Yudhra Review: राघव जुयाल के आगे फीके पड़े सिद्धांत चतुर्वेदी, फिल्म देखने से पहले पढ़ें रिव्यू
Yudhra Review: बॉलीवुड एक्टर सिद्धांत चतुर्वेदी, मालविका मोहनन और राघव जुयाल स्टारर एक्शन-थ्रिलर फिल्म 'युध्रा' सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है। रवि उदयवार और श्रीधर राघवन की इस फिल्म को आज 20 सितंबर को सिनेमाघरों में रिलीज किया गया है। कुछ दिन पहले ही फिल्म का ट्रेलर रिलीज हुआ था, जिसमें शानदार एक्शन और खून-खराबा के साथ रोमांस का तड़का देखने को मिला था। ट्रेलर को काफी पसंद किया गया था। जाहिर है कि ‘बंटी और बबली’, ‘गुल्ली बॉय’ और ‘फोन भूत’ के बाद सिद्धांत चतुर्वेदी की 'युध्रा' सिनेमाघरों में रिलीज हुई है। यंग लव स्टोरी पर बनी इस फिल्म में एक्टर के ऐसे किरदार को दिखाया गया है, जो एक विद्रोही है। वहीं फिल्म में राघव जुयाल ने विलेन का किरदार निभाया है। चलिए जानते हैं कि कैसी है उनकी ये फिल्म? इस फिल्म को देखने से पहले News 24 के रिव्यू पर डालें एक नजर...
क्या है फिल्म की कहानी?
फिल्म 'युध्रा' की कहानी शुरू होती है मुंबई के एक पुलिस जिमखाना से और आगे बढ़ती है एक एक्सीडेंट की तरफ। इस एक्सीडेंट में युध्रा (सिद्धांत चतुर्वेदी) के पेरेंट्स की मौत हो जाती है। इसके बाद युध्रा की देखभाल कार्तिक राठौड़ (गजराज राव) करते हैं। कार्तिक राठौड़ और रहमान सिद्दीकी (राम कपूर) दोनों ही पुलिस में होते हैं और उनमें अच्छी दोस्ती होती है। उधर, युध्रा अपने ही गुस्से से जूझ रहा होता है। दरअसल, बचपन में हुए हादसे की वजह से युध्रा को एंगर इश्यू होता है। इसलिए उसे पुणे के नेशनल कैडेट ट्रेनिंग एकेडमी में भेज दिया जाता है। यहीं युध्रा की मुलाकात निखत (मालविका मोहनन) से होती है।
निखत और युध्रा बचपन के दोस्त होते हैं। कहानी आगे की ओर बढ़ती है और पुणे एकेडमी में एक सिविलियन से लड़ाई के चलते उसे 9 महीने की जेल हो जाती है। इस दौरान जेल में युध्रा से मिलने के लिए रहमान सिद्दीकी आता है, जो उसे बताता है कि उसके पेरेंट्स का एक्सीडेंट नहीं हुआ था बल्कि करवाया गया था, जिसमें अंडरवर्ल्ड का हाथ है। इसके बाद युध्रा को पुलिस का अंडरकवर एजेंट बनने का मौका मिलता है। वो इस ऑफर को एक्सेप्ट कर लेता है। अब अपने पेरेंट्स की मौत का बदला वो ले पाता है या नहीं इसके लिए आपको फिल्म देखनी होगी।
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कैसा है युध्रा का डायरेक्शन?
आपको बता दें कि फिल्म 'युध्रा' की कहानी श्रीधर राघवन ने लिखी है, जबकि इसका डायरेक्शन रवि उदयवार ने किया है। इस जोड़ी ने मिलकर साल 2017 में आई फिल्म ‘मॉम’ को बनाया था। इस फिल्म में दिवंगत एक्ट्रेस श्रीदेवी थीं। इसके बाद इस जोड़ी ‘वॉर’ और ‘जवान’ जैसी फिल्में बनाईं। अब ये जोड़ी 'युध्रा' लेकर आई है। इस फिल्म के लिए डायलॉग लिखने में फरहान अख्तर ने उनका साथ दिया है। वहीं फिल्म में म्यूजिक की कमान ट्रायो शंकर-एहसान-लॉय ने संभाली है।
कहानी का सिर-पांव नहीं
कुल मिलाकर कहा जाए तो फिल्म 'युध्रा' की कहानी काफी हद तक कंफ्यूज करने जैसी है। डायरेक्शन काफी हद तक कमजोर है। इसे देखने के बाद आपको लगेगा कि कहां कहानी चल रही थी और कब इसने जंप कर लिया ये दिमाग के ऊपर से जाएगी। हैरानी की बात ये है कि फिल्म में बड़े स्टार्स होने के बावजूद फिल्म की कहानी बोरिंग ही करती है।
कैसी है एक्टिंग और म्यूजिक
फिल्म 'युध्रा' के रोमांटिक गाने रिलीज हो चुके हैं। म्यूजिक की बात करें तो बैकग्राउंड को छोड़कर कोई ऐसा खास गाना नहीं है, जो आपके दिल तक पहुंच सके। जाहिर है कि फिल्म में बड़े-बड़े म्यूजिशियन ने हिस्सा लिया है लेकिन वो भी फिल्म की बोरिंग कहानी के बीच शानदार गाने बनाने से चूक गए। वहीं एक्टिंग की बात करें तो सिद्धांत और मालविका की केमिस्ट्री थोड़ी पकाती है। सिद्धांत अपने गुस्से को बरकरार रखने की बहुत कोशिश करते हैं लेकिन राघव के आगे फीके नजर आते हैं। वहीं राम कपूर का काम अच्छा है और गजराव राव की मेहनत उनके किरदार में दिखती है।
फिल्म देखें या न देखें
कुल मिलाकर कहा जाए तो फिल्म 'युध्रा' को आप तब देख सकते हैं, जब आपके पास कोई अच्छी फिल्म देखने की च्वाइस न हो। एक्शन और थ्रिलर देखने के शौकीन इस फिल्म को देखने के लिए सिनेमाघर का रुख कर सकते हैं।