whatsapp
For the best experience, open
https://mhindi.news24online.com
on your mobile browser.

अडानी पोर्ट मुद्दे पर भिड़े गुजरात सरकार और कांग्रेस, जानें पूरा मामला

Gujarat Govt on Adani Port Issue: अडानी पोर्ट मुद्दे को लेकर कांग्रेस और गुजरात सरकार के बीच जुबानी जंग छिड़ गई है। कांग्रेस का आरोप है कि गुजरात सरकार ने नियमों के खिलाफ जाकर अडानी पोर्ट समय सीमा बढ़ाई है।
06:15 PM Aug 15, 2024 IST | Pooja Mishra
अडानी पोर्ट मुद्दे पर भिड़े गुजरात सरकार और कांग्रेस  जानें पूरा मामला

Gujarat Govt on Adani Port Issue: गुजरात में अडानी पोर्ट मुद्दे को लेकर एक बार फिर कांग्रेस और भाजपा के बीच जुबानी जंग छिड़ गई है। हाल ही में अडानी मुद्दे पर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने गुजरात सरकार पर जमकर हमला बोला। साथ ही आरोप लगाया कि गुजरात सरकार ने अडानी के लिए बंदरगाह के लिए नियमों के खिलाफ जाकर समय सीमा बढ़ाई है। हालांकि गुजरात सरकार ने कांग्रेस के इन आरोपो को खारिज किया है।

गुजरात सरकार का जवाब

गुजरात सरकार ने कहा कि नियम सभी पोर्ट ऑपरेटरों के लिए एक समान हैं। यह साफ कर दिया गया है कि अधिनियम के अनुसार 50 साल की कोई अधिकतम अवधि नहीं है। देश के बाकी राज्यों में पोर्ट कंसेशन का लाभ 30 से 99 साल तक है। बंदरगाह संचालकों को रियायतें देने के लिए अधिकतम 50 साल का कोई नियम नहीं है।

जीएमबी बूट नीति

जीएमबी बूट नीति 1997 के आधार पर काम कर रहा है। जीएमबी ने बंदरगाह ऑपरेटरों के साथ शुरुआती 30 साल की अवधि के लिए एक समझौता किया है। बंदरगाहों के विकास के लिए समझौते की समय सीमा बढ़ाने का प्रावधान किया गया है। पीपावाव, मुंद्रा, हजीरा, दहेज, छारा, जाफराबाद बंदरगाह शामिल हैं। APSEZ मुंद्रा से 2015 और 2021 में समय सीमा बढ़ाने का अनुरोध किया गया है।

यह भी पढ़ें: अहमदाबाद में टॉवर क्रेन के इस्तेमाल के लिए लेना होगा सुरक्षा प्रमाणपत्र, जानें क्या है नई SOP में

एपीएम टर्मिनल्स संग रियायत समझौता

2011 से 2021 तक एपीएम टर्मिनल्स पीपावाव ने समय सीमा बढ़ाने का अनुरोध किया है। एपीएम टर्मिनल्स के साथ पहला रियायत समझौता 2028 में पूरा होगा। मालवाहक जहाजों की आवाजाही में भविष्य में व्यवधान से बचने के लिए निर्णय लेना आवश्यक हो गया। ओडिशा, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश में, बंदरगाह रियायत अवधि 30-99 वर्ष तक होती है। प्रस्तावित नीति पर केवल बंदरगाह डेवलपर्स के अनुरोध पर चर्चा की गई है। परिणामस्वरूप, सभी बंदरगाह ऑपरेटरों को समान रूप से लाभ हो सकता है।

Open in App Tags :
tlbr_img1 दुनिया tlbr_img2 ट्रेंडिंग tlbr_img3 मनोरंजन tlbr_img4 वीडियो