Taxi Scam: कैब से सफर करने वाले सावधान! उबर के नाम से चल रहा है बड़ा स्कैम
Taxi Scam: अगर आप भी टैक्सी से बहुत ज्यादा ट्रेवल करते हैं तो आपके लिए बड़ी खबर है। दरअसल, बेंगलुरु के एक व्यक्ति ने एक नए स्कैम की जानकारी दी है, जिसमें टैक्सी ड्राइवर ग्राहकों से ज्यादा पैसे वसूलने के लिए उबर ऐप की हूबहू नकल वाला नकली ऐप इस्तेमाल कर रहे हैं। सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म X पर महेश सुथार ने खुलासा किया है कि कैसे बेंगलुरु एयरपोर्ट पर एक ड्राइवर ने उन्हें लगभग ठग लिया था। उन्होंने बताया कि ड्राइवर ने अपने बिल में 1,000 रुपये एक्स्ट्रा जोड़ने के लिए ब्लूमीटर नाम के एक ऐप का इस्तेमाल किया, जो बिल्कुल उबर जैसा दिखता है। चलिए जानें पूरा मामला...
क्या है पूरा मामला?
X पोस्ट में महेश ने बताया कि उन्होंने बेंगलुरु एयरपोर्ट से टैक्सी बुक की थी। टैक्सी ड्राइवर ने वाहन में बैठते ही राइड स्टार्ट करने के लिए उबर जैसा दिखने वाला ऐप इस्तेमाल किया। हालांकि, डेस्टिनेशन पर पहुंचने पर बेंगलुरु के यात्री को एहसास हुआ कि उससे 1,000 एक्स्ट्रा भुगतान करने के लिए कहा जा रहा है।
पूछताछ करने पर टैक्सी चालक ने दावा किया कि एक्स्ट्रा पैसे जीएसटी के कारण थे और उसने उचित बिल देने से इनकार कर दिया। ठगने की कोशिश करने वाले टैक्सी चालक की तस्वीर शेयर करते हुए महेश ने लिखा कि “इस आदमी ने मुझे उबर ऐप की हूबहू नकल दिखाई, जब उसने राइड स्टार्ट की और खत्म की, तो इसमें 1000 रुपये एक्स्ट्रा थे।”
कैसे काम करता है ये स्कैम?
महेश ने यह भी बताया कि यह स्कैम कैसे काम करता है, उन्होंने लिखा “वे ब्लूमीटर नाम की एक एंड्रॉइड ऐप का इस्तेमाल करते हैं जो उबर जैसा दिखता है। वे विश्वसनीयता बनाने के लिए ‘ट्रिप स्टार्ट’ बटन दिखाते हैं और क्लिक करते हैं। फिर बाद में वे उसी ऐप पर राइड खत्म करते हैं जो बहुत ज्यादा अमाउंट दिखाता है। वहीं, अगर आप बिल मांगते हैं तो वे कहेंगे कि बिलिंग सिस्टम खराब है।
कई लोग हो चुके इस स्कैम का शिकार
शख्स ने Google Play Store पर ब्लूमीटर ऐप का स्क्रीनशॉट भी शेयर किया है, जिसके जरिए ड्राइवर किराया बढ़ाने के लिए अपनी खुद की सर्ज प्राइसिंग ऐड कर सकते हैं। कमेंट सेक्शन में कई लोगों ने दावा किया है कि वे इसी तरह के घोटाले के शिकार हुए हैं, लेकिन अन्य लोगों ने पूछा कि एयरपोर्ट टैक्सी मीटर के बजाय ऐप का इस्तेमाल क्यों कर रही थी। एक एक्स उपयोगकर्ता ने लिखा, "असल में बैंगलोर एयरपोर्ट की टैक्सियों में, उनके पास एक रियल मीटर चल रहा होता है। ऐप नहीं।"