Amitabh-Dharmendra नहीं ये अभिनेता थे Ratan Tata के सबसे करीबी दोस्त, हॉस्टल में दोनों रहे साथ
Gufi Paintal was Ratan Tata's Closest Friend: भारतीय बिजनेसमैन रतन टाटा का निधन 9 अक्टूबर को हो गया। इतनी महान शख्सियत के निधन की खबर से पूरा देश सदमे में है। रतन टाटा को बॉलीवुड से लेकर राजनीतिक हस्तियों तक, हर कोई अपनी श्रद्धांजलि दे रहा है। क्या आप जानते हैं बॉलीवुड का वो कौन सा एक्टर था जो रतन टाटा का सबसे करीबी दोस्त था। अगर नहीं तो चलिए हम आपको बताते हैं।
गुफी पेंटल ने पोस्ट शेयर कर रतन को किया याद
दरअसल रतन टाटा के सबसे करीबी दोस्त ‘महाभारत’ के शकुनी मामा यानी बॉलीवुड के दिग्गज एक्टर गुफी पेंटल थे। गुफी के इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट शेयर करते हुए लिखा गया है कि तुम्हारी बहुत याद आएगी। हमने जो साथ में पल बिताए उसके लिए धन्यवाद!। गुफी के इस पोस्ट पर अब फैंस के भी रिएक्शन्स देखने को मिल रहे हैं। हर कोई रतन टाटा के यूं जाने से काफी दुखी है। आपको बता दें अब गुफी भी इस दुनिया में नहीं हैं। उन्होंने पिछले साल जून में दुनिया को अलविदा कह दिया था।
गुफी पेंटल ने सुनाया था दिलचस्प किस्सा
बॉलीवुड के दिग्गज एक्टर गुफी पेंटल ने अपने यूट्यूब चैनल के वीडियो में रतन टाटा से जुड़ी अपनी यादों को शेयर किया था। गुफी ने वीडियो में अपनी और रतन टाटा की गहरी दोस्ती के बारे में बात की थी। गुफी पेंटल ने बताया था कि 'साल 1960 के दशक में जब वो जमशेदपुर में इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे थे, तब उनकी रतन टाटा के साथ दोस्ती शुरू हुई। उन्होंने कहा, 'उस समय रतन टाटा अमेरिका से पढ़ाई के बाद लौटे थे और मुझसे कुछ साल बड़े थे। वो कमरा नंबर 21 में रहते थे और एक बहुत ही शालीन व्यक्ति थे। एक सम्मानित परिवार से आने के चलते, मुझे गर्व महसूस होता है कि मैं उनका दोस्त हूं।'
गुफी ने अपनी यादों को साझा करते हुए कहा था कि रतन टाटा के साथ बिताए छोटे-छोटे पल उनके लिए बहुत खास थे। उन्होंने कहा, 'वो हमें अपनी कार में पिकनिक पर ले जाते थे। मैं उनके कमरे में चर्चा के लिए जाने वाला एकमात्र छात्र था। साल 1960 के दशक की शुरुआत में उनके पास एक सुंदर चांदी की कन्वर्टिबल कार थी। उस समय एक कार में हाई-फिडेलिटी रेडियो देखना एक अद्भुत अनुभव था। हम अंग्रेजी और हिंदी गाने सुनते थे और कभी-कभी बिनाका गीतमाला भी।'
मुंबई में रतन टाटा से मुलाकात को किया याद
गुफी ने मुंबई में रतन टाटा से हुई एक मुलाकात को भी याद किया था। उन्होंने बताया कि 'एक दिन मैं लिंकिंग रोड पार करने का इंतजार कर रहा था। तभी एक बड़ी कार आई। वो रतन टाटा थे। उन्होंने मुझसे पूछा, 'क्या मैं आपको छोड़ दूं?' लेकिन मैंने कहा, 'नहीं, रतन, बहुत धन्यवाद। मैं सड़क पार कर रहा हूं; मेरी कार दूसरी तरफ है।'
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