Rajkot Fire: 28 जानें बच सकती थीं अगर...जिंदा बचे चश्मदीद ने बयां की खौफनाक अग्निकांड की आंखोंदेखी
Rajkot Game Zone Fire Updates: 28 जानें बचाई जा सकती थीं, बच्चे जिंदा जलकर नहीं मरते, अगर समय रहते उन्हें रेस्क्यू कर लिया जाता। जी हां, गुजरात के राजकोट शहर में खुले TRP गेम जोन में हुए भीषण अग्निकांड की आंखोंदेखी कहानी उस युवक ने सुनाई, जिसमें खिड़की से कूदकर अपनी जान बचाई थी। उसने हादसे के लिए गेम जोन के मालिक, स्टाफ कर्मियों, मैनेजर और प्रशासन की लापरवाही को बताया है।
हालांकि लड़के ने अपना नाम पुलिस को नहीं बताया, लेकिन उसने अग्निकांड में लापरवाहियों का पिटारा खोलकर साबित कर दिया कि किस तरह बड़े-बड़े शॉपिंग मॉल और कमर्शियल बिल्डिंगों में लोगों की सुरक्षा से खिलवाड़ किया जाता है। बात करते-करते लड़का फूट-फूट कर रोने लगा था। लड़के का कहना है कि अगर वह खिड़की से नहीं कूदता तो उसकी भी दर्दनाक मौत हो जाती। आइए जानते हैं गेम जोन में हुए अग्निकांड की आंखोंदेखी कहानी...
• मोरबी ब्रिज हादसा: 55 बच्चों सहित 141 की मौत
• हरनी झील हादसा: 13 बच्चों समेत 15 की मौत
• राजकोट गेमिंग जोन: कई बच्चों समेत करीब 25 की मौतआज की घटना के अलावा पिछले हादसों के आरोपी जमानत पर बाहर हैं So sad😢 #Rajkot #Fireaccident #Gamingzonefire pic.twitter.com/c4C8O11hEj
— ShivRaj Yadav (@shivayadav87_) May 25, 2024
मैनेजर, स्टाफ और सिक्योरिटी गार्ड जान बचाकर भागे
अग्निकांड के चश्मदीद युवक ने बताया कि शनिवार वीकेंड था तो उसने दोस्तों के साथ गेम जोन में शाम बिताने का प्लान बनाया था, लेकिन उनके पहुंचने के बाद एक घंटे के अंदर अग्निकांड हो गया। माहौल देखकर एक बार तो सोचा कि मदद करुं, लेकिन आग की विकराल लपटें देखकर हिम्मत नहीं हुई। उसने बाहर जाकर लोगों को बताया कि अंदर कोई लोगों को बचाने वाला नहीं है। गेम जोन का मैनेजर, स्टाफ और सिक्योरिटी गार्ड भाग गए हैं।
गेम जोन से निकलने का एक ही रास्ता था, वह भी आग की लपटों से घिरा था। गेम जोन के अंदर हादसे के वक्त करीब 50 से ज्यादा लोग थे। बाकी समय रहते बाहर निकल गए थे। लोगों को अपने बच्चों को संभालने में टाइम लग गया, तब तक आग पूरी तरह फैल चुकी थी। कोई इमरजेंसी गेट भी नहीं था, न ही छतों-दीवारों पर वेंटिलेशन का इंतजाम था कि धुंआ निकल पाता। कई लोग तो धुंए से बेहोश हो गए थे, इसलिए वे बाहर नहीं निकल पाए।
Deeply saddened by the tragic fire incident at TRP Games Zone in #Rajkot. My heartfelt condolences to the families who lost their loved ones & praying for the swift recovery of those injured. Urging authorities to take strict action. pic.twitter.com/NnmtmTm5kN
— Parimal Nathwani (@mpparimal) May 25, 2024
कैसे लगी और कैसे फैली गेम जोन में आग?
युवक ने बताया कि गेम जोन के पीछे वाले हिस्से में वेल्डिंग का काम हो रहा था, जिससे चिंगारियां निकल रही थीं। पीछे ही खाने-पीने की दुकानें थीं। चिंगारी लगने से सिलेंडर ब्लास्ट हुआ होगा, जिससे आग भड़क गई। सबसे पहले निचले हिस्से में आग फैली और धुंआ भर गया। नीचे के लोग एग्जिट गेट की तरफ भागे, लेकिन ऊपर के लोग जान बचाने के लिए चिल्लाने लगे। उन्होंने खिड़कियां तोड़नी शुरू कर दीं, लेकिन निचले वाले हिस्से के लोग बेहोश हो गए थे। ऊपर ज्यादा कर्मचारी नहीं थे और जो थे वे भी भाग गए थे। लोगों को बाहर निकलने के लिए गाइड करने वाला कोई नहीं था।
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12 बच्चों समेत 28 लोगों की मौत हुई
बता दें कि गुजरात के राजकोट शहर में कालावड रोड पर स्थित TRP गेम जोन में बीते दिन भीषण अग्निकांड हुआ। आग में जिंदा जलकर 12 बच्चों समेत 28 लोग मारे गए। शवों की हालत इतनी खराब है कि DNA टेस्ट कराकर उनकी शिनाख्त की जाएगी। 3 घंटे में आग बुझी। गेम जोन में रिपेयरिंग और रेनोवेशन के लिए हो रही वेल्डिंग की चिंगारियों से आग भड़की थी, जिन्होंने प्लाई के टुकड़ों और लकड़ियों को सबसे पहले चपेट में लिया था।
गुजरात के CM भूपेंद्र पटेल ने स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) बनाकर हादसे की जांच के आदेश दे दिए हैं। प्राथमिक जांच में पता चला हैकि गेम जोन के मालिक ने फायर NOC नहीं ली थी। गुजरात सरकार ने फायर NOC नहीं लेने वाले सभी कमर्शियल बिल्डिंगों, ऑफिसों, मॉल और गेम जोन को बंद करने के आदेश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने क्राइम ब्रांच को हादसे की जांच के आदेश दिए हैं। गेम जोन के मालिक और मैनेजर समेत 10 लोग हिरासत में लिए गए हैं। प्रदेश के वकीलों ने हादसे के लिए जिम्मेदार लोगों का केस लड़ने से मना कर दिया है।
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