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Ateli Vidhansabha Seat Result Live Update: कांटे के मुकाबले में जीतीं आरती सिंह, महज 2500 वोटों से हारे अतरलाल

Ateli Vidhan Sabha Election Result 2024 live vote counting news: इस बार अटेली सीट पर कड़ा मुकाबला देखने को मिला। अटेली सीट को राव इंद्रजीत का गढ़ माना जाता है। इस बार यहां से कांग्रेस को एंटी इनकंबेंसी का लाभ नहीं मिल पाया। आरती राव विधायक बन गई हैं।
03:30 AM Oct 08, 2024 IST | Parmod chaudhary
ateli vidhansabha seat result live update  कांटे के मुकाबले में जीतीं आरती सिंह  महज 2500 वोटों से हारे अतरलाल
LIVE Haryana Ateli assembly constituency result 2024

LIVE Ateli Vidhan sabha Election Result 2024 Vote Counting News Updates: अटेली सीट पर आरती सिंह ने 2500 वोटों से जीत हासिल की है। बीएसपी के अतर सिंह 54274 वोट लेकर दूसरे नंबर पर रहे हैं। वहीं, आरती सिंह को 56774 वोट मिले। कांग्रेस प्रत्याशी अनीता यादव को 29474 मत मिले। इस बार अटेली विधानसभा सीट से त्रिकोणीय मुकाबले के आसार थे। हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले की अटेली सीट बीजेपी ने 6 बार के सांसद केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत की बेटी आरती राव पर दांव खेला था। वहीं, कांग्रेस से अनीता यादव मैदान को टिकट मिला था। आरती पहली बार चुनाव लड़ रही थीं। BSP-INLD गठबंधन ने यहां से ठाकुर अतर लाल को उम्मीदवार बनाया, जिन्होंने बीजेपी को कड़ी फाइट दी। अनीता यादव 2009 में यहां से जीत हासिल कर चुकी हैं। इसके बाद 2014 और 2019 में कांग्रेस ने उन पर फिर भरोसा किया, लेकिन वे हार गईं। अनीता और आरती दोनों अहीर समुदाय से आती हैं।

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कांग्रेस को इस बार 10 साल की सत्ता विरोधी एंटी इनकंबेंसी का फायदा मिलेगा, यह माना जा रहा था। लेकिन ऐसा हुआ नहीं। इस सीट पर राजपूतों के वोट 8 फीसदी हैं। अतर लाल 20 साल से राजनीति में हैं। पिछले 3 विधानसभा चुनाव में वे भाग्य आजमा चुके हैं, लेकिन जीते नहीं। इस सीट से JJP-ASP गठबंधन ने अहीर कैंडिडेट आयुषी राव पर दांव खेला था। अटेली में कुल 2 लाख 7 हजार मतदाता हैं। इनमें से आधे अहीर हैं। 1967 से अब तक अटेली में 13 बार इलेक्शन हुए हैं।

भाजपा पहली बार अटेली से 2014 में जीती थी। दूसरी बार 2019 में भी बीजेपी की जीत हुई। 9 बार इस सीट पर कड़ा मुकाबला दिखा है, जब जीत का अंतर 3 हजार वोटों से भी कम रहा है। इस सीट पर राव इंद्रजीत का प्रभाव माना जाता है। लेकिन इस बार बेटी को पहली बार जीत दिलाने के लिए राव इंद्रजीत ने खूब पसीना बहाया था। उनकी मेहनत रंग लाई और बेटी पहली बार जीत गईं।

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