शेरों की मौत पर गुजरात हाईकोर्ट सख्त, रेलवे को दी ट्रेन बंद कर देने की चेतावनी
भूपेंद्र सिंह ठाकुर, अहमदाबाद
Gujarat High Court Warned Railway Over Death Of Lions In Train Accidents : गुजरात का गर्व कहे जाने वाले एशियाटिक शेरों की ट्रेन से कटकर हो रही मौत की घटनाओं पर गुजरात हाईकोर्ट ने सख्त रवैया अपनाते हुए रेलवे को कड़ी फटकार लगाई है। हाईकोर्ट ने रेलवे से शेरों की मौत की रोकथाम के लिए ठोस उपाय के साथ अदालत में हाजिर होने को कहा है। अदालत ने चेतावनी भी दी है कि अगर ठोस उपाय नहीं किए तो जंगल से गुजरने वाली ट्रेनों को बंद कर दिया जाएगा।
Another tragic loss as a speeding train claims the life of yet another #Lion on the problematic 90 km stretch from Liliya to Pipavav in Gujarat. This route has become a death track for Asiatic lions, and these incidents are happening far too frequently. Authorities must act… pic.twitter.com/f6f4i53OsQ
— Parimal Nathwani (@mpparimal) January 13, 2024
'सरकार और रेलवे मिलकर करे उपाय'
हाईकोर्ट ने रेलवे को कड़े शब्दों में कहा कि आप हर दिन शेरों को मार रहे हैं, यह बर्दाश्त नहीं होगा। हम दुर्घटनाओं की संख्या में कमी नहीं बल्कि शून्य दुर्घटनाएं चाहते हैं। अदालत ने कहा कि केवल जनवरी महीने में दो शेरों की मौत बेहद चिंताजनक है।रेलवे ट्रैक पर शेरों की मौत पर हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए आदेश दिया कि रेलवे और राज्य सरकार को एक-दूसरे के साथ समन्वय करके रेलवे ट्रैक के किनारे बाड़ या बैरिकेड्स को फिर से लगाने चाहिए।
Paws out and on the prowl, the young Asiatic Lions at Gir National Park are thriving. Their energy lifts every corner of the Park, bringing smiles to those who see them wandering in the forest. Make this wildlife destination your next trip!@Mulubhai_Bera@hareets
📹: Tapan… pic.twitter.com/mO9h96JpFE
— Gujarat Tourism (@GujaratTourism) March 19, 2024
रेलवे ने जवाब देने के लिए मांगा समय
अदालत ने आगे कहा कि यह भी सुनिश्चित करना भी जरूरी है कि भविष्य में ऐसी दुर्घटनाओं को रोकने के लिए अभयारण्य और आसपास के क्षेत्रों में कम से कम 100 किमी तक उन्हें फिर से स्थापित किया जाना चाहिए या नहीं। मामले में हाईकोर्ट ने रेलवे विभाग के हलफनामे को स्वीकार करने से इनकार कर दिया। जिसके बाद विभाग ने एसओपी के साथ जवाब पेश करने के लिए कुछ समय की मांग की है।