भरोसा और वादा छिपा रहा कई अंधेरे राज, क्या दिल और दिमाग का हिसाब कर पाएगा कर्म? Karmma Calling...
Karmma Calling, नैन्सी तोमर: कहते हैं कि आप जो कर्म करते हैं, उसके हिसाब से ही आपको फल भी मिलता है। डिज्नी प्लस हॉटस्टार पर आई मशहूर अभिनेत्री रवीना टंडन की वेब सीरीज 'Karmma Calling...' इन दिनों खूब चर्चा में है। ये एक ऐसी कहानी है, जो दौलत और शोहरत में फंसे प्यार को नहीं समझ पाई, जिसमें इमोशंस तो हैं, लेकिन दौलत के पैरों तले रौंद दिए जाते है। हां, कहानी का असली पॉइंट है, रिवेंज... जो एक बेटी किसी भी हालत में लेकर रहेगी।
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क्या है 'Karmma Calling...' की कहानी?
इस सीरीज की कहानी की बात करें तो सात एपिसोड की इस सीरीज में असली पॉइंट तो पूरा नहीं हो पाया, लेकिन प्यार, दौलत और बदला पूरी तरह से काम कर रहा है। ये कहानी है उस बेगुनाह बाप की जो अपनी सात साल की बेटी से बेहद प्यार करता था, लेकिन दौलत ने ना सिर्फ एक बेटी से उसका पिता छीना बल्कि एक ईमानदार इंसान से उसकी ईमानदारी भी छीन ली।
कौन गुनाहगार और कौन बेकसूर?
अब जब उस पिता की वो मासूम सी बच्ची बड़ी होकर अपने पिता के गुनाहगारों को सजा देने आती है, तो दुश्मनों की फौज में कौन गुनाहगार और कौन बेकसूर? दौलत का झूठा नकाब उतारने के लिए एक पिता की बेटी अंबिका महेरा नहीं बल्कि आती है कर्मा तलवार....???? क्योंकि 'Karmma Calling...' दरअसल, अपने पिता के गुनाहगारों को सजा देने के लिए अंबिका कर्मा तलवार बनकार, कोठारीज को बर्बाद करने आती है और धीरे-धीरे वो अपने मकसद में कामयाब होने लगती है।
हर तरफ लव-ट्रायंगल
ये कहानी बड़ी दिलचस्प है क्योंकि इसमें कौन किससे प्यार करता है ये पहचानना बड़ी चुनौती है। हर तरफ एक लव-ट्रायंगल बना हुआ है। कर्मा अपने पिता की मौत का बदला तो ले रही है, लेकिन साथ ही वो कोठारीज के इकलौते वारिस 'आहान' के प्यार में भी है। हां, वहीं कोठारीज का इकलौता वारिस 'आहान', जो अपने मां-बाप से बेहद अलग है और एक आम इंसान की जिंदगी जीना चाहता है।
चंद रुपयों के लिए बर्बाद कर दी एक मासूम की जिंदगी
इतना ही नहीं बल्कि कोठारीज की इकलौती बेटी भी एक आम कैफे वाले के प्यार में पड़ा जाती है। अब क्या इंद्राणी और कौशल अपनी इज्जत बचाएंगे या अपने बच्चों की खुशी के लिए झुक जाएंगे। ऑफकोर्स नो.... क्योंकि जो इंसान अपनी खुशियों और चंद रुपयों के लिए एक मासूम की जिंदगी को बर्बाद कर दें, तो उसके लिए तो उसके इज्जत पहले ही आनी है।
धोखेबाज या वफादार
एक तरफ कर्मा तलवार बनकर आई अंबिका मेहरा अपने पिता की मौत का बदला लेने में कोई कसर नहीं छोड़ रही, तो दूसरी तरफ इंद्राणी के लिए सांस लेना भी मुश्किल होता जा रहा है। कभी वो अपनी पति के अफेयर से परेशान है, तो कभी अपने चहेते समीर की धोखेबाजी से.... ना ना.... समीर और धोखेबाज,,, बिल्कुल नहीं। इस पूरी कहानी में एक समीर ही तो है, जो पूरी वफादारी से अपना काम करता है, लेकिन फिर भी कर्मा सामने आता है।
कर्मा तलवार या अंबिका मेहरा?
कर्मा भले ही सामने आता हो, लेकिन समीर उन लोगों में से है, जो अपनी तकदीर बदलना जानता है और इसके लिए वो कर्मा तलवार बनीं अंबिका मेहरा तक पहुंच जाता है यानी उसे असली कर्मा तलवार मिल जाती है और अब क्या सच सामने... लेकिन कहते हैं ना कि इंसान की खोपड़ी है कितना भी भर लो कभी नहीं भरती और यहां अंबिका मेहरा यानी कर्मा तलवार उसे भी वैसे ही इस्तेमाल करती है, जैसा पूरी कहानी में हर कोई एक-दूसरे को करता आ रहा है।
हिसाब तो देना होगा, क्योंकि 'Karmma Calling...'
अब जब इंद्राणी सच के इतने करीब है, तो क्या उसे सच पता लगेगा? क्या इंद्राणी जान पाएगी कि जो भी उसके साथ हो रहा है वो क्यों हो रहा है? क्या इंद्राणी समझ पाएगी कि इंसान के कर्म उसके सामने आते हैं? या फिर उसे भी अपने कर्मों का फल भुगतना होगा...क्योंकि कर्मा कॉलिंग.... 'Karmma Calling...'