आरोप लगाए।
कुछ आरोपों में कहा गया कि वेनस्टेन ने न केवल रेप किया, बल्कि कई महिलाओं के सामने अपमानजनक और अश्लील व्यवहार भी किया। इन खुलासों ने एक व्यापक बहस को जन्म दिया, जिसने मीटू मूवमेंट को जन्म दे दिया। वेनस्टेन पर आरोप लगाने वाली महिलाओं की संख्या 80 से ज्यादा है जिन्होंने उनके खिलाफ यौन उत्पीड़न और बलात्कार के आरोप लगाए हैं। किसी महिला ने हार्वे पर उसके सामने हस्तमैथून करने का आरोप लगाया तो किसी ने फिल्मों में काम देने के बदले सोने की डिमांड रखने का आरोप। हार्वे पूरी तरह से यौन शोषण के आरोपों से घिर गए।
हॉलीवुड में बड़े फिल्ममेकर रहे हार्वे वेनस्टेन
साल 1993 से 2016 के ऑस्कर अवॉर्ड फंक्शन में 34 ऑस्कर अवार्ड जीतने वालों की जुबान पर सिर्फ एक नाम था। ट्रॉफी जीतने वाले मंच पर खुशी जाहिर कर रहे थे। वो अपनों को, अपने ईश्वर को शुक्रिया अदा कर रहे थे। मगर इस बीच एक और शख्स था, जिसे लोगों ने उतनी ही बार याद किया, जितनी बार 'God' को। वो नाम कोई और नहीं बल्कि हार्वे वेनस्टेन का ही था।
कौन है हार्वे वेनस्टेन?
हार्वे वेनस्टेन हॉलीवुड का वो बदनाम फिल्म निर्माता है जिसके ऊपर एक्ट्रेसेस के रेप करने जैसे गंभीर आरोप लगे हैं। 19 मार्च 1952 को जन्मे अमेरिकी पूर्व फिल्म निर्माता पर यौन शोषण के कई आरोप लगे है जिनमें से कितने मामलों में तो वो दोषी भी पाया गया है। साल 1979 में वेनस्टेन और उनके भाई बॉब वेनस्टेन ने मिलकर एंटरटेनमेंट कंपनी मिरामैक्स की स्थापना की थी, जिसने कई सफल फिल्में बनाई जैसे कि 'सेक्स, लाइज और वीडियोटेप'।
इसके अलावा 'द क्राइंग गेम' (1992); 'पल्प फिक्शन' (1994); 'हेवनली क्रिएचर्स' (1994); 'फ्लर्टिंग विद डिसास्टर' (1996) और 'शेक्सपियर इन लव' (1998)। वेनस्टेन ने 'शेक्सपियर इन लव' के लिए अकादमी अवार्ड भी जीता और प्ले और म्यूजिकल्स के लिए सात टॉनी अवार्ड भी जीते, जिनमें 'द प्रोड्यूसर्स', 'बिली इलियट द म्यूजिकल' और 'अगस्त: ओसेज काउंटी' शामिल हैं। मिरामैक्स छोड़ने के बाद हार्वे वेनस्टेन और उनके भाई बॉब ने कंपनी वेनस्टेन की स्थापना की, जो एक मिनी-मेजर फिल्म स्टूडियो है। इस कंपनी में वो साल 2005 से 2017 तक बॉब के साथ सह-अध्यक्ष रहे।
मई 2018 में वेनस्टेन हुआ गिरफ्तार
इन आरोपों के बाद हार्वे को एंटरटेनमेंट कंपनी मिरामैक्स से तुरंत हटा दिया गया। इसके अलावा अकादमी ऑफ मोशन पिक्चर आर्ट्स एंड साइंसेज से भी उसे निष्कासित कर दिया गया। इस घटना के बाद दुनिया भर में मीटू के कई मामले सामने आए और इस अभियान को "वेनस्टेन इफेक्ट" के नाम से भी जाना गया।