मुख्यमंत्री बनाने की 'फैक्टरी' है हरियाणा का ये जिला, एक CM तो मिलाते थे अफसरों को रात में फोन
Haryana Assembly Election: हरियाणा के 58 साल के सियासी इतिहास में 11 नेता 25 बार सीएम बन चुके हैं। बात करें तो अब तक भिवानी जिले ने सबसे अधिक 3 सीएम दिए हैं। सबसे पहले नाम आता है चौ. बंसीलाल का। जो चार बार सीएम बने। इन्हें काफी सख्त माना जाता था, जो अफसरों को रात में 12 बजे के बाद फोन लगा देते थे। इसके बाद भिवानी से मास्टर हुकम सिंह 1 बार और बनारसी दास गुप्ता 2 बार सीएम बने। वहीं, सिरसा जिले 2 नेता 7 बार सीएम बने। चौ. देवीलाल के बाद उनकी विरासत चौ. ओमप्रकाश चौटाला ने संभाली।
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हरियाणा को नायब सिंह सैनी समेत अब तक 11 सीएम मिल चुके हैं। नायब सिंह सैनी मूल रूप से अंबाला के रहने वाले हैं। हरियाणा के गठन के बाद पहली बार पंडित भगवत दयाल शर्मा सीएम बने थे। जो मूल रूप से झज्जर के रहने वाले थे। इसके बाद राव बीरेंद्र सिंह सीएम बने। जो मूल रूप से गुरुग्राम के पटौदी के रहने वाले थे। रोहतक ने भी हरियाणा को लगातार दो बार सीएम दिए। भूपेंद्र सिंह हुड्डा के बाद मनोहर लाल ने ये रिकॉर्ड बनाया।
चौटाला ने पांच बार संभाली सत्ता
वहीं, ओमप्रकाश चौटाला 5, बंसीलाल 4 और भजनलाल 3 बार हरियाणा के सीएम बने। पंडित भगवत दयाल, बनारसी दास, देवीलाल, भूपेंद्र सिंह हुड्डा और मनोहर लाल दो बार सीएम बने। वहीं, राव बीरेंद्र सिंह, मास्टर हुकम सिंह 1-1 बार सीएम रहे। भजनलाल वैसे तो फतेहाबाद जिले के मोहम्मदपुर रोही के रहने वाले थे। लेकिन बाद में हिसार में बस गए। हिसार की आदमपुर सीट से कई बार विधायक रहे। हरियाणा में फिलहाल 22 जिले हैं। लेकिन सीएम का रिकॉर्ड रोहतक, सिरसा, भिवानी, गुरुग्राम, झज्जर, अंबाला 6 ही जिलों का रहा है।
अब तक बंसीलाल ही ऐसी शख्सियत रहे, जो सिर्फ 41 साल की उम्र में सीएम बने। यह 1968 की बात है। उनका जन्म भिवानी के गोलागढ़ के किसान परिवार में हुआ था। उनके पिता लोहारू में आढ़त का काम करते थे। 1946 में बंसीलाल ने 10वीं पास की थी। 1950 में प्रभाकर करने के बाद 1952 में ग्रेजुएशन की। उनकी छवि काफी सख्त मानी जाती थी। भिवानी कोर्ट में वकालत के बाद 1958 में वे राजनीति में आए थे।
महीने में 25 दिन दौरा करते थे बंसीलाल
बंसीलाल महीने में 25 दिन प्रदेश का दौरा करते थे। हरियाणों में घंटाघरों को तुड़वाने, टूरिस्ट कॉम्प्लेक्स बनाने, घर-घर बिजली पहुंचाने, सड़कों-नहरों का निर्माण करवाने और शराबबंदी जैसे फैसलों के लिए उनको जाना जाता है। बंसीलाल 1968 से 1972, 1972 से 1975, 1986 से 1987 और 1996 से 1999 तक सीएम रहे। वे अपने जीवन में दो बार चुनाव हारे। 1977 में उनको चंद्रावती ने भिवानी से लोकसभा चुनाव हराया।
1987 में तोशाम से विधायक का चुनाव लोकदल के धर्मबीर सिंह से हार गए थे। हालांकि कोर्ट में फैसला उनके हक में आया था। हैरानी की बात है कि 6 बार हरियाणा को ऐसे सीएम मिले, जिन्होंने बाद में विधानसभा का चुनाव जीता। 1985 में देवीलाल ने महम से उपचुनाव जीता। जबकि वे पहले ही शपथ ले चुके थे। 1986 में बंसीलाल केंद्र में मंत्री होने के बाद सीएम बने थे। बाद में इस्तीफा दिया और तोशाम से उपचुनाव लड़ा।
चार नेता पहले सीएम बने, बाद में विधायक
उन्हें भजनलाल की जगह हरियाणा का सीएम बनाया गया था। 1993 में ओमप्रकाश चौटाला ने नरवाना से उपचुनाव जीता। जबकि वे इससे पहले ही शपथ ले चुके थे। 2005 में हुड्डा ने किलोई से उपचुनाव जीता था। जबकि इससे पहले वे रोहतक से सांसद थे। बाद में सीएम पद की शपथ लेने के बाद यह सीट खाली कर दी थी। साल 2008 में भजनलाल ने आदमपुर से उपचुनाव में जीत हासिल की थी। 2024 में नायब सिंह सैनी ने जब सीएम पद की शपथ ली, तब वे कुरुक्षेत्र से सांसद थे। बाद में उपचुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे। 11 में से 4 ही नेता ऐसे रहे, जो सीएम पहले बने, विधायक बाद में।
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