मायावती फिर चुनाव में गठबंधन के लिए तैयार, 'जीरो पर बोल्ड' होने के बाद इस पार्टी से मिलाएंगी हाथ
Haryana Assembly Election 2024 : लोकसभा चुनाव 2024 में बहुजन समाज पार्टी को बड़ा झटका लगा। बसपा के गढ़ कहे जाने वाले यूपी में भी पार्टी का खाता तक नहीं खुला। बीएसपी सुप्रीमो मायावती की निगाहें हरियाणा विधानसभा चुनाव पर टिकी हैं। इसे लेकर उत्तर प्रदेश की पूर्व सीएम मायावती ने अभी से अपनी रणनीति तेज कर दी। पार्टी हरियाणा में एक बार फिर गठबंधन करने जा रही है, जो कांग्रेस और भाजपा के लिए मुश्किल खड़ी कर सकती है।
हरियाणा चुनाव से पहले इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के नेता अभय सिंह चौटाला और मायावती की मुलाकात हुई। चर्चा है कि इनेलो और बसपा दोनों पार्टियां गठबंधन कर सकती हैं। इसे लेकर मायावती और अभय चौटाला 11 जुलाई को गठबंधन की घोषणा कर सकते हैं। करीब 6 साल के बाद दोनों दल फिर एक साथ आएंगे।
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जानें बसपा-इनेलो का क्या है मकसद?
अगर हरियाणा के जातीय समीकरण की बात करें तो जाट वोटर 22 प्रतिशत और दलित वोटर 21 प्रतिशत हैं। बसपा और इनेलो की नजरें जाट और इनेलो वोटरों पर हैं। राज्य में कभी कांग्रेस तो भाजपा की सरकार रही है। ऐसे में मायावती और अभय चौटाला का मकसद तीसरा मोर्चा तैयार करना है। अगर ऐसा हुआ तो कांग्रेस-भाजपा को तीसरा मोर्चा बड़ी चुनौती दे सकता है। विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी दावा ठोंक रही है। अब सवाल उठता है कि लोकसभा की तरह विधानसभा चुनाव में कांग्रेस-आप के बीच गठबंधन रहेगा या नहीं?
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पहले बसपा ने कब-कब किया था गठबंधन?
अगर हरियाणा में बसपा गठबंधन के इतिहास पर नजर डालें तो पार्टी 5वीं बार अलायंस करने जा रही है। पहली बार 1998 में इनेलो-बसपा के बीच गठबंधन हुआ था, तब बीएसपी के खाते में 1 सीट आई थी। 2009 में बसपा का हरियाणा जनहित कांग्रेस से, 2018 में इनेलो से, 2019 में भाजपा के पूर्व नेता राजकुमार सैनी की लोकतंत्र सुरक्षा पार्टी से अलायंस हुआ था। एक बार फिर बसपा-इनेलो एक साथ विधानसभा चुनाव लड़ने जा रहे हैं।