Exclusive : हार्दिक की संपत्ति में से नताशा को नहीं मिलेगा एक भी रुपया! एक्सपर्ट बोले- सिर्फ गुजारा-भत्ते का हक
Hardik Pandya and Natasa Stankovic Divorce Rumours : हार्दिक पांड्या और पत्नी नताशा स्टेनकोविक के तलाक की खबरों के बीच संपत्ति बंटवारे को लेकर भी कई तरह की बातें सामने आ रही हैं। कोई कह रहा है कि हार्दिक को 50 फीसदी संपत्ति देनी होगी तो कोई कह रहा है कि 70 फीसदी संपत्ति देनी होगी। इसी बीच उनका एक वीडियो भी काफी वायरल हो रहा है, जिसमें वह कह रहे हैं कि उन्होंने अपनी मां के साथ जॉइंट अकाउंट खुलवाया हुआ है। ऐसे में उनकी 50 फीसदी संपत्ति सुरक्षित है और इसे वह किसी से साथ शेयर नहीं करने वाले। वहीं अगर हार्दिक का नताशा से तलाक होता है तो उनकी सपंत्ति का बंटवारा कैसे होगा, इसके बारे में हमने एक्सपर्ट्स से बात की:
पहले यह देखना होगा कि तलाक के लिए केस कहां फाइल होगा
नताशा स्टेनकोविक सर्बिया की नागरिक हैं। वह मॉडल हैं और बॉलीवुड फिल्मों में भी काम करती हैं। उन्होंने साल 2020 में हार्दिक के साथ शादी की थी। कड़कड़डूमा कोर्ट में एडवोकेट और तलाक मामलों के एक्सपर्ट मनीष भदौरिया बताते हैं कि संपत्ति का बंटवारा तब होगा जब तलाक का केस फाइल किया जाएगा। चूंकि नताशा यूरोपीयन देश सर्बिया की नागरिक हैं। ऐसे में पहले यह देखा जाएगा कि वह तलाक के लिए किस देश में केस फाइल करती हैं। उनके पास दोनों देशों में केस फाइल करने का हक है।
भारत में फाइल होता है तो यह होगी स्थिति
सुप्रीम कोर्ट में एडवोकेट अंकित गुप्ता बताते हैं कि नताशा अगर भारत में केस फाइल करती हैं तो उन्हें हार्दिक की संपत्ति में से कुछ नहीं मिलेगा। वह सिर्फ गुजारा-भत्ते की हकदार होंगी। अंकित गुप्ता बताते हैं कि अगर किसी शख्स की खुद की कमाई कोई संपत्ति है तो उस पर किसी भी शख्स चाहे वह पत्नी हो, मां-बाप हों या संतान हो, कोई हक नहीं होता। ऐसे में हार्दिक पांड्या के पास जो भी संपत्ति है, उसमें से उनकी पत्नी नताशा को कुछ नहीं मिलेगा। फिर इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि उन्होंने अपने मां के नाम के साथ जॉइंट अकाउंट खोला हो या नहीं।
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इतना मिलेगा गुजारा-भत्ता
हर पुरुष अपनी मां, पत्नी और बच्चों की देखभाल के लिए उन्हें गुजारा-भत्ता देने का कानूनी हकदार होता है। वह इस जिम्मेदारी से नहीं भाग सकता। यही स्थिति हार्दिक और नताशा पर लागू होती है। जब बात हार्दिक द्वारा नताशा को गुजारा-भत्ता देने की आएगी तो वह इस जिम्मेदारी से नहीं भाग सकते। इसे मेंटेनेंस के रूप में दी गई रकम कहा जाता है। यह रकम देने के भी कानूनी पहलू हैं। चूंकि नताशा भी कमाती हैं। ऐसे में उन्हें मेंटेनेंस के रूप में बहुत ज्यादा रकम नहीं मिलेगी। इसे ऐसे समझें:
- मान लीजिए, हार्दिक महीने के 100 रुपये कमाते हैं। वहीं नताशा महीने के 60 रुपये कमाती हैं। ऐसे में नताशा की कमाई को हार्दिक की कमाई में से घटाया जाएगा। 100 रुपये में से 60 रुपये निकालने पर 40 रुपये बचते हैं।
- अगर हार्दिक रकम को कहीं ऐसी जगह खर्च करते हैं जहां से कोई संपत्ति न बन रही हो ( होम लोन की EMI, कहीं दूसरे जगह निवेश आदि को छोड़कर) तो उसे भी इसमें से घटाया जाएगा। अगर वह हर महीने 10 रुपये दवाई आदि में खर्च करते हैं तो 40 रुपये में से 10 रुपये घटाए जाएंगे।
- अब जो 30 रुपये बचेंगे, उसमें से नताशा को गुजारा-भत्ता दिया जाएगा। अमूमन इस रकम में से एक तिहाई रकम तक ही गुजारा-भत्ते के रूप में दी जा सकती है। चूंकि इनका एक बच्चा है तो एक तिहाई हिस्सा उसको भी देना होगा। इस रकम को देने के बाद जो रकम बचेगी, वह हार्दिक पांड्या रखेंगे।
- 30 रुपये में से एक तिहाई हिस्सा यानी 10 रुपये नताशा को, एक तहाई हिस्सा यानी 10 रुपये उनके बच्चे को मिलेंगे। बाकी के 10 रुपये हार्दिक पांड्या अपने पास रखेंगे।
- इसके अलावा नताशा को हार्दिक के घर में रहने का भी कानूनी हक मिलेगा यानी वह हार्दिक के घर में बच्चे के साथ रह सकती हैं।