विटिलिगो एक दुर्लभ बीमारी है जो तब होती है जब शरीर में मेलानिन का उत्पादन करने वाली कोशिकाएं धीरे-धीरे खत्म हो जाती हैं। इस कारण त्वचा के नेचुरल रंग में कमी आ जाती है और सफेद धब्बे बन जाते हैं। ये बीमारी किसी भी हिस्से में हो सकती है, लेकिन आम तौर पर ये धब्बे चेहरे, हाथ, पैर और होंठ जैसी जगहों पर ज्यादा नजर आते हैं।
विटिलिगो के लक्षण क्या हैं?
विटिलिगो के लक्षणों की बात करें तो सबसे सामान्य लक्षण है, त्वचा पर सफेद धब्बे आना, जो धीरे-धीरे फैलने लगते हैं। अक्सर ये धब्बे सूर्य की रोशनी से संपर्क में आने वाली त्वचा पर दिखाई देते हैं। इसके अलावा कुछ और लक्षण भी हो सकते हैं जैसे शरीर के एक हिस्से में छोटे सफेद दाग होना, आंखों के रेटिना में रंग का बदलाव और कभी-कभी धब्बों के किनारे पर हल्की लालिमा और खुजली होना।
बीमारी का क्या है इलाज?
इस बीमारी का कोई स्थायी इलाज नहीं है, लेकिन उपचार के जरिए से इसके प्रभाव को कम किया जा सकता है। डर्मेटोलॉजिस्ट के मुताबिक, विटिलिगो के शुरुआती लक्षणों को कंटोल करने के लिए दवाओं और क्रीम का इस्तेमाल किया जाता है। इसके साथ ही लेजर उपचार का भी सहारा लिया जा सकता है, जिससे त्वचा में मेलानिन का उत्पादन बढ़ाया जाता है। एक्साईमर लेजर का उपयोग करके यूवीबी प्रकाश की मदद से त्वचा का रंग फिर से वैसा ही किया जा सकता है, जिससे सफेद दाग फैलने से रुक सकते हैं। विटिलिगो की वजह से मानसिक और शारीरिक रूप से व्यक्ति को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है और ये बीमारी किसी भी उम्र में हो सकती है।
यह भी पढ़ें: कपूर खानदान का इकलौता बेटा, जिसने 25 की उम्र में दीं दो ब्लॉकबस्टर फिल्में, भारत का सबसे सफल स्टार किड