झटकों के बीच कांग्रेस को 'संजीवनी'; जानें कौन हैं Birender Singh और कहां से लड़ सकते हैं लोकसभा चुनाव?
Birendra Singh Left BJP Joined Congress: लोकसभा चुनाव 2022 की सरगर्मियों के बीच भाजपा को बड़ा झटका लगा है और कांग्रेस को 'संजीवनी' मिली है। क्योंकि हरियाणा के कद्दावर नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह (Birender Singh) ने भाजपा छोड़कर 'घर' वापसी कर ली है। करीब 10 साल भाजपा में रहने के बाद वे कांग्रेस में लौट आए हैं।
आज उन्होंने अपनी पत्नी और पूर्व विधायक प्रेमलता और वर्करों-समर्थकों के साथ कांग्रेस जॉइन कर ली। हरियाणा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष उदयभान ने पार्टी का पटका पहनाकर बीरेंद्र सिंह का स्वागत किया। बता दें कि चौधरी बीरेंद्र सिंह के बेटे और हिसार से भाजपा सांसद रहे बृजेंद्र सिंह पहले ही कांग्रेस जॉइन कर चुके हैं।
Former BJP leader Chaudhary Birender Singh and his wife joined the Congress Party in the presence of Mukul Wasnik Ji and Bhupinder Singh Hooda Ji. pic.twitter.com/JECh10U7bQ
— Shantanu (@shaandelhite) April 9, 2024
कांग्रेस जॉइन करने के बाद क्या बोले बीरेंद्र सिंह?
आज कांग्रेस जॉइन करने के बाद 78 वर्षीय चौधरी बीरेंद्र सिंह ने कहा कि आज उनकी घर वापसी नहीं, बल्कि विचारधारा की वापसी हुई है। वे और उनका हरियाणा की जनता के साथ खड़ा है और जनता ने भी उन्हें पूरा सहयोग दिया है। लोकतंत्र को बचाने के लिए हर नेता को घर वापसी करनी ही पड़ेगी। जब कांग्रेस छोड़ी थी, तब सोनिया गांधी से माफी भी मांगी थी। आज भाजपा छोड़ी है, क्योंकि पार्टी ने अपना नहीं बनाया। केंद्रीय मंत्री बनाया, लेकिन दिल से नहीं लगाया, लेकिन आज मैं भाजपा के खिलाफ कोई बात नहीं करूंगा।
कहां से लोकसभा चुनाव लड़ने की अटकलें?
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बीरेंद्र सिंह हरियाणा के सोनीपत और उनके बेटे बृजेंद्र सिंह हिसार से लोकसभा चुनाव 2024 लड़ सकते हैं। भाजपा ने सोनीपत से मोहन लाल बडौली को चुनाव टिकट दिया है। वहीं हिसार से मंत्री रणजीत चौटाला को टिकट दिया है।
मेरा कांग्रेस में शामिल होना न सिर्फ घर वापसी है, बल्कि ये विचारधारा की वापसी भी है।
मैं ये बात इसलिए कह रहा हूं- क्योंकि मैंने मान्यताओं को निभाया है।
देश में नेताओं के लिए व्यावहारिक रूप से कुछ गरिमा व मान्यताएं हैं, जिन्हें निभाना चाहिए।
क्योंकि मान्यताओं को निभाने से ही… pic.twitter.com/5H4FOTtHmd
— Congress (@INCIndia) April 9, 2024
भाजपा से क्यों नाराज थे बीरेंद्र सिंह?
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बीरेंद्र सिंह एक तो किसान आंदोलन और किसानों के प्रति रूखे रवैये के कारण नाराज थे। वहीं भाजपा ने हरियाणा में दुष्यंत चौटाला की पार्टी जजपा के साथ गठबंधन कर लिया था, जो बीरेंद्र सिंह को पसंद नहीं आया। वहीं बीरेंद्र सिंह के कांग्रेस छोड़ने की वजह भूपेंद्र सिंह हुड्डा थे, लेकिन अब उन्होंने ही बीरेंद्र सिंह की वापसी कराई है।
कौन हैं चौधरी बीरेंद्र सिंह?
चौधरी बीरेंद्र सिंह सर छोटू राम के परिवार से हैं। वे हरियाणा के जींद जिले से हैं और 5 बार विधायक भी रह चुके हैं। वे भारतीय राजनीति में एक बहुत बड़ा नाम हैं। उनके पिता का नाम नेकी राम थे। बीरेंद्र सिंह 42 साल से कांग्रेस में रहे। अगस्त 2014 में उन्होंने भूपेंद्र सिंह हुड्डा से विवादों के चलते कांग्रेस छोड़कर भाजपा जॉइन कर ली थी।
वे मोदी सरकार में 2014 से 2016 तक ग्रामीण विकास, पंचायती राज, स्वच्छता, पेयजल मंत्री रहे। 2016 से 2019 तक केंद्रीय इस्पात मंत्री भी रहे। उनके बेटे बृजेंद्र सिंह भी भाजपा में ही थे औ साल 2019 से 2024 तक भाजपा के सांसद रहे। उनकी पत्नी प्रेमलता साल 2014 से 2019 तक उचाना कलां से विधायक थीं।