IC 814: The Kandahar Hijack सीरीज के वो सीन, जो हैं बेहद इमोशनल, किसी की भी भर आएंगी आंखें

IC 814: The Kandahar Hijack Series Emotional Scene: एक सच्ची घटना पर आधारित 'आईसी 814: द कंधार हाईजैक' सीरीज ओटीटी पर आ चुकी है। इस सीरीज के कुछ सीन ऐसे हैं, जो बेहद भावुक करते हैं। आइए जानते हैं कि वो कौन-से सीन हैं?

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IC 814: The Kandahar Hijack

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IC 814: The Kandahar Hijack Series Emotional Scene: एक सच्ची घटना पर आधारित 'आईसी 814: द कंधार हाईजैक' सीरीज ओटीटी पर आ चुकी है। सच्ची घटना पर कहानी है, तो इमोशनल हो होगी ही, लेकिन इस सीरीज के कुछ सीन ऐसे हैं, जो किसी को भी इमोशनल कर सकते हैं। भारत का विमान आईसी 814 जब हाईजैक हुआ, तब पूरे देश में सनसनी फैल गई थी और हर किसी को अपने करीबी की चिंता सता रही थी। इस सीरीज के कौन-से वो सीन हैं, जो बेहद भावुक करते हैं। आइए जानते हैं...

आईसी 814: द कंधार हाईजैक के इमोशनल सीन्स

स्पेशल चाइल्ड का फ्लाइट में होना

किसी को नहीं पता था कि भारतीय विमान आईसी 814 अपनी उड़ान के कुछ ही देर बाद हाईजैक कर लिया जाएगा। जब ये प्लेन हाईजैक हुआ, तो इसमें वो स्पेशल चाइल्ड भी था, जिसको दुनिया की किसी चीज से कोई मतलब नहीं था, लेकिन वो भी अपहरणकर्ताओं के निशाने पर था। जब इस प्लेन से दुबई में महिलाएं और बच्चे रिहा किए गए, तो ये बच्चा इसी विमान में रह जाता है और उसको नहीं पता की उसकी मां कहां गई। जैसे-तैसे वो अपने पिता के पास जाता है और उस वक्त उसके पिता का रिएक्शन किसी की भी आंखें नम कर सकता है।

नई नवेली दुल्हन

इस फ्लाइट में एक न्यूली वेड कपल भी था। कपल की कुछ दिनों पहले ही शादी हुई थी, लेकिन अपहरणकर्ताओं ने इस दुल्हन से उसके पति को ये कहकर अलग किया कि बस आगे बिजनेस क्लास में बैठा रहे हैं। चीजें कुछ देर तक ठीक चलती रहीं, लेकिन फिर अपहरणकर्ताओं ने उस चंद दिन की दुल्हन की मांग का सिंदुर ही मिटा दिया। इसमें ये हैरत की बात नहीं है कि अपहरणकर्ताओं ने उसको शख्स को मार दिया बल्कि ये हैरत था कि जिस पति की सलामती की दुआ वो दुल्हन कर रही थी वो अब इस दुनिया में ही नहीं रहा और वो इसके बारे में जानती भी नहीं थी।

पेंट में यूरिन

इस सबमें सबसे ज्यादा दिल तब भरता है, जब एक 13-14 साल का बच्चा अपहरणकर्ताओं से कहता है कि उसे यूरिन आया है, लेकिन हाईजैकर ने कहा कि इसके लिए भी वो बताएगा और जब वो कहेगा तब वो टॉयलेट जा सकता है। बच्चा था, ना समझ था, तो उस मासूम का गुस्सा अपहरणकर्ता पर फूटता और और फिर वही होता है जो एक हाईजैकर कर सकता है। जी हां, इसके बाद हाईजैकर बच्चे को तमाचा जड़ता है और कहता है कि जो कहा है वो करो और चुप बैठो। उम्र में कम और भावनाओं से भरे उस बच्चे का ऐसा कंट्रोल छूटता है कि वो विमान की उसी सीट पर बैठे-बैठे अपनी पेंट में ही यूरिन कर देता है।

टॉयलेट साफ

इस सीरीज का सबसे ज्यादा इमोशनल सीन यही है। इस सीन में दिखाया जाता है कि प्लेन का टॉयलेट ब्लॉक हो गया है और बेहद गंदगी से भरा है। इतनी बदबू और गंदगी में कोई एक सेकंड ना रह पाए, लेकिन किसी को प्लेन में आने की इजाजत नहीं होती और टॉयलेट साफ नहीं होता। तब विमान की केबिन क्रू हिम्मत जुटाकर खुद ही टॉयलेट साफ करने के लिए आगे बढ़ती है, लेकिन इस सबमें उसकी जो हालत होती है, वो वही समझ सकती है। उल्टी, बदबू और एनजाइटी से वो कैसे खुद को कंट्रोल करती है, ये उसी को पता है।

आतंकियों को छोड़ने का फैसला

सीरीज का सबसे आखिरी सीन जिसमें भारत सरकार आतंकियों को छोड़ने का फैसला लेती है। ये फैसला मौजूदा सरकार के लिए बिल्कुल आसान नहीं होता। एक तरफ शहीदों की कुर्बानी और दूसरी और मासूमों की जान... असमंजस में फंसी भारत सरकार ने कैसे ये फैसला लिया होगा, ये तो उस वक्त पदों पर मौजूद अधिकारी ही जानते हैं। इस फैसले के बाद अब देशवासी अपने देश लौटे पर सबकी आंखें भरी हुई थीं... ये दुखों से भरी वो खुशी थी, जिसकी कीमत तत्कालीन भारत सरकार ने अपनी आलोचना से चुकाई थी।

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