कई बार रिजेक्ट हुए, तंग आकर की सुसाइड की कोशिश, ऐसे मिली कामयाबी; आज दौलत भी है और शोहरत भी
Manoj Bajpayee Birthday: फिल्म इंडस्ट्री में ऐसे कई स्टार्स हैं, जिनके लिए स्टारडम बिल्कुल आसान नहीं रहा। गुड लुक्स और डैशिंग बॉडी नहीं होने से इन स्टार्स को रिजेक्शन मिलना आम बात रही है। कहना गलत नहीं होगा कि फिल्म इंडस्ट्री जहां एंटरटेनमेंट के लिए होती है वहीं स्टार्स को शुरुआत में सिर्फ रिजेक्शन झेलना पड़ता है। कई बार ये स्टार्स तंग आकर सुसाइड तक करने की कोशिश कर लेते हैं। आज हम आपको इंडस्ट्री के ऐसे ही एक स्टार से रूबरू कराएंगे, जिन्होंने हिम्मत नहीं हारी और पूरी मेहनत से कदम आगे बढ़ाया। इसी हौंसले और जुनून के चलते आज वो अपने फैंस के बीच 'फैमिली मैन' बनकर पॉपुलर हो चुके हैं। हम बात कर रहे हैं मनोज बाजपेयी की, जो आज अपना जन्मदिन सेलिब्रेट कर रहे हैं।
बचपन में एक्टर बनने की हुई भविष्यवाणी
मनोज बाजपेयी का जन्मदिन 23 अप्रैल, 1969 को एक किसान के घर पर हुआ था। उन्हें बचपन से एक्टिंग का शौक था इसलिए महज 9 साल की उम्र में ठान लिया था कि वो एक्टर ही बनेंगे। खुद पंडित ने भी मनोज बाजपेयी के पैदा होते ही भविष्यवाणी कर दी थी कि वो अभिनेता ही बनेंगे। उनके पेरेंट्स ने जब बचपन में एक्टर की कुंडली बनवाई थी तभी पंडित ने बता दिया था कि ये बच्चा या तो नेता बनेगा या अभिनेता। आज उनकी एक बात सच हो चुकी है और मनोज बाजपेयी इंडस्ट्री में नहीं बल्कि अपने फैंस के बीच भी काफी मशहूर हैं।
बचपन से था एक्टिंग का शौक
हालांकि एक्टर बनने का सफर मनोज बाजपेयी के लिए बिल्कुल आसान नहीं था। एक इंटरव्यू के दौरान एक्टर ने खुद बताया था, 'मैं किसान का बेटा हूं। मैं बिहार के छोटे से गांव में पैदा हुआ हूं और पांच भाई-बहनों के साथ पला-बढ़ा हूं। मुझे बचपन से एक्टिंग का शौक था। इसलिए जब भी हम शहर की बाजार जाते थे तो अमिताभ बच्चन की फिल्म जरूर देखते थे। मैं उनका बहुत बड़ा फैन था। इसलिए 17 साल की उम्र में मैंने दिल्ली यूनिवर्सिटी में एडमिशन लिया और थिएटर करना शुरू कर दिया।'
रिजेक्ट होने पर की सुसाइड की कोशिश
मनोज बाजपेयी ने बताया था कि शुरुआती समय में उन्होंने एनएसडी में अप्लाई किया लेकिन उन्हें तीन बार रिजेक्ट कर दिया गया था। इससे वह इतना परेशान हो गए थे कि उन्होंने तीन बार सुसाइड तक करने की कोशिश कर डाली थी। एक्टर ने बताया था, 'मैं ऑडिशन देने के लिए गया था, तब एक असिस्टेंट डायरेक्टर ने मेरा फोटो फाड़ दिया था। मुझसे तीन प्रोजेक्ट छीन लिए गए थे। वो दिन काफी मुश्किल थे कि मेरे पास किराया देने तक के पैसे नहीं होते थे। यहां तक कि वड़ा पाव खरीदना भी मुश्किल हो जाता था।'
मनोज बाजपेयी ने अपने करियर की शुरुआत 1994 में 'द्रोहकाल' से की। हालांकि उन्हें असली पहचान राम गोपाल वर्मा की 1998 की अपराध ड्रामा फिल्म 'सत्या' से मिली। इस फिल्म में गैंगस्टर भीकू म्हात्रे की भूमिका निभाकर मनोज काफी पॉपुलर हो गए। उनकी ये पॉपुलैरिटी आज भी कायम है।