अब AI बताएगा बम कहां गिराना है; मिलिट्री ऑपरेशन्स में दुश्मन के खात्मे के लिए होगा टूल का यूज
Artificial Intelligence US Military Operations: अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बताएगा कि बम कहां पर गिराना है? किस जगह पर निशाना लगाना है। जी हां, 2022 में जब से चैटजीपीटी की दुनिया शुरू हुई है, तब से AI को नई ऊंचाइयों के पंख लग गए हैं। दुनियाभर के इंटरनेट यूजर्स AI टूल के साथ नए-नए एक्सपेरिमेंट कर रहे हैं। इसे रोज नए-नए तरीकों से इस्तेमाल कर रहे हैं। AI की बढ़ती डिमांड को देखते हुए अब इसे मिलिट्री ऑपरेशन्स में इस्तेमाल करने की योजना पर काम चल रहा है, यानी अब वह दिन दूर नहीं, जब मिलिट्री AI का यूज करके दुश्मनों का खात्मा करेंगी।
टारगेट चुन रहा AI
हाल ही में सामने आई ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका ने इस महीने की शुरुआत में मध्य पूर्व एशिया में हवाई हमलों के लिए टारगेट पिन पॉइंट करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का यूज किया था। बम कहां गिराना है, यह तय करने के लिए अमेरिका AI का यूज कर रहा था। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि अमेरिकी सेना ने वॉर सिचुएशन में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी AI का यूज करना शुरू कर दिया है।
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कंप्यूटर विजन एल्गोरिथम आ रहा काम
रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी सेना पेंटागन हवाई हमलों के लिए टारगेट की पहचान करने के लिए कंप्यूटर विजन एल्गोरिथम का यूज कर रही है। 2 फरवरी को मध्य पूर्व एशिया में एक मिशन में, इन AI एल्गोरिथम की मदद से ही टारगेट सेट किए गए। रॉकेट, मिसाइल, ड्रोन से इराक और सीरिया में मिलिशिया ऑपरेशन्स सेंटर्स को निशाना बनाकर 85 से अधिक हवाई हमले किए गए।
टेक्नोलॉजी ऑफिसर ने दी जानकारी
US सेंट्रल कमांड के चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर शूयलर मूर ने भी इसकी जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि AI का इस्तेमाल आज संभावित खतरों की पहचान करने में किया जा रहा है। इसके लिए अमेरिकी सेना कंप्यूटर विजन का यूज कर रही है। कंप्यूटर विजन में स्पेसिफिक चीजों को पहचानने के लिए ट्रेनिंग एल्गोरिथम भी दिया गया है।
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अन्य देशों में दिखा AI का ऐसा यूज
टारगेट की पहचान करने के लिए AI का ऐसा यूज अन्य देशों में भी किया जा रहा है। उदाहरण के लिए, दिसंबर 2023 में इजराइल ने 'द गॉस्पेल' नामक प्रोग्राम से खूब सुर्खियां बटोरीं थी, जिसमें भारी मात्रा में डेटा का एनालिसिस करके गाजा में टारगेट चुनने में AI सॉफ्टवेयर का यूज किया गया था।