HOT सीट अटेली... त्रिकोणीय मुकाबले में फंसी राव इंद्रजीत की लाडली; जातीय समीकरणों ने बिगाड़ा सियासी गणित
Haryana Assembly Election: हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले की अटेली विधानसभा सीट पर इस बार कड़ा मुकाबला है। बीजेपी ने यहां से 6 बार के सांसद केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत की बेटी आरती राव को टिकट दिया है। वहीं, कांग्रेस से अनीता यादव मैदान में हैं। आरती पहली बार चुनाव लड़ रही हैं। BSP-INLD गठबंधन ने यहां से ठाकुर अतर लाल पर दांव खेला है। अनीता यादव 2009 में यहां से जीत चुकी हैं। इसके बाद 2014 और 2019 में कांग्रेस ने उनको फिर टिकट दिया, लेकिन वे हार गईं। अनीता और आरती दोनों अहीर समुदाय से हैं।
लगातार 3 बार हार चुके अतर लाल
अनीता को इस बार 10 साल की सत्ता विरोधी एंटी इनकंबेंसी का फायदा मिल सकता है। माना जा रहा है कि SC वोटर भी कांग्रेस की तरफ जाएंगे। उधर, ठाकुर अतर लाल राजपूत हैं। इस सीट पर राजपूतों की तादाद 8 फीसदी है। अगर 20 फीसदी दलित वोटरों को मिला दिया जाए तो वे भी मुकाबले में हैं। अतर लाल 20 साल से राजनीति में है। पिछले 3 विधानसभा चुनाव वे लड़ चुके हैं। लेकिन जीते नहीं। अटेली में लोगों के साथ उनका जुड़ाव भी ठीक है। वे इस चुनाव को अंतिम बता रहे हैं। जिसकी वजह से लोगों की सहानुभूति मिल सकती है।
बड़े भाई राव दान सिंह जी को भिवानी महेंद्रगढ़ लोकसभा प्रत्याशी बनने पर संपूर्ण दक्षिण हरियाणा और अटेली विधानसभा को हार्दिक बधाई । आप सभी भाइयों बहनों और बुजुर्गों से अपील है की महेंद्रगढ़ लोकसभा प्रत्याशी भाई श्री राव दान सिंह जी को अपने अमूल्य वोट से भारी बहुमत से विजयी बनायेंगे pic.twitter.com/QZeVEzWMkH
— ANITA YADAV (@AnitaYadavAteli) April 27, 2024
अहीर वोट बंटे तो होगा खेल
इस सीट से JJP-ASP गठबंधन ने आयुषी राव को टिकट दिया है। जो अहीर हैं। अगर अहीर वोटर तीन जगह बंटे, राजपूत नहीं बिखरे तो अतर लाल चौंका सकते हैं। फिलहाल बड़ी चुनौती आरती राव के लिए है। अटेली में कुल 2 लाख 7 हजार वोटर हैं। इनमें से आधे अहीर हैं। हार-जीत का फैसला यही करेंगे। SC वोट 20 फीसदी हैं, जो डिवाइड हो सकते हैं। राजपूत 8 फीसदी हैं। 1967 से अब तक अटेली में 13 बार चुनाव हुए हैं। एक उपचुनाव हुआ है। 2 बार निर्दलीयों समेत सभी चुनाव अहीर प्रत्याशियों ने जीते हैं। देखा जाए तो इस सीट पर अब तक कांग्रेस 6 बार जीत चुकी है। राव बीरेंद्र सिंह विशाल हरियाणा पार्टी और कांग्रेस में रहते यहां से जीत चुके हैं। जो पूर्व सीएम रहे हैं। वे आरती राव के दादा हैं।
अटेली विधानसभा में जनसंपर्क अभियान के तहत आयोजित चौपाल सभाओं में अपने से मिलने का सिलसिला जारी है।
अपनी बेटी को सर आंखों पर रखने के लिए आपका आभार।
: आयुषी अभिमन्यु राव#आयुषी_संग_अटेली #Ateli #VoteJJP pic.twitter.com/C8KEmChrzt
— AAYUSHI RAO (@AayushiRao_abhi) September 20, 2024
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भाजपा पहली बार यहां से 2014 में जीती थी। जिसके बाद दूसरी बार 2019 में भी जीत दर्ज की। 9 बार इस सीट से जीत का अंतर 3 हजार से कम रहा है। राव इंद्रजीत का यहां दबदबा माना जाता है। जिसकी वजह से बीजेपी यहां से एकतरफा जीती है। बेटी को पहली बार जीत दिलाने के लिए राव इंद्रजीत कड़ी मेहनत कर रहे हैं। बीजेपी ने उनको स्टार प्रचारक भी बनाया है। आरती अभी पहली बार राजनीति में आई हैं। जिसकी वजह से लोगों के बीच पकड़ बनाने में समय लगेगा। हालांकि उनको पिता के रसूख का फायदा मिल सकता है। लेकिन उनके बाहरी होने का मुद्दा भी दूसरे उम्मीदवार उठा रहे हैं।
bjp bowed before rao inderjit attitude gave ticket to daughter aarti rao from ateli assembly seat
https://t.co/YFkg6bimip pic.twitter.com/rY8mEdLrKe— The Hologram (@TheHologramTeam) September 17, 2024
JJP ने आयुषी राव पर जताया भरोसा
अनीता यादव वादा कर रही हैं कि अटेली को उपमंडल बनवाएंगी। उनका लोगों से पुराना जुड़ाव रहा है। जिसका फायदा उनको मिल सकता है। वे 10 साल में विकास नहीं होने का मुद्दा भी उठा रही हैं। अतर लाल 2019 में 37387 वोट लेकर सेकंड रहे थे। वे शिक्षा और बेरोजगारी का मुद्दा उठा रहे हैं। स्थानीय नेता हैं, 15 साल लोगों के बीच रहे हैं। जिसका फायदा उनको मिल सकता है। JJP के टिकट पर अभिमन्यु राव की पत्नी आयुषी लड़ रही हैं। उनके पति पूर्व मंत्री कैप्टन अजय सिंह यादव के भतीजे हैं। पिछली बार यहां से बीजेपी के सीताराम यादव 18406 वोटों से जीते थे। जिनको इस बार टिकट नहीं मिला।
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