'सरकार को गाय को राष्ट्रमाता घोषित करना चाहिए', गुजरात की धर्म सभा में जगतगुरु शंकराचार्य की मांग
Gujarat Dharm Sabha Jagatguru Shankaracharya Demand: गुजरात के मोरबी के मकनसर गांव के पास सरतानपर रोड पर पांजरापोल में एक धर्म सभा का आयोजन किया गया। इस धर्मसभा में जगतगुरु शंकराचार्य शारदापीठ के पीठाधीश्वर सदानंदजी सरस्वती महाराज मौजूद रहे। यहां धर्म सभा को संबोधित करते हुए पीठाधीश्वर सदानंदजी सरस्वती महाराज ने एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि अगर देश में बाघ-हिरण के लिए अभियान चलाया जा सकता है तो सरकार को गाय को राष्ट्रमाता घोषित करना करना चाहिए।
महाराज की सरकार से मांग
पीठाधीश्वर सदानंदजी सरस्वती महाराज ने यह कहा कि हिंदुओं का पहला धर्म गोरक्षा है और जब वो गायों की रक्षा करते हैं तो उन्हें कभी दुख नहीं होता है। खासकर जब साधु-संत और हिंदू समाज सालों से गाय को राष्ट्रमाता घोषित करने की मांग कर रहा हैं। अगर देश में बाघ और हिरण के लिए अभियान चलाया जा सकता है, तो केंद्र सरकार को गाय को राष्ट्रमाता घोषित करना चाहिए।
महाराज ने व्यक्त की भावना
जगतगुरु शंकराचार्य ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि जो व्यक्ति गाय की सेवा के काम में सहयोग करता है उसे कभी कष्ट नहीं होता। इसके साथ ही उन्होंने अपनी भावना व्यक्त करते हुए कहा कि जो गाय, माता, पिता और ओंकार में विश्वास करता है वह हिंदू है और गाय की सेवा करना एक हिंदू का पहला धर्म है। अंत में उन्होंने यह भी कहा कि बारिश के कारण आज धर्म सभा नहीं हो सकी, लेकिन भविष्य में वे दूसरी बार इसी स्थान पर आएंगे।
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गायों का पालन-पोषण
मोरबी में पांजरापोल कई सालों से चल रहा है और वर्तमान में 5200 से अधिक गायों का पालन-पोषण कर रहा है। आज तक इसके लिए प्रदान की गई भूमि का लगभग 40 से 45 प्रतिशत हिस्सा उस भूमि को उर्वर बनाकर पैदा किया जा रहा है। मोरबी के सिरेमिक उद्योगपतियों समेत छोटे-बड़े लोगों द्वारा पंजरापोल के गौ सेवा कार्य के लिए हर साल लाखों नहीं बल्कि करोड़ों रुपये का दान दिया जाता है। इससे आज की तारीख में मोरबी का पांजरापोल गुजरात का नंबर वन पांजरापोल है।