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AAP ने बिगड़ती कानून व्यवस्था पर विपक्ष ने भाजपा सरकार को घेरा, लगाएं ये आरोप

AAP Attack on Haryana Govt: आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष अनुराग ढांडा ने हरियाणा में बिगड़ती कानून व्यवस्था पर भाजपा सरकार को घेरा है।
08:30 PM Jul 08, 2024 IST | Pooja Mishra
aap ने बिगड़ती कानून व्यवस्था पर विपक्ष ने भाजपा सरकार को घेरा  लगाएं ये आरोप

AAP Attack on Haryana Govt: आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष अनुराग ढांडा ने चंडीगढ़ में प्रदेश पार्टी कार्यालय में प्रेसवार्ता कर हरियाणा में असुरक्षित नेतृत्व में चल रही सरकार को लेकर बीजेपी पर निशाना साधा। उन्होंने आज पूरे प्रदेश में कानून और सरकार का नहीं, बल्कि जंगलराज चल रहा है। पूरे हरियाणा में ऐसी घटनाएं हो रही हैं जो सरकार को शर्मसार करने के लिए काफी हैं। हरियाणा फिरौती बाजों का सेफ हेवन बन गया है। जगह जगह पर फायरिंग की घटनाएं हो रही हैं। पिछले कई दिनों में ऐसे वीडियो सामने आए हैं जैसे कोई फिल्म की सूटिंग चल रही हो। प्रदेश में ऐसी घटनाएं हुई जिसमें फायरिंग करके व्यापारियों में भय पैदा करने की कोशिश की जा रही है और उसके बाद उनसे फिरौती मांगी जाती है।

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अपराधियों के डर का बाजार

उन्होंने कहा कि हिसार में सारे व्यापारियों ने अपराधियों के डर से बाजार भी बंद किया, क्योंकि वहां 3 व्यापारियों से फिरौती मांगी गई थी। लेकिन ये फिरौती बाज कौन है उन तक अभी भी पुलिस नहीं पहुंच पाई है। अभी तक जो घटनाएं हुई क्या वो किसी एक गिरोह से जुड़ी हुई हैं? क्या उसको किसी की सह प्राप्त है? इसकी जांच करके पुलिस सामने नहीं रख पाई है। हरियाणा में कानून व्यवस्था की बुरी हालत की सबसे बड़ी वजह पुलिस फोर्स की कमी नज़र आती है। हरियाणा में पुलिस के 70 हजार स्वीकृत पद हैं, जिनमें से 20 हजार पद खाली पड़े हैं। जिसमें सिर्फ कांस्टेबल और हेड कांस्टेबल के पद नहीं हैं। बल्कि इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर्स की भी भारी कमी है।

इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर्स पर दबाव

उन्होंने कहा कि जो इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर्स हैं उन पर इतना दबाव है कि वो किसी भी केस का इन्वेस्टिगेशन नहीं कर पाते। इसका असर ये है कि पुलिस हेडक्वार्टर से कई इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर्स अपने डिमोशन की मांग कर रहे हैं और कई अपने प्रोमोशन को होल्ड करवाना चाहते हैं। ताकि उन पर वो जिम्मेदारी न आए जिसको वो निभा नहीं सकते। करनाल में 1072 पदों में से 592 पद खाली हैं। सहायक सब इंस्पेक्टर के 178 में से 68 पद खाली हैं, एसआई के 92 पदों में से 63 पद खाली हैं। इसका अंदाजा लगाया जा सकता है कि सीएम सिटी की ये हालत हैं तो बाकी हरियाणा के क्या हालात होंगे।

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कानून व्यवस्था संभाल नही पा रहें सीएम

उन्होंने कहा कि जब से नायब सिंह मुख्यमंत्री बने हैं वो सारी स्थिति को कंट्रोल कर पाने में नाकाम हैं। सीएम नायब सिंह न तो कानून व्यवस्था संभाल पा रहे और न ही पॉलिटिकली अपनी सरकार को स्टेबल रख पा रहे हैं। जो अफसर जगह जगह पर संवाद कर रहे हैं उनसे उनके स्थानीय नेता नाराज हैं कि यहां कोई काम नहीं हो रहा है। अनिल विज तो गृह मंत्री के पद से हटकर घर पर खाली बैठे हैं और नायब सिंह उनके तजुर्बे का इस्तेमाल भी नहीं करना चाहते। कहीं न कहीं सीएम नायब सिंह के मन में डर है कि अनिल विज का जो अनुभव है यदि गृह मंत्रालय जैसा विभाग उनके हाथ में दे दिया तो कहीं वो पूरी सरकार ही उनके पैरों तले से न खींच ले। इस वक्त बीजेपी हरियाणा में हार का डर से घबराई हुई है।

नौकरियों की घोषणा

उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार एक असुरक्षित नेतृत्व में चल रही है, जिसका न कानून व्यवस्था पर कंट्रोल है। न लोगों की समस्याओं का समाधान कर पा रहे हैं। जो सिर्फ चुनाव नजदीक देखरेख तरह तरह की नौकरियों की घोषणा और लुभावने वादे करने में लगे हुए हैं जिसे सरकार कभी भी पूरा नहीं कर सकती। बीजेपी को लगता है कि हरियाणा के लोग इस तरह की जुमलों से बहकावे में आ जाएंगे। तो हरियाणा के वरिष्ठ नेतृत्व को भी आंख खोलकर देखना चाहिए कि आज पूरे हरियाणा में जंगलराज स्थापित हो गया है। हरियाणा में हर जगह पर अपराधियों का बोलबाला है, हर जगह फायरिंग करके फिरौती मांगी जा रही है। ऐसा नजर आता है कि आज के दिन में हरियाणा का कोई मुखिया ही नहीं है। इसलिए आम आदमी पार्टी बीजेपी सरकार से मांग करती है कि यदि वो हरियाणा में कानून व्यवस्था को नहीं संभाल सकते तो सीएम नायब सिंह को गद्दी पर बैठे रहने का कोई अधिकार नहीं है। इसलिए जल्दी चुनाव कराए, ताकि हरियाणा में ऐसी सरकार बन सके जो कानून व्यवस्था को सुचारू तरीके से चला सके और हरियाणा के लोगों को सुरक्षित माहौल दे सके।

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नेताओं की सुरक्षा

उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार अपने नेताओं की सुरक्षा को लेकर चिंतित थीं। क्योंकि इन्होंने किसान और आम जनता वर्ग का विरोध कमाया। बीजेपी ने उस विरोध को दबाने के लिए पुलिस फोर्स का इस्तेमाल किया, न कि लोगों की समस्याएं सुलझाने के लिए। इसलिए जो समस्या पहले से चली आ रही थी जिसको मनोहर लाल खट्टर काबू नहीं कर पा रहे थे वो एक अनुभवहीन मुख्यमंत्री के हाथ में बागडोर देने से स्थिति और खराब हो गई। मुख्यमंत्री का चेहरा बदलने से न हरियाणा की सुरत बदली और न बदहाली ठीक हुई। यदि हरियाणा के लोग ऐसे नेतृत्व पर विश्वास जताते हैं तो पांच साल ऐसे ही अव्यवस्था, अत्याचार और फिरौती गैंग झेलने पड़ेंगे।

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