जवान बेटे की अर्थी देखी, कंगाली तक झेली, टूरिस्ट गाइड थे रातों-रात चमकी थी किस्मत; जानें कैसे बने सुपरस्टार?
ग्लैमर और चकाचौंध से भरी फिल्म इंडस्ट्री में अधिकतर स्टार्स को काफी संघर्ष का सामना करना पड़ता है। पर्दे पर हंसते-मुस्कुराते दिखने वाले इन स्टार्स को असल जिंदगी में कई बार मुश्किलों से गुजरना पड़ता है। आज हम आपको बॉलीवुड के ऐसे ही दिग्गज अभिनेता के बारे में बताएंगे, जिन्होंने जब-जब फिल्मी पर्दे पर एंट्री की अपनी शानदार एक्टिंग से फैंस को दीवाना बना दिया। बॉलीवुड से हॉलीवुड तक अपनी एक्टिंग की छाप छोड़ चुके इस एक्टर की निजी जिंदगी आसान नहीं थी। खासतौर पर वो समय जब उन्हें अपने 26 साल के जवान बेटे की अर्थी को कंधा देना पड़ा था।
इस फिल्म से मिली पॉपुलैरिटी
हम बात कर रहे हैं फिल्म इंडस्ट्री के दिग्गज एक्टर कबीर बेदी (Kabir Bedi) की जिन्होंने 'ताजमहल: एन इंटरनल लव स्टोरी' में बादशाह शाहजहां का किरदार निभाया और 1980 के दशक की हिट 'खून भरी मांग' में खलनायक बनकर रातों-रात पॉपुलैरिटी हासिल की। हिंदी सिनेमा से डेब्यू कर चुके कबीर बेदी ने अपने करियर की शुरुआत थिएटर से की थी। इसके अलावा वो यूरोप में बतौर स्टार काफी मशहूर हैं।
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जवान बेटे की मौत से लगा सदमा
कबीर बेदी की प्रोफेशनल लाइफ के साथ ही पर्सनल लाइफ भी काफी चर्चा में रही है। डांसर प्रोतिमा बेदी से हुई थी, जबकि दूसरी शादी ब्रिटिश फैशन डिजाइनर सुसान हम्फ्रेस से हुई। तीसरी शादी निक्की बेदी से हुई। तीनों ही शादियां नहीं चल सकीं। फिर चौथी शादी उन्होंने साल 2016 से परवीन दुसांज से की है। चार बार शादी कर चुके एक्टर के तीन बच्चे पूजा बेदी, सिद्धार्थ और एडम हैं। हालांकि सिज़ोफ्रेनिया के कारण उन्होंने अपने 26 वर्षीय बेटे सिद्धार्थ को खो दिया था। एक इंटरव्यू में खुद कबीर बेदी ने अपने जवान बेटे की मौत का जिक्र करते हुए कहा था, 'मेरे बेटे सिद्धार्थ की 1997 में मौत हो गई थी। उसके निधन का मुझपर काफी गहरा असर पड़ा था।'
अपनी लिखी किताब पर की बात
हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान कबीर बेदी ने अपनी किताब ‘स्टोरीज आई मस्ट टेल’ पर बात करते हुए कहा, 'मैंने अपनी किताब को दिल से लिखा है। किताब में हर उस पहलू का जिक्र है, जब मैं संघर्ष से जूझ रहा था। बैंकरप्ट हो चुका था। मेरा बेटा सिज़ोफ्रेनिया से जूझ रहा था तब मैंने अपने बेटे को आत्महत्या करने से रोकने की कोशिश की, लेकिन मैं ऐसा नहीं कर सका और मुझे लगा कि मैं दोषी हूं। उस समय मेरे पास पैसे नहीं थे। मुझे नहीं पता था कि मुझे क्या करना चाहिए। यह सब मेरी जर्नी का हिस्सा रहा है।'