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लोकसभा चुनाव के लिए Deepfake सबसे बड़ा खतरा! रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा

Lok Sabha Elections 2024 AI Deepfake: देश में लोकसभा चुनाव होने वाले हैं। चुनाव के दिनों में झूठी खबरें फैलना पहले ही एक बड़ी समस्या बनी हुई थी लेकिन साइबर सिक्योरिटी कंपनी टेनेबल ने इससे भी बड़े खतरे के संकेत दिए हैं।
09:11 AM Mar 26, 2024 IST | Sameer Saini
लोकसभा चुनाव के लिए deepfake सबसे बड़ा खतरा  रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा

Lok Sabha Elections 2024 AI Deepfake: एक्सपोजर मैनेजमेंट कंपनी टेनेबल ने आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस यानी AI से बनाए गए डीपफेक और नकली कंटेंट के जरिए फैलाई गई गलत सूचना और डिसइन्फोर्मशन को भारत में आगामी चुनाव के लिए सबसे बड़ा खतरा बताया है। पिछले कुछ वक्त में डीपफेक टेक्नोलॉजी का यूज काफी ज्यादा बढ़ गया है। कई राजनेताओं के भी अब तक डीपफेक वीडियो सामने आ चुके हैं।

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10 देशों पर मंडरा रहा खतरा

कंपनी के मुताबिक, चुनाव से पहले इन डीपफेक वीडियोस को सबसे ज्यादा व्हाट्सएप, एक्स, और इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया और मैसेजिंग प्लेटफॉर्म पर शेयर किया जाएगा। टाइडल साइबर की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल करीब 10 देशों को चुनाव में इस तरह के हाई लेवल खतरों का सामना करना पड़ेगा, जिसमें भारत भी शामिल है। हाल ही में अमेरिकी में आगामी राष्ट्रपति चुनावों के दौरान नागरिकों को भ्रमित करने के लिए पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन और वर्तमान राष्ट्रपति जो बिडेन के डीपफेक वीडियो बनाए गए और सोशल मीडिया पर तेजी से शेयर किए गए।

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लगातार बढ़ रहा डीपफेक कंटेंट

विशेषज्ञों के अनुसार, 2017 के अंत में डीपफेक कंटेंट का प्रसार काफी तेजी से बढ़ गया, जिसमें 7,900 से अधिक वीडियो ऑनलाइन सामने आए थे। जबकि 2019 की शुरुआत तक, यह संख्या लगभग दोगुनी होकर 14,678 हो गई और अभी भी ऐसे वीडियो लगातार बढ़ रहे हैं। रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि जेनेरिक AI टूल्स में वृद्धि और दुनिया भर में इसके बढ़ते इतेमाल ने भी डीपफेक कंटेंट को बढ़ावा दिया है।

सरकार ने भी जारी किए निर्देश

हाल ही में, भारत सरकार ने एक्स और मेटा जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्मों को निर्देश जारी किए हैं, जिसमें सरकार ने AI-Generated डीपफेक कंटेंट को फैलने से रोकने के लिए कड़े कदम उठाने का आग्रह किया है। इसके अलावा, लोकसभा चुनाव से पहले, इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) ने ऐसे प्लेटफार्मों को अपने प्लेटफार्मों से AI-जनरेटेड डीपफेक को हटाने के लिए भी कहा है।

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