Netflix के कंटेंट हैड की मुश्किलें क्यों बढ़ीं? वेबसीरीज IC 814... की कहानी पर उठे सवाल
IC 814: The Kandahar Hijack Controversy: हाल ही में ओटीटी प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स पर 25 साल पुरानी एक सच्ची घटना पर आधारित सीरीज 'आईसी 814: द कंधार हाईजैक' रिलीज हुई। सीरीज को रिलीज होते ही फैंस का खूब प्यार मिला। हालांकि अब ये सीरीज विवादों में आ गई है। इतना ही नहीं बल्कि इस विवाद की वजह से अब नेटफ्लिक्स की भी मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं।
नेटफ्लिक्स कंटेंट हेड को समन
रिपोर्ट्स की मानें तो मिनिस्ट्री ऑफ इनफार्मेशन एंड ब्रॉडकास्टिंग ने IC 814: The Kandahar Hijack सीरीज कंटेंट विवाद को लेकर नेटफ्लिक्स कंटेंट हेड को तलब किया है। कंटेंट हेड को समन जारी होते ही अब लग रहा है कि इस मामले में नेटफ्लिक्स की मुश्किलें बढ़ गई हैं। कथित तौर पर मिल रही इस जानकारी के बाद लोगों को भी चिंता हो रही है कि इस मामले में अब क्या नया मोड़ आने वाला है।
Netflix Content Head has been summoned tomorrow by the Ministry of Information & Broadcasting over the 'IC814' web series content row: Sources
— ANI (@ANI) September 2, 2024
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, 'आईसी 814: द कंधार हाईजैक' के रिलीज होते ही इसके बायकॉट की मांग उठी और एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर भी ये ट्रेंड करने लगा। साल 1999 में हुए 'कंधार हाईजैक' की इस कहानी पर लोगों ने तब सवाल खड़े किए जब इस सीरीज में आतंकवाद के कुकृत्य को छिपाने की कोशिश हुई। गौरतलब है कि ये कहानी एक सच्ची घटना पर आधारित है और आतंकवाद की हैवानियत को छिपाने की कोशिश की गई है। साथ ही हिन्दुओं को बदनाम करने की साजिश रचने का भी आरोप है। गौरतलब है कि जिन लोगों ने प्लेन हाईजैक किया था, उनका नाम इब्राहिम अख्तर, शाहिद अख्तर, सन्नी अहमद, जहूर मिस्त्री और शाकिर था, लेकिन सीरीज में आतंकवादियों के बदले हुए हैं और बदलकर भोला और शंकर रखे गए हैं।
क्या है कहानी?
'आईसी 814: द कंधार हाईजैक' की कहानी की बात करें तो इस सीरीज में भारत के उन 7 दिनों की कहानी है, जिसके लिए उस वक्त की मौजूदा सरकार ने आलोचना का भी सामना किया था। काठमांडू से भारतीय विमान IC 814 ने दिल्ली के लिए उड़ान भरी थी, लेकिन प्लेन दिल्ली पहुंचने से पहले ही 'हाईजैक' हो गया था। प्लेन को 'हाईजैक' करने वाले आतंकवादियों ने मांग की थी कि इस विमान के बदले उन्हें जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर जैसे 3 खतरनाक आंतकियों की रिहाई चाहिए। हालांकि मौजूदा सरकार के लिए ये फैसला बेहद मुश्किल था, लेकिन मासूमों को बचाने के लिए सरकार के पास भी कोई रास्ता नहीं था।
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