Salman Khan को बिश्नोई समाज से ऑफर, इस जगह पर टेकें माथा तो खत्म हो जाएगी लॉरेंस से दुश्मनी
Salman Khan-Lawrence Bishnoi: बॉलीवुड एक्टर सलमान खान इस वक्त काफी चर्चा में बने हुए हैं। पिछले दिनों बाबा सिद्दीकी की हत्या के बाद एक्टर की सुरक्षा को काफी बढ़ा दिया गया था। बीते दिनों फिर सलमान को एक धमकी भरा मैसेज आया जिसमें कहा गया कि अगर वो 5 करोड़ रुपये नहीं देंगे तो उनका हाल बाबा सिद्दीकी से काफी बुरा होगा। धमकी भेजने वाले ने खुद को लॉरेंस बिश्नोई का खास बताया और कहा कि वो पैसे मिलने के बाद सलमान और लॉरेंस की दुश्मनी को खत्म करा देगा।
वैसे आपको बता दें कि बिश्नोई समाज भी सलमान खान को माफ करने का ऑफर दे चुका है। इसके लिए बस एक्टर को एक खास जगह पर स्थित मंदिर में जाना होगा। यहां जिस मंदिर की बात हो रही है, वो राजस्थान के बीकानेर जिले के नोखा तहसील में स्थित मुकाम धाम है।
बिश्नोई समाज की तरफ से मिला ऑफर
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बिश्नोई समाज की तरफ से सलमान खान को ऑफर दिया गया है कि एक्टर 26 साल पुराने विवाद को खत्म करने के लिए मुकाम धाम स्थित गुरु जम्भेश्वर महाराज की समाधि स्थल मंदिर में आकर माफी मांगे। यह मंदिर सलमान के मुंबई स्थित घर से करीब 1000 किलोमीटर दूर स्थित है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, हाल ही में अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा के कार्यालय सचिव हनुमान राम बिश्नोई ने सलमान खान और लॉरेंस बिश्नोई की दुश्मनी पर बात की। उन्होंने कहा कि लॉरेंस बिश्नोई का मामला अभी कोर्ट में है और इस संबंध में कोई टिप्पणी नहीं की जा सकती। सलमान खान एक अपराधी हैं, जिन्होंने काले हिरण का शिकार किया था।
सचिव हनुमान राम बिश्नोई ने आगे कहा, 'हमें कोर्ट पर पूरा विश्वास है। हमें न्याय जरूर मिलेगा। जब तक अपराधी को खुद ग्लानि नहीं हो कि उसने अपराध किया है, जब तक कोई मतलब नहीं है। फिलहाल मामले में कानूनी कार्रवाई चल रही है। अपराधी को सजा जरूर मिलेगी। हमें ऊपर वाले पर और न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है कि वो हमें न्याय दिलाएंगे।'
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एकादशी के दिन दी गई थी समाधि
हनुमान राम ने आगे कहा कि ऐसी मान्यता है कि गुरु जम्भेश्वर जी को बीकानेर में मुकाम नाम की एक जगह पर एकादशी के दिन समाधि दी गई थी। माना जाता है कि गुरु ने समाधि लेने से पहले खेजड़ी और जाल के पेड़ को अपनी समाधि का चिन्ह बताया था। उस जगह पर उनकी समाधि बनाई गई थी।
आगे कहा गया कि इतिहासकारों का मानना है कि जिस समय गुरु जम्भेश्वर को समाधि दी गई थी, तब 24 हाथ नीचे तक खुदाई कराई गई थी। उस वक्त इस जगह पर एक त्रिशूल मिला था, जो आज भी मुक्तिधाम मुकाम पर स्थित है।
हर साल में 2 बार लगाता है मेला
गौरतलब है कि गुरु जम्भेश्वर महाराज की समाधि स्थल वाला यह मंदिर बिश्नोई समाज के लिए सबसे बड़ा आस्था का केंद्र माना जाता है। बताया जाता है कि इस मंदिर में साल में 2 बार मेला लगता है, जिसमें राजस्थान, पंजाब और हरियाणा से करीब 10 से 12 लाख लोग समाधि के दर्शन के लिए आते हैं। साथ ही मुक्तिधाम में मत्था टेककर आशीर्वाद लेते हैं। पहला मेला फाल्गुन अमावस्या के मौके पर लगता है, जबकि दूसरा मेला आसोज अमावस्या पर लगता है। इसका आयोजन बिश्नोई समाज और अखिल भारतीय गुरु जम्भेश्वर सेवक दल मिलकर हर साल करते हैं।