गुजरात के इस जिले की गाजर है मशहूर, किसान कमाते हैं लाखों रुपये; जानें क्या है कीमत?
Gujarat Carrots: गुजरात के सभी जिले कृषि की दृष्टि से विशेष महत्व और उत्पादन रखते हैं। इसी प्रकार पाटन में सर्दी के मौसम में गाजर भी पाटन पंथक की विशेष पहचान वाली फसल मानी जाती है। गुजरात से लेकर मुंबई तक इसकी बिक्री होती है। इस साल गाजर की बुआई कम होने से दाम अच्छे मिलने से किसान खुश हैं।
पाटन की लाल चटक गाजर की गुजरात सहित अन्य बड़े शहरों और राज्यों में काफी मांग है। जब गाजर खाने का मन होता है तो पाटन की गाजर ही याद आती है क्योंकि पाटन की गाजर लाल चटक और स्वाद में मीठी होती है। जैसे-जैसे ठंड बढ़ती है, गाजर की गुणवत्ता में भी सुधार होता है और उत्पादन भी बेहतर होता है। पाटन पंथक में गाजर की खेती पर नजर डालें तो रूनी, हंसापुर, मटरवाडी समेत कई इलाकों में बड़े पैमाने पर किसानों ने गाजर लगाई है।
पाटन की गाजर की विशेष मांग
पाटन की गाजर की बात करें तो इस गाजर की विशेष मांग है, क्योंकि इसका रंग कम लाल और स्वाद ज्यादा मीठा और लंबा होता है। पाटन गाजर की मांग अहमदाबाद, सूरत, वडोदरा, राजकोट और मुंबई के बाजारों में है तो इस साल गाजर की बुआई कम होने और सीजन लेट होने के कारण किसानों को गाजर के दाम पिछले साल के मुकाबले काफी अच्छे मिल रहे हैं। फिलहाल 20 किलो गाजर की कीमत 200 रुपये से लेकर 270 रुपये तक थी। जबकि पिछले सीजन में गाजर की कीमत 20 किलो 140 से 175 रुपये के आसपास थी।
चूंकि गाजर की खेती बहुत महंगी है और पिछले साल गाजर की कीमतें कम थीं, इसलिए किसान परेशानी में थे, जिसके कारण इस साल गाजर की खेती बहुत कम है और कीमतें बढ़ गई हैं। इसलिए कृषि विभाग को भी इस क्षेत्र का दौरा करना चाहिए ताकि यह गाजर बागान लुप्त न हो जाए, अन्य सब्जियों को संरक्षित करने के लिए अन्य जिलों में कोल्ड स्टोरेज की सुविधा है। अगर सरकार पाटन में गाजर के माल को संरक्षित करने के लिए कोल्ड स्टोरेज की सुविधा बनाती है, तो यह किसानों के लिए वरदान साबित होगा।
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