गांधीनगर सीट पर कैसा होगा मुकाबला? क्या अमित शाह के सामने टिक पाएंगी सोनल पटेल
Gandhinagar Lok Sabha Seat (ठाकुर भूपेंद्र सिंह) : गुजरात में गांधीनगर लोकसभा सीट हमेशा से हाईप्रोफाइल रही है। इस सीट पर 1989 से भारतीय जनता पार्टी का कब्जा रहा है। लालकृष्ण आडवाणी, अटल बिहारी वाजपेयी यहां से सांसद रह चुके हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह वर्तमान में इस सीट सांसद हैं। आइए समझते हैं कि क्या है गांधीनगर का चुनावी समीकरण?
गांधीनगर लोकसभा सीट के तहत सात विधानसभा सीटें गांधीनगर उत्तर, कलोल, साणंद, घाटलोडिया, नारनपुरा, वेजलपुर और साबरमती आती हैं। सभी सीटों पर भाजपा का कब्जा है। अगर आबादी की बात करें तो 19,45,772 लोग रहते हैं, जिनमें ज्यादातर आबादी शहरों में ही निवास करती है। जातिगत समीकरण के हिसाब से देखें तो यहां सिर्फ 1 प्रतिशत लोग एसटी वर्ग के हैं तो वहीं एससी की आबादी 11 प्रतिशत है। 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के अमित शाह ने कांग्रेस के डॉ. सीजे चावड़ा को 5,57,014 वोटों के अंतर से हराया था।
अमित का राजनीतिक सफर
भाजपा में पीएम मोदी के बाद दूसरे सबसे बड़े ताकतवर नेता माने जाने वाले अमित शाह एक बार फिर गांधीनगर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। उनका मुकाबला कांग्रेस की सोनल पटेल से है। देश के गृह मंत्री होने के बाद भी अमित शाह ने अपने संसदीय क्षेत्र में लगातार अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। उन्होंने इसी संसदीय क्षेत्र से राजनीति की शुरुआत की थी। अमित शाह एक बूथ लेवल के कार्यकर्ता से लेकर विधायक, गृह राज्य मंत्री, फिर सांसद और केंद्रीय गृह मंत्री के सफर से सभी वाकिफ हैं।
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कौन हैं सोनल पटेल?
कांग्रेस ने अमित शाह के खिलाफ सोनल पटेल को चुनावी मैदान में उतारा है। वे अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) की सचिव हैं। साथ ही उनके पास मुंबई और पश्चिमी महाराष्ट्र की कांग्रेस सह-प्रभारी की जिम्मेदारी है। पेशे से आर्किटेक्ट सोनल पटेल सादगी से अपना चुनाव प्रचार कर रही हैं। वो अपनी एक इनोवा कार और कुछ कार्यकर्ताओं के साथ हर इलाके में जाकर जनसंपर्क कर रही हैं।
1967 में अस्तित्व में आई थी गांधीनगर सीट
गुजरात की राजधानी गांधीनगर 1967 में लोकसभा बनी थी। 1977 के चुनाव को छोड़कर पांच में से चार चुनाव कांग्रेस ने जीते। यह सीट कांग्रेस का गढ़ बनकर उभरी, लेकिन 1989 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के नेता शंकर सिंह वाघेला ने कांग्रेस की उम्मीदवार कोकिला व्यास को हराकर पहली बार कमल खिलाया। इसके बाद गुजरात में गांधीनगर बीजेपी की शक्ति का केंद्र बन गया। अगले चुनाव में बीजेपी के कद्दावर नेता लालकृष्ण आडवाणी यहां से पहली बार जीते और लोकसभा पहुंचे। पांच साल के बाद अटल बिहारी वाजपेयी यहां से चुनाव लड़े और उन्होंने जीत हासिल की। हालांकि, बाद में उन्होंने गांधीनगर छोड़कर लखनऊ सीट से चुनाव लड़ा। अटल बिहारी वाजपेयी के सीट खाली करने पर कांग्रेस ने इसे हथियाने की काफी कोशिश की, लेकिन सफलता नहीं मिली। उस वक्त स्टारडम पर सवार राजेश खन्ना को भी हार सामना करना पड़ा। 1998, 1999, 2004, 2009, 2014 में लगातार पांच बार बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी ने जीत हासिल की। 2019 में अमित शाह ने जीत हासिल की।
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क्यों इस शहर का नाम पड़ा गांधीनगर
गांधीनगर गुजरात की राजधानी है। यह भारत का दूसरा ऐसा शहर है, जिसे पूरी तरह आयोजन से बसाया गया है। इसे 'हरित नगर' ग्रीन सीटी भी कहा जाता है। महात्मा गांधी की याद में इस शहर का नाम 'गांधीनगर' रखा गया है। गांधीनगर अहमदाबाद शहर से 35 किलोमीटर पूर्वोत्तर में साबरमती नदी के दाएं तट पर स्थित है। 649 वर्ग किलोमीटर में फैले गांधीनगर को चंडीगढ़ के बाद भारत का दूसरा नियोजित शहर माना जाता है।