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जरा बच के...कहीं आपका न बन जाए Kissing Video, ऐसे करें फर्जी वीडियो की पहचान

AI Kissing Video: आजकल इंटरनेट पर AI Generated किसिंग वीडियो काफी ज्यादा वायरल हो रहे हैं। कहीं आपका भी किसिंग वीडियो न बन जाए इसलिए अपनी तस्वीरें शेयर करते वक्त थोड़ा ध्यान रखें।
11:47 AM Dec 17, 2024 IST | Sameer Saini
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AI Kissing Video: आजकल AI टेक्नोलॉजी इतनी ज्यादा एडवांस हो गई है कि इसकी मदद से नकली वीडियो, जिन्हें डीपफेक कहा जाता है, इन्हें बनाना काफी ज्यादा आसान हो गया है। हाल हीम में Eisha Singh और Avinash Mishra का ‘लिप लॉक’ वीडियो भी सामने आया है जिसे लेकर कहा जा रहा है कि ये AI से बनाया गया है। इससे पहले Poonam Pandey और Samay Raina का भी एक किसिंग वीडियो इंस्टाग्राम पर खूब वायरल हुआ था जिसे AI का इस्तेमाल करके बनाया गया था।

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बता दें कि इनमें किसी शख्स के चेहरे या शरीर को किसी अन्य वीडियो पर AI के जरिए सुपरइम्पोज किया जा सकता है, जिससे रियल और नकली वीडियो के बीच अंतर करना मुश्किल हो जाता है। इसलिए अगर आप भी अपनी तस्वीरें ऑनलाइन पोस्ट करते हैं तो थोड़ा सावधान रहें। एक पोड कास्ट के दौरान दुनिया के सबसे अमीर शख्स एलन मस्क ने भी ये स्वीकार किया था कि AI काफी खतरनाक है।

ऐसे में आप फर्जी वीडियो की पहचान कैसे कर सकते हैं। चलिए इसके बारे में जानते हैं...

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चेहरे के हाव-भाव

डीपफेक वीडियो में चेहरे के हाव-भाव कुछ अलग लग सकते हैं। अगर किसी व्यक्ति के चेहरे के हाव-भाव सामान्य नहीं लगते, तो ये AI से बनाया गया वीडियो हो सकता है।

लाइट और शैडो में गड़बड़

अगर वीडियो में लाइट और शैडो का मेल नहीं बैठता, तो यह संकेत हो सकता है कि वीडियो में छेड़छाड़ की गई है या इसे AI से तैयार किया गया है।

ऑडियो

अगर वीडियो में आ रही वॉइस और होंठों की हरकतें मेल नहीं खातीं, तो यह डीपफेक होने का बड़ा संकेत हो सकता है।

वीडियो की क्वालिटी

डीपफेक वीडियो में कभी-कभी धुंधले एज पिक्सेलेशन या अन्य सीन में गड़बड़ियां हो सकती हैं। इससे भी आप AI वाली वीडियो की पहचान कर सकते हैं।

सोर्स चेक करें

अगर आपको वीडियो किसी अननोन या unreliable Sources से आया है, तो उसकी ऑथेंटिसिटी की जंच करें।

ये भी पढ़ें : Video: Eisha Singh और Avinash Mishra का ‘लिप लॉक’, क्या है वीडियो की सच्चाई?

ऑनलाइन टूल्स का करें यूज

इतना ही नहीं आजकल डीपफेक वीडियो की पहचान करने के लिए कई ऑनलाइन टूल्स और सॉफ्टवेयर भी मार्केट में उपलब्ध हैं, जो वीडियो के मेटाडेटा और अन्य Technical Aspects की जांच कर सकते हैं। इसलिए अपनी पर्सनल डिटेल्स ऑनलाइन शेयर करते वक्त सतर्क रहें।

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