40 रुपये की दिहाड़ी पर किया काम, जंगल की झोपड़ी में रहा ये मशहूर एक्टर; आज है OTT किंग
Jitendra Kumar: ओटीटी के किंग बनकर लोगों के दिलों पर हुकूमत करने वाले मशहूर एक्टर जितेंद्र कुमार ने अब कई ऐसे खुलासे किए हैं। उन्होंने अपनी लाइफ के कुछ ऐसे पन्ने खोल दिए हैं जिन्हें अब तक किसी ने नहीं पढ़ा था। 'जीतू भैया' और 'सचिव जी' के नाम से मशहूर जितेंद्र कुमार ने अब अपने एक हालिया इंटरव्यू में कुछ पुरानी यादों का जिक्र किया है और बताया है कि वो कैसे घर में रहा करते थे और पैसे कमाने के लिए क्या-क्या करते थे। आप भी जब उनके घर की कहानी सुनेंगे तो चौंक जाएंगे।
झोपड़ी में रह चुके जितेंद्र कुमार
जितेंद्र से जब उनके पहले घर के बारे में पूछा गया कि उन्हें सबसे पहली चीज क्या याद आती है? तो एक्टर ने अपने घर की स्टोरी सुनाई। उन्होंने कहा, 'पहले जंगल में एक कमरा हुआ करता था और एक छपरा हुआ करता था जिसे झोपड़ी कहते हैं। उसमें ज्वाइंट फैमिली रहती थी। किसी महौले से निकलकर पापा लोग शिफ्ट हुए थे और 2 भाई की फैमिली थी। एक पक्का मकान था और एक झोपड़ी थी।' जितेंद्र ने बताया वो इस झोपड़ी में कुछ ही समय रहे थे क्योंकि उन्हीं की तरह उनके पापा और ताऊजी दोनों सिविल इंजीनियर हैं। तो सभी ने जल्द ही कंस्ट्रक्शन शुरू कर दिया और 2 पक्के कमरे बनाए। जितेंद्र ने बताया कि वो 6-7 महीने ही उस झोपड़ी में रहे हैं।
आधे में ही छूट गया था घर का कंस्ट्रक्शन
एक्टर ने वो भी बताया है कि कैसे जब घर बना तो वो सोचते थे कि कब वो वक्त आएगा जब इस पर पेंट हो पाएगा। उस समय एक्टर करीब 5 साल के थे। जितेंद्र कुमार ने बताया कि पहले 2 फैमिली के लिए 2 कमरे बने, फिर 2 घर बने। वो थोड़े बंगले जैसे थे, लेकिन काम आधे में ही छोड़ दिया था सिर्फ 2 कमरों में दरवाजे थे और सारा काम आधा छोड़ दिया था। खर्च के चक्कर में काफी समय तक ये अधूरा ही रहा। इसके अलावा एक्टर ने अपनी गर्मियों कि छुट्टियों को लेकर भी एक दिलचस्प कहानी सुनाई है।
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बचपन में की दिहाड़ी मजदूरी
जितेंद्र ने कहा कि वो गर्मियों की छुट्टियों में खाली होते थे तो पैन्टेर्स या मिस्त्री को पकड़कर बोलते थे कि उन्हें भी काम पर रख लें। ये साब काम करके वो दिन के 40 रुपये कमाते थे। लेकिन जब उनके पिता को इस बारे में पता चला तो उन्हें बहुत डांट पड़ी थी। ये किस्सा तब का है जब वो करीब 11 या 12 साल के थे। अब जितेंद्र की ये कहानी सुनकर फैंस भी हैरान हैं। आज एक्टर कामयाबी के उस पड़ाव पर हैं जहां उन्हें न तो काम की कमी है और न पैसों की।