CM भूपेन्द्र पटेल-स्वास्थ्य मंत्री की बैठक में बड़ा फैसला, ख्याति हॉस्पिटल मामले में गुजरात सरकार बनेगी अभियोजक
Khyati Hospital Controversy: अहमदाबाद के ख्याति अस्पताल में हुई घटना के बाद गुजरात सरकार जहां लगातार बैठकें कर रही हैं। वहीं, ख्याति अस्पताल में दो मरीजों की मौत को लेकर बड़ी खबर आ रही है। मिली जानकारी के मुताबिक इस मामले में राज्य सरकार अभियोजक होगी।
मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल, स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेष पटेल और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी में हुई बैठक में यह फैसला लिया गया। इस मामले में पुलिस ने कानूनी कार्रवाई रिपोर्ट भी सौंपी। खबर यह भी है कि बैठक में प्रथम दृष्टया अस्पताल की गंभीर लापरवाही को स्वीकार किया गया है। अब अस्पताल अधिकारियों और डॉक्टरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, जिसके तहत अस्पताल का लाइसेंस भी रद्द कर दिया जाएगा।
जांच रिपोर्ट स्वास्थ्य आयुक्त को सौंपी जाएगी
ख्याति अस्पताल ने कड़ी में एक स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया और मरीजों को दिल के इलाज के लिए अहमदाबाद लाया गया। जहां दो मरीजों की मौत के बाद परिजनों ने जमकर हंगामा किया। इसके अलावा अस्पताल में भी तोड़फोड़ की गई। स्वास्थ्य विभाग ने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं।
The alleged incident at Khyati Hospital is very serious. I have ordered an immediate inquiry by the State Anti-Fraud Unit (SAFU) of PMJAY. If there is any substance to the allegations or evidence of medical negligence, severe action will be taken against the hospital and the…
— Rushikesh Patel (@irushikeshpatel) November 12, 2024
स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों के मुताबिक ऐसा लगता है कि प्राथमिक स्तर पर मरीजों के इलाज के नाम पर पैसे ऐंठने का घोटाला किया गया है। इसे देखते हुए अस्पताल का बकाया भुगतान रोक दिया गया है। आगे एक्सपर्ट टीम की रिपोर्ट के बाद स्वास्थ्य आयुक्त के नेतृत्व में आगे का फैसला लिया जाएगा।
स्वास्थ्य विभाग ने इस बात पर भी विचार किया है कि जब तक इस योजना के तहत अस्पताल पैनल में शामिल नहीं हो जाते हैं, तब तक डॉक्टरों को दूसरे अस्पतालों में भी प्रैक्टिस करने की परमिशन नहीं दी जाएगी, तब तक निलंबन की कार्रवाई भी की जा सकती है।
स्वास्थ्य शिविरों को रोकने के लिए कार्रवाई
आने वाले दिनों में स्वास्थ्य विभाग एक सर्कुलर जारी कर यह सुनिश्चित करने की कार्रवाई करेगा कि पीएमजेवाईए योजना के तहत कोई स्वास्थ्य शिविर न लगाया जाए। ताकि ऐसी घटना दोबारा न हो। गौरतलब है कि अस्पताल संचालक मरीजों से लालच भरी बातें करते हैं और कहते हैं कि स्वास्थ्य शिविर में एक भी रुपया खर्च नहीं होगा, उनका इलाज मुफ्त में किया जाएगा।
इस मामले में गठित कमेटी द्वारा उन सभी 7 मरीजों की सीडी और मेडिकल रिपोर्ट की स्टडी की जा रही है, जिन्हें स्टेंट लगाया गया था। यह स्टडी करने के बाद वे अपनी रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग को सौंपेंगे।
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