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'मुझे कभी भी पकड़ नहीं पाओगे', सिर धड़ से अलग कर पुलिस को देता था धमकी, Netflix की सबसे डरावनी कहानी

Indian Predator The Butcher Of Delhi: बिहार का रहने वाला चंद्रकांत झा बेरहमी से दिल्ली में लोगों को मारता था और लाश के टुकड़े तिहाड़ जेल के बाहर फेंक देता था। नेटफ्लिक्स पर रिलीज हुई इस डॉक्यूमेंट्री की कहानी सुनकर आप भी दंग रह जाएंगे।
06:42 PM Sep 14, 2024 IST | Himanshu Soni
 मुझे कभी भी पकड़ नहीं पाओगे   सिर धड़ से अलग कर पुलिस को देता था धमकी  netflix की सबसे डरावनी कहानी
Indian Predator The Butcher Of Delhi

Indian Predator The Butcher Of Delhi: दिल्ली की गलियों में साल 2006 में हुए भयावह हत्याकांड की सच्ची कहानी जिसे सुनकर आज भी रोंगटे खड़े हो जाते हैं। ऐसा डरावना मामला जिसके बारे में सुनकर आज भी ना ही सिर्फ दिल्ली के लोग बल्कि पूरा देश कांप उठता है। उस साल इस मामले के बारे में जिस किसी ने भी सुना वो हैरान रह गया नेटफ्लिक्स पर 'इंडियन प्रीडेटर: द बुचर ऑफ दिल्ली' डॉक्यूमेंट्री में दिखाई गई इस कहानी में दिल्ली के खौफनाक हत्यारे चंद्रकांत झा के उन गुनाहों को दिखाया गया है जो शायद कोई सपने में भी नहीं सोच सकता।

दिल्ली का सबसे खतरनाक हत्यारा चंद्रकांत झा

आयशा सूद द्वारा निर्देशित इस डॉक्यूमेंट्री ने दर्शकों को दिल्ली के सबसे खतरनाक हत्यारे चंद्रकांत झा के सीरियल मर्डर्स देखने को मिलते है जो साल 2006 में सबके सामने आए थे। चंद्रकांत झा, जो बिहार का निवासी था वो दिल्ली में आकर एक खतरनाक हत्यारा बन गया। उसका दिमाग इतना सनकी था कि वो हत्याओं को इतनी बेरहमी से अंजाब देता था कि किसी की भी सुनकर रूह कांप जाए। उसके मंसूबे किसी भी सामान्य व्यक्ति की सोच से परे थे।

चंद्रकांत झा ने कुल 44 मर्डर किए?

अपने शिकार को मौत के घाट उतारने के बाद उनके शवों के टुकड़े कर वो दिल्ली की गलियों में फेंक देता था। उसका सबसे सनसनीखेज तरीका था कि वो हत्या के बाद तिहाड़ जेल के सामने लाशें फेंक देता और पुलिस को खुली चुनौती देता कि वो उसे पकड़कर दिखाए।

ये डॉक्यूमेंट्री चंद्रकांत झा के तीन हत्याओं की कहानी को प्रमुखता से दर्शकों के सामने पेश करती है। साल 2006 में दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में पुलिस को कई लाशें मिलीं, जिनके सिर कटे हुए थे। हत्यारे ने पहली और दूसरी लाश तिहाड़ जेल के पास ही फेंकी और तीसरी लाश को टुकड़ों-टुकड़ों में कई जगहों पर छुपा दिया। स्थानीय लोगों का कहना है कि चंद्रकांत झा ने कुल मिलाकर 44 लोगों की हत्या की थी, हालांकि इस बात का कोई ठोस प्रूफ नहीं है।

दिल्ली पुलिस के लिए बड़ी चुनौती

दिल्ली पुलिस के लिए ये मामला एक चुनौतीपूर्ण पहेली बन गया था। चंद्रकांत झा ने पुलिस के साथ एक अजीब खेल खेला था। उसने कई लाशों के पास चिट्ठियां छोड़ीं, जिनमें लिखा था, 'तुम लोग मुझे कभी भी पकड़ नहीं पाओगे, तुम्हारे इंतजार में तुम्हारा बाप और जीजा।' इन चिट्ठियों में पुलिस को गालियां भी दी गईं। चंद्रकांत की येचुनौती पुलिस के लिए सिरदर्द साबित हो रही थी।

हालांकि पुलिस ने इस सनकी हत्यारे को पकड़ने के लिए एक मास्टर स्ट्रोक तैयार किया था। जब चंद्रकांत झा ने तीसरी हत्या की तो पुलिस को उसके कुछ सुराग मिले। वो अक्सर एक डॉक्टर के पास जाता था और पुलिस ने उस डॉक्टर का पता लगाकर झा के खिलाफ एक रणनीति तैयार की। इसके बाद पुलिस ने चंद्रकांत का स्केच तैयार किया और एक जाल बिछाया। साल 2007 में इस जाल के जरिए चंद्रकांत झा को गिरफ्तार कर लिया गया।

चंद्रकांत को हुई उम्रकैद की सजा

चंद्रकांत को पहले फांसी की सजा सुनाई गई लेकिन बाद में उसकी सजा उम्रकैद में बदल दी गई। साल 2022 में उसने पैरोल की मांग की, लेकिन उसे नकार दिया गया। वर्तमान में चंद्रकांत झा तिहाड़ जेल में उम्रकैद की सजा काट रहा है।

'इंडियन प्रीडेटर: द बुचर ऑफ दिल्ली' डॉक्यूमेंट्री ने इस घटनाक्रम की पूरी कहानी को पर्दे पर पेश किया है, और ये दर्शकों को एक असामान्य और भयानक अपराध की सच्चाई से परिचित कराती है। अगर आप क्राइम और सस्पेंस से भरपूर कंटेंट के शौकीन हैं, तो ये डॉक्यूमेंट्री आप जरूर देख सकते हो।

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