गुजरात का ये गांव बना देश का पहला Border Solar Village, महज 40 किमी दूर है पाकिस्तान
Gujarat Masali is India First Border Solar Village: केंद्र सरकार लंबे समय से देश में सौर ऊर्जा को प्राथमिकता दे रही है और इसके तहत मोदी सरकार कुछ योजनाएं भी चला रही है। इस तरह गुजरात में भी सौर ऊर्जा को लेकर राज्य सरकार को अच्छी सफलता मिल रही है। इसी कड़ी में एक बार फिर से गुजरात सरकार ने एक बड़ी अचीवमेंट हासिल की है। दरअसल, गुजरात का बनासकांठा जिले का मसाली गांव पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना के साथ देश का पहला बॉर्डर सोलर गांव बन गया है। बॉर्डर डेवलपमेंट प्रोजेक्ट के तहत सारधी वाव तालुका के 17 और सुइगाम तालुका के 6 कुल मिलाकर 17 गांवों को बॉर्डर डेवलपमेंट प्रोजेक्ट बनाने की पहल सिस्टम द्वारा की गई है, जिसके तहत मसाली गांव में काम पूरा हो चुका है।
देश में पहला बॉर्डर सोलर एनर्जी वाला गांव
पीएम सूर्यघर फ्री बिजली योजना के तहत पाकिस्तान बॉर्डर से महज 40 किमी दूर गुजरात के मसाली गांव को देश का पहला सोलर पावर गांव बनने का गौरव मिला है। 800 लोगों की आबादी वाले इस गांव में 119 घरों की छतों से पर सोलर रूफ टॉप लगाए गए हैं, जिससे 225.5 किलोवाट बिजली पैदा की जा रही है। जिला प्रशासन की कोशिशो की वजह से यह गांव पूरी तरह सौर ऊर्जा आधारित गांव बन गया है।
सोलर एनर्जी से चलने वाला देश का पहला गांव
साल 2022 में गुजरात के मोढेरा गांव को देश का पहला सोलर एनर्जी से चलने वाला गांव घोषित किया गया था। मोढेरा के प्रतिष्ठित गांव में 1300 से अधिक ग्रामीण घरों में सौर छतें स्थापित की गई हैं। इससे बिजली बिल में 60-100 प्रतिशत तक की बचत होती है। तब मसाली मोढेरा के बाद राज्य का दूसरा सौर ग्राम बन गया है।
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सीएम भूपेन्द्र पटेल ने जाहिर की खुशी
मोढेरा में सोलर एनर्जी पावर के बारे में बात करते हुए सीएम भूपेन्द्र पटेल ने कहा कि मुझे खुशी है कि गुजरात ने एक बार फिर प्रधानमंत्री के स्वच्छ ऊर्जा पैदा करने के दृष्टिकोण को साकार करने का बीड़ा उठाया है। हम 2030 तक रेन्यूएबल के माध्यम से भारत की 50 प्रतिशत ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने की उनकी प्रतिबद्धता को साकार करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।