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Tejas Movie Review: खराब VFX और बचकाने डायलॉग्स, 'धाकड़' के बाद अब 'तेजस' ने लगाया कंगना के करियर पर धब्बा

Tejas Movie Review: कंगना की तेजस के ओपनिंग सीन के वाहियात VFX और थका हुआ एक्शन देखकर, आपको समझ आने लगता है कि इस तेजस एयरक्राफ्ट का टेक ऑफ ही गलत हुआ है।
02:44 PM Oct 27, 2023 IST | Ashwani Kumar
tejas movie review  खराब vfx और बचकाने डायलॉग्स   धाकड़  के बाद अब  तेजस  ने लगाया कंगना के करियर पर धब्बा
image credit: instagram

Tejas Movie Review: 'तेजस' का पहला सीन शुरू होता है एक रेस्क्यू मिशन के साथ, जिसमें तेजस गिल बनी कंगना को एक आइलैंड पर एक घायल एयरफोर्स पायलट को रेस्क्यू करना है। मगर पेंच ये है कि मीलों दूर से कंगना को जो पायलट दिख जाता है, वहां वो जा नहीं सकती क्योंकि सरकार नहीं चाहती कि आइलैंड पर बसे 'अफ्रीकन' जी इंडियन आइलैंड पर अफ्रीकन ट्राइब के लोगों पर कोई खतरा आए। खैर कंगना प्रोटोकाल तोड़ती पायलट को बचाती हैं, घायल होती हैं... और कहानी फ्लैश बैक में जाती है। मगर फ्लैश बैक में जाने से पहले, ओपनिंग सीन के वाहियात VFX और थका हुआ एक्शन देखकर, आपको समझ आने लगता है कि इस तेजस एयरक्राफ्ट का टेक ऑफ ही गलत हुआ है।

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यह भी पढ़ें: Kangana की Tejas को लोगों ने बताया Disaster, कहा- ‘अपने रिस्क पर देखें दो घंटे का वीडियो गेम’

लव स्टोरी दिखाने के चक्कर में हुई गड़बड़

खैर आप उम्मीद लगाते हैं और कहानी में आगे बढ़ते हैं, जहां कहानी 15 साल पीछे जाती है और कंगना को कम उम्र का एस्पायरिंग फाइटर पायलट बनने की ट्रेनिंग वाली तेजस के तौर पर दिखाने के चक्कर में फिर से गड़बड़ होती है। मेकअप, कॉस्ट्यूम और बॉडी लैंग्वेज को बच्चों सा दिखाने के चक्कर में, कंगना की हालत लाल सिंह चढ्ढा वाले आमिर की हो जाती है।

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एक रॉकस्टार से तेजस की लव स्टोरी दिखाने के चक्कर मे कंगना का जैसा मेकअप किया गया है, और जैसे कॉस्ट्यूम पहनाए गए हैं, उसने रोमांस की नैया को डुबो दिया है। खैर 2008 में मुंबई में हुए आतंकी हमले में तेजस का परिवार और उसका प्यार आतंकियों की गोली का शिकार होते हैं। तेजस में बदले की आग जलती है और वह खुद को साबित करने का कोई मौका नहीं छोड़ना चाहती।

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खराब स्क्रिप्ट

ऐसे में अफगानिस्तान के टेरेरिस्ट, एक इंडियन इंजीनियर को किडनैप कर लेते हैं, अब इसके पीछे कोई राज है... ये तो ट्रेलर भी आपको बता चुका है, बाकि तेजस और उसकी इकलौती दोस्त, जो इस ऑपरेशन में उनकी साथी है... वो देश के एयर फोर्स चीफ, आर्मी चीफ, नेवल चीफ, चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ, डिफेंस मिनिस्टर और फिर प्राइम मिनिस्टर को बता रही हैं कि ये ऑपरेशन कैसे होना है।

दुश्मन देश का स्पाई, पुतलियों के सहारे जो मोर्स कोड में सीक्रेट मैसेज भेज रहा है, वो कोई और नहीं... एक फाइटर पायलट किताबें पढ़कर समझता है। और सुनिए, 2024 में इंटेलीजेंस सिस्टम, राडार सिस्टम, सिक्योरिटी सिस्टम, और पूरी पाकिस्तानी आर्मी को चूना लगाते हुए... एक ओपेन एयर स्ट्रिप यानि रनवे पर दो तेजस विमानों को कंगना और उनकी साथी इल्यूजन यानि आखों के भ्रम वाली एक प्लास्टिक शीट से छिपा देते हैं।

अपने रिस्क पर देखें 'तेजस'

इतना पचाने के लिए, जिस पाचन तंत्र की आवश्कता है... वो हमारे पास तो नहीं है। खैर जिस तेजस फाइटरक्राफ्ट की तारीफ के लिए ये फिल्म बनाई गई, फिल्म के क्लाइमेक्स में उसी तेजस प्लेन में दिखाया गया कि उसमें मिसाइल फंस जाती है, जिसके चलते लीड एक्टर को जान देकर मिशन पूरा करना पड़ता है। बाकी डायलॉगबाजी तो पूछिए नहीं, वो कैरेक्टर की डिमांड पर नहीं, बल्कि कंगना की इमेज और उनके इंस्टाग्राम अकाउंट से ली गई है।

अयोध्या में बने राम मंदिर पर उसके उद्धाटन से पहले आतंकवादी अटैक का आइडिया दे रही 'तेजस' की कहानी, तीनों टेरेरिस्ट ऐसे मार दिए जाते हैं, जिसमें एक्शन की गुंजाइश खत्म है। VFX की बात मत कीजिए, ट्रेलर में डायरेक्टर सर्वेश मेवाड़ा ने 2 मिनट 33 सेकेंड के जो सीन्स दिखाए वही, इस फिल्म के सबसे बेस्ट सीन हैं, बाकि 90 के दौर का वीडियो गेम लगता है। गानों में दम नहीं, डायलॉग्स में जोर नहीं है और सबसे बड़ी बात तो यह लगती है कि डायरेक्टर सर्वेश मेवाड़ा ने कंगना को एक बार भी रीटेक के लिए नहीं बोला, क्योंकि ये कंगना के करियर की सबसे बुरी परफॉर्मेंस है। 'धाकड़' से भी ज्यादा...

तेजस को 1.5 स्टार।

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