बच्चों की देखभाल और स्वास्थ्य को लेकर गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल का बड़ा फैसला, अब मुफ्त मिलेगी ये सुविधा
CM Bhupendra Patel Big Decision: मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल के मार्गदर्शन में बाल स्वास्थ्य देखभाल एवं स्वास्थ्य को लेकर संवेदनशील निर्णय लिया गया है। स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेष पटेल ने गुजरात विधानसभा में नियम-44 के तहत स्वास्थ्य के महत्व की घोषणा की। राज्य सरकार ने उन मामलों में कॉक्लियर इंप्लांट प्रोसेसर को पूरी तरह से मुफ्त बदलने का फैसला लिया है, जहां बच्चों को सरकार द्वारा एक बार मुफ्त कॉक्लियर इंप्लांट (Cochlear Implant) दिया गया है और किसी कारण से यह प्रोसेसर खराब हो गया है, टूट गया है, खराब हो गया है या बंद हो गया है। इससे पहले, जिन बच्चों को सरकार द्वारा एक बार मुफ्त कॉक्लियर इम्प्लांट दिया गया है, उनके इम्प्लांट प्रोसेसर को बदलने के लिए राज्य सरकार द्वारा कुल राशि का 90 % और माता-पिता द्वारा 10% योगदान देने का फैसला लिया गया था।
बच्चों की देखभाल और स्वास्थ्य एक बड़ा फैसला
राज्य सरकार ने बच्चों के प्रति सहानुभूति जताते हुए इस प्रोसेसर को पूरी तरह से बदलने का फैसला किया है, तो अब बच्चों के माता-पिता को एक भी रुपया खर्च करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। वर्तमान में राज्य में 1365 बच्चों को कॉकलियर इम्प्लांट प्रोसेसर किट बदलने के लिए चिन्हित किया गया है, जिनमें से इस साल 700 बच्चों के कॉकलियर इम्प्लांट एक्सटर्नल प्रोसेसर बदलने की तत्काल जरूरी मार्क किया गया है। जिसमें मूल्यांकन, फिटिंग और मैपिंग कैपेसिटी शामिल है। प्रति बच्चे पर लगभग 5 लाख रुपये का खर्च आएगा। इस प्रकार, इन सभी बच्चों को 35 करोड़ रुपये के एस्टीमेट कॉस्ट पर नए प्रोसेसर का लाभ मिलेगा।
कॉक्लियर इम्प्लांट सर्जरी प्रोसेसर में मिलेगी ये सुविधा
गौरतलब है कि पिछले 10 सालों में राज्य के 3163 बच्चों की 221 करोड़ रुपये की लागत से कॉकलियर इंप्लांट सर्जरी हो चुकी है। यह सर्जरी स्कूल हेल्थ प्रोग्राम के तहत की जाती है, जिसकी अनुमानित लागत 7 लाख रुपये है। इन इम्प्लांट में उपयोग किए जाने वाले प्रोसेसर को कुछ मामलों में समय बीतने, टेक्नोलॉजिकल एडवांसमेंट, अपग्रेड्स, टेक्नोलॉजी अपडेट्स के रूप में बदलने की जरूरत होती है। इसके अलावा, इन सभी बच्चों को एक नए प्रोसेसर का लाभ देने का निर्णय लिया गया है ताकि कुछ मामलों में सुनने की क्षमता खो जाने या टूट जाने पर भी बच्चे की सुनने की शक्ति फिर से खत्म न हो।
एक बार कॉकलियर इम्प्लांट सर्जरी हो जाने के बाद, बच्चे को 100 स्पीच थेरेपी सत्रों सहित गुणवत्तापूर्ण उपचार भी मुफ्त प्रदान किया जाता है। सुपर स्पेशलिटी उपचार के लिए अहमदाबाद में रेफर किए गए स्कूल स्वास्थ्य कार्यक्रम के सभी बाल लाभार्थियों को उनके निवास से स्वास्थ्य संस्थान तक यात्रा भत्ता दिया जाता है।
ये भी पढ़ें- पंजाब में Start-Up की मदद के लिए एक साथ आई ये 3 संस्थाएं, साइन किया सीड कैपिटल का समझौता