गुजरात सरकार ने स्कूलों के एजुकेशनल टूर के लिए जारी की नई गाइडलाइन, इन चीजों पर रहेगी पाबंदी
New Guidelines For Educational Tours For Schools: वडोदरा में हरणी नाव हाजसे के बाद गुजरात सरकार ने राज्य के स्कूलों के लिए शैक्षिक दौरे के लिए गाइडलाइन्स की घोषणा की है। एजुकेशन डिपार्टमेंट की ओर से गाइडलाइन की घोषणा कर दी गई है, जिसमें अब से ट्रेवल करने से पहले जरूरी परमिशन लेनी होगी। इसके साथ ही स्कूल टूरिज्म के लिए भी एक संकल्प की घोषणा की गई है, तो अब से अगर गुजरात में कोई भी स्कूल टूर आयोजित करना है तो नियमों का पालन करना होगा।
इस बारे में पोस्ट करते हुए शिक्षा मंत्री कुबेर डिंडोरी ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल के नेतृत्व में राज्य के शासकीय/सहायता प्राप्त/निजी (Self-Reliance) प्राथमिक, सेकेंडरी एंड हायर सेकेंडरी स्कूलों के व्यक्तित्व, अवलोकन शक्ति का विकास किया जाए। इससे जिज्ञासा बढ़ेगी, विद्यार्थी आनंदपूर्वक शैक्षिक लक्ष्य प्राप्त करेंगे। इसके लिए सांस्कृतिक, धार्मिक, ऐतिहासिक और विकसित स्थानों की ट्रेवल की योजना के लिए दिशा-निर्देश प्रकाशित किए गए हैं।
जरूरी सूचना
- ट्रैवल के लिए माता-पिता की परमिशन लेनी होगी।
- ट्रैवल के लिए प्राचार्य की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया जाए।
- ट्रैवल के प्रकार के अनुसार 15 दिन पहले जानकारी देनी होगी।
- ट्रैवल के दिन के हिसाब से ब्योरा देना होगा।
- एक अनुभवी व्यक्ति कॉर्डिनेटर होगा।
- किसी को ट्रैवल के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता।
- 15 विद्यार्थियों पर एक शिक्षक लिखना होगा।
- फर्स्ट एड किट साथ रखनी चाहिए।
- जीपीएस ट्रैकिंग वाली गाड़ियों में ही सफर करना होगा।
- फायर सेफ्टी इक्विपमेंट जरूर रखने चाहिए।
- नाव की सवारी ऑप्शनल।
- नाव की सवारी या ओवरबुकिंग से बचें।
- ग्रुप के अनुसार एक शिक्षक और लाइफ जैकेट अनिवार्य है।
- तैराकी जैसी खतरनाक प्रतियोगिता में भाग न लें।
- नाइट स्टे के स्थान पर रात 10 बजे तक पहुंचें।
માન. મુખ્યમંત્રીશ્રી @Bhupendrapbjp જીના નેતૃત્વ હેઠળ રાજ્યની સરકારી/અનુદાનિત/ખાનગી (સ્વનિર્ભર) પ્રાથમિક, માધ્યમિક અને ઉચ્ચતર માધ્યમિક શાળાઓના વિદ્યાર્થીઓને આનંદ સાથે શૈક્ષણિક હેતુ સિદ્ધ થાય તે માટે સાંસ્કૃતિક, ઐતિહાસિક તથા વિકસિત સ્થળોએ પ્રવાસના આયોજનની માર્ગદર્શક સૂચનાઓ જાહેર.. pic.twitter.com/kThgMCxATt
— Praful Pansheriya (@prafulpbjp) October 24, 2024
शिक्षा विभाग ने सर्कुलर में कहा कि यात्रा के मुख्य उद्देश्य को पूरा करने और आग, दुर्घटना या अन्य अप्रिय घटना या दुर्घटना को रोकने और सभी भाग लेने वाले छात्रों/शिक्षकों की पूर्ण सुरक्षा बनाए रखने के लिए, राज्य सरकार/अनुदान प्राप्त /निजी (स्व-स्थायी) छात्रों के आयु वर्ग को ध्यान में रखना चाहिए।
प्राइमरी सेकेंडरी एंड हायर सेकेंडरी स्कूलों द्वारा एजुकेशनल टूरिज्म के आयोजन के लिए गाइडलाइन के प्रकाशन का मुद्दा सरकार के विचाराधीन था। राज्य के सरकारी/सहायता प्राप्त/निजी (आत्मनिर्भर) प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों द्वारा शैक्षिक पर्यटन की योजना में आग, दुर्घटना या अन्य घटनाओं या दुर्घटनाओं से बचने के लिए और सभी की पूरी सुरक्षा और संरक्षा बनाए रखने के लिए भाग लेने वाले छात्रों/शिक्षकों के साथ-साथ दिए गए निर्देशों को सख्ती से लागू किया जाना चाहिए।
- एजुकेशनल टूर की योजना बनाने के लिए विद्यालय के प्राचार्य की अध्यक्षता में विद्यार्थियों के अभिभावक प्रतिनिधि सहित एक 'समिति' का गठन करना तथा व्यवस्थाओं पर विस्तृत चर्चा कर विद्यार्थियों के आयु वर्ग के अनुसार भ्रमण स्थलों का चुनाव करना। मार्ग, जोखिम, दौरे के लाभ आदि।
- शैक्षिक दौरे के प्रकार के अनुसार (1) राज्य के भीतर यात्रा के मामले में संबंधित जिला शिक्षा अधिकारी / जिला प्राथमिक शिक्षा अधिकारी / शासी निकाय के लिए (2) राज्य के बाहर की यात्रा के मामले में आयुक्त / निदेशक के कार्यालय में स्कूल, गांधीनगर और प्राथमिक शिक्षा निदेशक कार्यालय, गांधीनगर (3) विदेश यात्रा अगर है तो शिक्षा विभाग, सचिवालय, गांधीनगर को दौरे की शुरुआत से 15 दिन पहले उपकरणों के सभी विवरणों के साथ सूचित किया जाना चाहिए।
- पूरी यात्रा का प्रतिदिन का कार्यक्रम बताना होगा।
- एक जिम्मेदार और अनुभवी व्यक्ति को दौरे का 'संयोजक' नियुक्त किया जाना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि दौरा योजना के अनुसार हो।
- जो छात्र भाग लेने जा रहे हैं, उन्हें अपने माता-पिता के साथ बैठक करके प्रस्तावित यात्रा योजना के बारे में सूचित करना चाहिए और उनकी सहमति लेनी चाहिए। यदि अभिभावक किसी भी कारण से उपस्थित नहीं है, तो छात्र के माध्यम से अभिभावक की सहमति प्राप्त करना, ऐसी सहमति लिखित में लेना और छात्र के माता-पिता/अभिभावक का आईडी प्रूफ और मोबाइल नंबर प्राप्त करना और यह सुनिश्चित करना कि सहमति दी गई है।
- यात्रा स्वैच्छिक होगी। किसी भी छात्र या उसके अभिभावक को यात्रा के लिए मजबूर नहीं किया जा सकेगा।
- टूर में प्रति 15 विद्यार्थियों पर कम से कम 1 (एक) शिक्षक की व्यवस्था की जाय।
- जो छात्र बीमार/गंभीर रूप से बीमार हैं और शारीरिक-मानसिक रूप से कमजोर छात्र जो यात्रा सहन नहीं कर सकते हैं, यात्रा से एलर्जी है और जो यात्रा नहीं कर सकते उन्हें दौरे में शामिल नहीं किया जाएगा।
- जहां लड़के-लड़कियों का जॉइंट टूर हो, वहां महिला स्टाफ को शामिल किया जाए और उनकी सुरक्षा का पर्याप्त ध्यान रखा जाए।
- छात्रों के साथ चर्चा, पैनल, बैठक, क्या करें, क्या न करें के बारे में मार्गदर्शन देना और छात्रों पर पूर्ण पर्यवेक्षण की व्यवस्था करना, संक्षेप में एक साफ सुरक्षा योजना तैयार करना।
- विद्यार्थियों से चर्चा करना, चर्चा करना, बैठक करना तथा क्या करें और क्या न करें का साफ मार्गदर्शन देना तथा विद्यार्थियों पर पूर्ण निगरानी की व्यवस्था करना। संक्षेप में, एक स्पष्ट सुरक्षा योजना तैयार करें।
टूर पर जाते समय ये भी करना जरूरी
1. यात्रा की तारीख से 15 दिन पहले टूर के बारे में संबंधित क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) और स्थानीय पुलिस स्टेशन को सूचित करें।
2. वित्तीय खातों को साफऔर पारदर्शी रखा जाना चाहिए और छात्रों और अभिभावकों को इसके बारे में जागरूक किया जाना चाहिए।
3. अगर सरकार के अन्य विभागों द्वारा इस संबंध में सहायक निर्देश या दिशानिर्देश जारी किए जाते हैं, तो उन्हें सख्ती से लागू करना होगा।
उपरोक्त नोटिफिकेशन सरकारी/सहायता प्राप्त/निजी प्राथमिक, मध्य और उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों पर लागू होगी। सभी निर्देशों का कड़ाई से पालन करना होगा। यह 'संकल्प' उसी संबंधित पत्रावली पर शासन की अनुमति दिनांक 23/10/2024 के क्रम में जारी किया गया है।
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