Hashimoto Disease क्या? जिस बीमारी से जूझ रहे हैं Arjun Kapoor, Malaika संग ब्रेकअप के बाद तोड़ी चुप्पी
Arjun Kapoor Suffering Hashimoto Disease: बॉलीवुड अभिनेता अर्जुन कपूर ने हाल ही में अपनी जिंदगी से जुड़ी एक बेहद निजी और गंभीर बात का खुलासा किया है। अर्जुन ने बताया कि वो एक ऑटोइम्यून बीमारी 'हाशिमोटो थायरॉयडिटिस' से जूझ रहे हैं, जो न सिर्फ उनके शारीरिक स्वास्थ्य पर असर डाल रही है, बल्कि उनके पूरे लाइफस्टाइल पर भी असर डाल रही है। अर्जुन कपूर की ये बीमारी उनके लिए काफी चुनौतीपूर्ण बन गई है, जिसे लेकर उन्होंने हाल ही में अपना एक्सपीरियंस शेयर किया है। आखिर क्या है 'हाशिमोटो थायरॉयडिटिस', चलिए आपको बताते हैं।
अर्जुन ने बीमारी पर किया खुलासा
फिल्म इंडस्ट्री में कई साल बिता चुके एक्टर अर्जुन कपूर ने अपनी हालिया रिलीज हुई फिल्म 'सिंघम अगेन' के साथ तहलका मचा दिया है। फिल्म में विलेन के रोल में नजर आ रहे एक्टर की हर तरफ तारीफ की जा रही है। इसी बीच एक्टर ने एक इंटरव्यू में बताया है कि हाशिमोटो थायरॉयडिटिस एक ऐसी बीमारी है, जिसमें शरीर का इम्यून सिस्टम गलती से अपनी ही थायरॉयड ग्रंथि पर हमला करना शुरू कर देता है। इसके कारण थायरॉयड ग्लैंड पर गहरा असर पड़ता है और शरीर में कई शारीरिक समस्याएं पैदा हो जाता है।
'द हॉलीवुड रिपोर्टर इंडिया' के साथ बातचीत करते हुए अर्जुन कपूर ने बताया, 'ये बीमारी मेरे शरीर में तनाव पैदा कर देती है, जिससे मेरे लिए अपना वजन कंट्रोल करना और एनर्जी बनाए रखना काफी मुश्किल हो जाता है। एक एक्टर होने के नाते मेरे लिए मेरा स्वास्थ्य और फिटनेस बेहद जरूरी हैं। अर्जुन ने आगे कहा कि इस बीमारी के कारण उन्हें अपनी जिंदगी में कई व्यक्तिगत चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। उनका कहना है कि ऐसा महसूस होता है जैसे उनकी एंटीबॉडीज उनके शरीर को खतरे में महसूस करती हैं और तुरंत सक्रिय हो जाती हैं, जिससे उन्हें शारीरिक और मानसिक परेशानियां होती हैं।
हाशिमोटो थायरॉयडिटिस क्या है?
हाशिमोटो थायरॉयडिटिस एक ऑटोइम्यून डिसऑर्डर है, जिसमें शरीर का इम्यून सिस्टम अपनी ही थायरॉयड ग्रंथि पर हमला करता है। थायरॉयड जो कि तितली के आकार की एक छोटी ग्रंथि होती है जो कि शरीर के मेटाबॉलिज्म, ऊर्जा के लेवल और कई दूसरे जरूरी गतिविधियों को कंट्रोल करती है। इस बीमारी के कारण थायरॉयड में सूजन होती है, जिससे इसका कार्य धीमा पड़ने लगता है। समय के साथ ये हाइपोथायरायडिज्म का कारण बन सकता है, जिसमें थायरॉयड हार्मोन का उत्पादन कम हो जाता है।
क्या है इस बीमारी का इलाज?
हालांकि हाशिमोटो थायरॉयडिटिस का कोई पूरी तरह से इलाज नहीं है, लेकिन इसके लक्षणों को कंट्रोल किया जा सकता है। इस बीमारी के इलाज के लिए सबसे सामान्य तरीका थायरॉयड हार्मोन रिप्लेसमेंट दवा का सेवन है। ये दवा शरीर में हार्मोन की कमी को पूरा करती है, जिससे एनर्जी का स्तर बढ़ता है, वजन नियंत्रण में रहता है और शरीर की ठंड के प्रति संवेदनशीलता कम होती है।
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