Who is Krishan Kumar, Tishaa Kumar Death: क्या आपको वो गाना याद है- अच्छा सिला दिया तूने मेरे प्यार का...? 1995 में आई 'बेवफा सनम' फिल्म के इस गाने ने देशभर में ऐसी धूम मचाई कि हर गली, मोहल्ले, कॉलोनियों में ये गाना बजने लगे। इसी फिल्म और गाने के साथ ही एक शख्स रातोंरात स्टार भी बना। जिसका नाम है- कृष्ण कुमार। जी हां, टी-सीरीज के सह-मालिक, एक्टर-प्रोड्यूसर और दिवंगत गुलशन कुमार के छोटे भाई कृष्ण कुमार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है।
उनकी 20 साल की बेटी तिशा कुमार का निधन हो गया। तिशा लंबे समय से कैंसर से जंग लड़ रही थीं। 18 जुलाई को उनका निधन हो गया था। सोमवार को उनका अंतिम संस्कार किया गया। कृष्ण कुमार का परिवार इस क्षति से स्तब्ध है। पूरा बॉलीवुड उन्हें सांत्वना देने पहुंच रहा है। आइए जानते हैं कि कृष्ण कुमार रातोंरात स्टार बनने के बाद कहां गायब हो गए और आज वे क्या कर रहे हैं...
'आजा मेरी जान' से किया डेब्यू
कृष्ण कुमार और गुलशन कुमार के पिता चंद्रभान दिल्ली के दरियागंज में जूस की दुकान लगाते थे। उन्होंने अपने दोनों बेटों को अपने सपने पूरे करने की छूट दी। गुलशन कुमार ने 'कैसेट किंग' बनकर सफलता की ऊंचाइयों को छुआ तो भाई कृष्ण कुमार को भी एक्टर बनाने का सपना देखने लगे। आखिरकार गुलशन ने केतन आनंद के डायरेक्शन में 1993 में बनी फिल्म 'आजा मेरी जान' से कृष्ण कुमार का डेब्यू करवा दिया। हालांकि कृष्ण कुमार, शम्मी कपूर, देवेन वर्मा, प्राण, प्रेम चोपड़ा जैसे दिग्गजों से भरी फिल्म बुरी तरह फ्लॉप हो गई। इसके बाद भी कृष्ण कुमार को एक के बाद एक तीन फिल्में दी गईं। एक ही साल में उनकी तीन फिल्में आईं। 'आजा मेरी जान' की तरह ही 'कसम तेरी कसम' और 'शबनम' फिल्म भी पिट गई।
ब्लॉकबस्टर साबित हुई 'बेवफा सनम'
इन फिल्मों के पिटने के बाद कृष्ण कुमार का करियर दांव पर लगने लगा। फिर गुलशन कुमार ने भाई को हिट कराने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया। उन्होंने साल 1995 में म्यूजिकल ब्लॉकबस्टर फिल्म 'बेवफा सनम' बनाई। जिसमें कृष्ण कुमार के साथ शिल्पा शिरोडकर के साथ जोड़ी बनाई गई। इस फिल्म के लिए अरुणा ईरानी, असरानी, रीमा लागू, किरण कुमार, शक्ति कपूर, सतीश शाह, सदाशिव अमरापुरकर और राकेश बेदी समेत एक्टर्स की फौज उतार दी गई। आखिरकार ये प्रयास सफल हुआ और फिल्म ब्लॉकबस्टर साबित हुई। फिल्म में अच्छा सिला...के अलावा दिल तोड़ हंसती हो मेरा...तेरी गली विच, ये धोखे प्यार के धोखे, वफा ना रास आई, इश्क में हम तुम्हें क्या बताएं...जैसे गाने सुपरहिट साबित हुए। इन गानों को 30 साल बाद आज भी गुनगानाया जाता है।
एक्टिंग नहीं डेस्टिनी!
हालांकि कृष्ण कुमार के पास इस सुपरहिट फिल्म के बावजूद दूसरी फिल्मों से ऑफर नहीं आए। फिर दो साल बाद गुलशन कुमार की हत्या कर दी गई। जिसके बाद टी-सीरीज की पूरी जिम्मेदारी कृष्ण कुमार के कंधों पर आ गई। उन्होंने एक्टिंग से दूरी बनाते हुए कंपनी को चलाने की जिम्मेदारी निभाई। फिर उन्होंने साल 1998 में 'पगला कहीं का' एलबम और 2000 में आई फिल्म 'पापा द ग्रेट' से एक बार फिर एक्टिंग में हाथ आजमाने की कोशिश की, लेकिन ये फिल्म भी फ्लॉप साबित हुई। आखिरकार उन्हें समझ आ गया कि फिल्म उनके लिए हैं, लेकिन शायद एक्टिंग उनकी डेस्टिनी नहीं।
इन फिल्मों को किया प्रोड्यूस
कृष्ण कुमार ने इसके बाद प्रोड्यूसर के तौर पर पहचान बनाते हुए लकी, हमको दीवाना कर गए, रेडी, एयरलिफ्ट, सत्यमेव जयते, तान्हाजी, थप्पड़, थैंक गॉड, आदिपुरुष, भूल भुलैया-2, फराज, शहजादा, एक विलियन रिटर्न्स, गुमराह और एनिमल फिल्में बनाईं। इनमें कई फिल्में ब्लॉकबस्टर साबित हुईं। आखिरकार वे एक सफल प्रोड्यूसर और बिजनेसमैन साबित हुए। बताते चलें कि तिशा कुमारी कृष्ण कुमार की इकलौती बेटी हैं। वह पिछले साल एनिमल की स्क्रीनिंग में भी नजर आई थीं। उनके भतीजे भूषण कुमार और भतीजी तुलसी कुमार हैं। तिशा के चले जाने से पूरा परिवार शोक में डूबा हुआ है।
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