16वें वित्त आयोग के सदस्यों ने किया गुजरात का दौरा, राज्य सरकार ने पेश किये कई प्रस्ताव
16th Finance Commission Members Visited Gujarat: गुजरात में इन दिनों 16वें वित्त आयोग के सदस्यों दौरा चल रहा है। आयोग के सदस्य राज्य के मंत्रियों, अधिकारियों और राजनीतिक दलों के साथ लगातार बैठक कर रहे हैं। इस दौरान गुजरात सरकार की तरफ से वित्त आयोग के सदस्यों के सामने कई अलग-अलग प्रस्ताव प्रस्तुत किए गए थे। इसमें राज्य की हिस्सेदारी में वृद्धि, आर्थिक समानता और विशिष्ट क्षेत्रों के लिए समान अनुदान की मांग की गई है।
गुजरात सरकार ने रखा प्रस्ताव
वित्त आयोग के सदस्यों के समक्ष राज्य सरकार द्वारा प्रस्तुत मुख्य प्रस्ताव में मुख्य बिंदु सरकार को मिलने वाली केंद्रीय हिस्सेदारी को बढ़ाना है, जो राज्य के विकास और व्यापक प्रगति के लिए बेहद जरूरी है. शहरीकरण की बढ़ती दर को ध्यान में रखते हुए गुजरात सरकार ने वित्तीय सहायता का प्रस्ताव दिया है, ताकि शहरी विकास की चुनौतियों से ठीक से निपटा जा सके।
મુખ્યમંત્રી શ્રી ભૂપેન્દ્રભાઈ પટેલ સાથે ડૉ.અરવિંદ પનગઢિયાની અધ્યક્ષતામાં ગુજરાત આવેલ 16મા ફાઇનાન્સ કમિશનના સભ્યોએ આજે નાણાં મંત્રી શ્રી કનુભાઈ દેસાઈ તેમજ રાજ્ય સરકારના મુખ્ય સચિવશ્રી સહિતના ઉચ્ચ અધિકારીશ્રીઓની ઉપસ્થિતિમાં ગાંધીનગર ખાતે બેઠક યોજી હતી.
મુખ્યમંત્રીશ્રીએ આ બેઠકમાં… pic.twitter.com/ntER6pAPXM
— CMO Gujarat (@CMOGuj) October 21, 2024
समानता और विकास का प्रस्ताव
गुजरात सरकार ने वित्त आयोग को इक्विटी और दक्षता के बीच संतुलन बनाने और क्षेत्र विशिष्ट अनुदान की व्यवस्था करने की सिफारिश की है। इसके अलावा, व्यापक इक्विटी-आधारित संकेतकों में बहुआयामी गरीबी सूचकांकों को शामिल करने का आह्वान किया गया है, ताकि विकास को अधिक व्यापक और प्रभावी ढंग से मापा जा सके।
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धन आवंटन की व्यवस्था में सुधार पर दिया जोर
गुजरात सरकार ने अपने प्रस्ताव में राष्ट्रीय जीडीपी में राज्य के योगदान को ध्यान में रखते हुए धन आवंटन की व्यवस्था में सुधार पर जोर दिया है। साथ ही, गुजरात सरकार द्वारा सतत विकास को महत्व देते हुए एक व्यापक दृष्टिकोण अपनाने की सिफारिश की गई है। गुजरात सरकार ने राजकोषीय विवेक और वित्तीय स्थिरता की आवश्यकता पर भी ध्यान केंद्रित किया है, ताकि राज्य के वित्तीय प्रबंधन को मजबूत किया जा सके।
16वें वित्त आयोग की जिम्मेदारियां
16वां वित्त आयोग मुख्य रूप से ऊर्ध्वाधर और क्षैतिज हस्तांतरण के माध्यम से राज्य को आवंटन संरचना में सामंजस्य स्थापित करने के लिए जिम्मेदार है। इसके साथ ही आयोग सहायता अनुदान आवंटन के मुद्दे पर भी काम करेगा, ताकि राज्य को पर्याप्त वित्तीय सहायता मिल सके।