कांग्रेस को बड़ा झटका लगा, सूरत में प्रत्याशी का नामांकन कैंसिल हुआ, कोर्ट के आदेश पर कार्रवाई
Congress Candidate Election Nomination Cancelled: लोकसभा चुनाव 2024 की वोटिंग शुरू हो चुकी है और पहले फेज का मतदान भी हो चुका है। वहीं दूसरे फेज की वोटिंग से पहले कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है, क्योंकि गुजरात के सूरत में पार्टी के प्रत्याशी का नामांकन रद्द हो गया है। कोर्ट के आदेश पर उनका नामांकन कैंसिल किया गया है।
आज कोर्ट की सुनवाई के दौरान उनकी उम्मीदवारी के लिए बतौर समर्थक हस्ताक्षर करने वाले तीनों समर्थक पेश नहीं हुए। इन तीनों समर्थकों ने दावा किया था कि निलेश कुम्भानी के नामांकन फार्म में उन्होंने हस्ताक्षर नहीं किए हैं। इसके चलते भाजपा ने नीलेश का नामांकन फॉर्म रद्द करने की मांग की। कोर्ट में याचिका देकर शिकायत की गई, जिस पर आज फैसला आया।
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सूरत कॉंग्रेस केन्डीडेट निलेष कुंभाणी का उम्मीदवारी पत्र रद , उम्मीदवारी पत्र में जो सपोर्टर थे उन्होंने एफिडेवीट कर कहा के हमने फोर्म पर सही नहि की थी । pic.twitter.com/wGr3sdW3LL— Yug (@mittal68218) April 21, 2024
क्या है मामला?
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, नीलेश ने फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने का फैसला लिया है। उनके नामांकन पर भाजपा ने सवाल उठाऐ थे। चुनाव आयोग को दिया गया हलफनामा सामने आने के बाद भाजपा ने पड़ताल की तो पता चला कि नामांकन पत्र पर जिन समर्थकों के हस्ताक्षर हैं, वे झूठे हैं। तीनों समर्थकों रमेश पोलारा, ध्रुवित कामेलिया और जगदीश सावलिया ने हस्ताक्षर उनके होने से इनकार किया।
इस आधार पर भाजपा प्रत्याशी मुकेश दलाल के समर्थक दिनेश जोधानी ने याचिका दायर की थी। सूरत कलेक्टर कोर्ट में शिकायत देकर नीलेश का नामांकन कैंसिल करने की मांग की गई थी। याचिका पर सुनवाई करते हुए कलेक्टर ने नीलेश को तीनों समर्थकों को पेश करने को कहा, लेकिन आज हुई सुनवाई में तीनों समर्थक कोर्ट में पेश नहीं हुए तो कोर्ट ने नीलेश का नामांकन रद्द करने का फैसला सुना दिया।
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कांग्रेस का समर्थकों पर दबाव डालने का आरोप
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, नीलेश ने भाजपा पर उनके समर्थकों का अपहरण करने और उन पर दबाव डालकर झूठा हलफनामा कोर्ट में सबमिट कराने का आरोप लगाया है। उन्होंने आरोप लगाते हुए हाईकोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण कानून के तहत याचिका भी दायर की थीं, जिन्हें खारिज कर दिया गया था।
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