whatsapp
For the best experience, open
https://mhindi.news24online.com
on your mobile browser.
Advertisement

BJP की नाॅन जाट पाॅलिटिक्स कितनी कारगर? क्या हरियाणा में तीसरी बार दोहरा पाएंगे इतिहास

BJP OBD Formula in Haryana: हरियाणा में जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं बीजेपी भी अपनी रणनीतियों को धार देने में जुटी है। जानकारी के अनुसार पार्टी ने नाॅन जाट वोटर्स को साधने के लिए नई रणनीति तैयार की है।
01:35 PM Jul 25, 2024 IST | Rakesh Choudhary
bjp की नाॅन जाट पाॅलिटिक्स कितनी कारगर  क्या हरियाणा में तीसरी बार दोहरा पाएंगे इतिहास
हरियाणा में इस बार नाॅन जाट वोटर्स के सहारे BJP

Haryana Assembly Election 2024: हरियाणा में इस साल अक्टूबर में विधानसभा चुनाव प्रस्तावित है। भाजपा और कांग्रेस अपने स्तर पर रणनीतियां बनाने में जुटे हैं। कांग्रेस जहां जाट और मुस्लिम वोटर्स साधकर 10 साल बाद प्रदेश में वापसी की कोशिश में जुटी है तो वहीं बीजेपी जाटों की नाराजगी सामने आने के बाद अब विधानसभा चुनाव में नये सामाजिक समीकरण साधने में जुटी है।

Advertisement

जानकारी के अनुसार भाजपा प्रदेश में नाॅन जाट और ओबीसी वोटर्स को अपने पाले में करने में जुटी है। इसके लिए पार्टी के नेता रणनीति बनाने में जुटे है। भाजपा की रणनीति में ओबीसी,  ब्राह्मण और दलित शामिल हैं। इस रणनीति के तहत बीजेपी ने ओबीसी समुदाय से आने वाले नायब सिंह सैनी को सीएम बनाया है।

जाटों की नाराजगी से कम हुई सीटें

हरियाणा बीजेपी की जाटों से खास नाराजगी 2019 लोकसभा चुनाव के बाद उभरकर सामने आई। अग्निवीर योजना और एमएसपी गारंटी को लेकर किसानों के आंदोलन ने इस नाराजगी की धार को और तेज किया। 2024 के लोकसभा चुनाव में पार्टी को प्रदेश की 10 में से 5 सीटों पर हार का सामना करना पड़ा। हरियाणा में ये रिवाज रहा है कि कोई भी पार्टी बिना जाटों के सरकार नहीं बना सकती। ये 2019 के विधानसभा चुनाव में नजर भी आया। 2014 के चुनाव में 46 सीटें जीतकर अपने दम पर सरकार बनाने वाली बीजेपी को 2019 के विधानसभा चुनाव में मात्र 40 सीटें मिली। इसके बाद पार्टी ने सरकार बनाने के लिए दुष्यंत चैटाला की पार्टी जेजेपी से गठबंधन किया।

Advertisement

पार्टी ने बनाई ये रणनीति

भाजपा हरियाणा में पिछले काफी समय नाॅन जाट वोटर्स को लामबंद करने में जुटी है। पार्टी ने कुछ समय पहले ही ओपी धनखड़ की जगह पर ब्राहाण नेता मोहन लाल बड़ौली को नया प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया है। इससे पहले बड़ौली महासचिव थे। उनकी जगह अब दलित समुदाय के कृष्ण बेदी को महासचिव बनाया है। ऐसे में प्रदेश में अब जाट वोटर्स की काट के लिए बीजेपी ने ओबीडी फाॅर्मूला तैयार किया है। इसमें ओबीसी, ब्राह्मण और दलित शामिल हैं।

Advertisement

नाॅन जाट वोटर्स को साधने में जुटी पार्टी

बता दें कि हरियाणा में नाॅन जाट वोटर्स की कुल आबादी 62 प्रतिशत है। इसमें सैनी, गुर्जर, यादव और ओबीसी के 30 प्रतिशत वोट हैं। इसके अलावा दलितों की आबादी भी 20 प्रतिशत हैं। वहीं प्रदेश में जाटों के बाद सबसे बड़ी बिरादरी ब्राह्मणों की है। इनकी संख्या करीब 12 फीसदी है। प्रदेश में जाटों की कुल आबादी 27 प्रतिशत हैं वहीं 90 में 40 विधानसभा सीटों पर इनका सीधा प्रभाव है इसके अलावा पंजाबी समुदाय का भी भाजपा को पूरा सहयोग रहा है।

ये भी पढ़ेंः हरियाणा में BJP की नई रणनीति, जाटों को पाले में लाने के लिए कर सकती है ये बड़ा काम

2024 में बीजेपी का वोट शेयर

जाट और मुस्लिम मतदाताओं के कांग्रेस के पक्ष में लामबंद होने के बाद बीजेपी ने ओबीडी फाॅर्मूला तैयार किया है। ऐसे में भाजपा के लिए दलितों को साधना सबसे बड़ी चुनौती है। भाजपा को 2024 के लोकसभा चुनाव में 46 प्रतिशत वोट मिले। जबकि 2019 के चुनाव में यह आंकड़ा 58 प्रतिशत था। वहीं 2019 के चुनाव में 28 प्रतिशत वोट हासिल करने वाली कांग्रेस इस चुनाव में 43 प्रतिशत तक पहुंच गई है।

ऐसे में 40 सीटों पर प्रभाव रखने वाले जाटों को दरकिनार कर पार्टी ओबीडी के सहारे इस बार नैया पार करने की कोशिश में है। हालांकि यह देखना दिलचस्प होगा कि बिना जाटों के सहयोग से पार्टी इस बार बहुमत के आंकड़े तक कैसे पहुंचेगी?

ये भी पढ़ेंः ‘जाटों की नाराजगी और सत्ता विरोधी लहर…’ 10 साल बाद भी हरियाणा में नैरेटिव क्यों नहीं सेट कर पाई BJP

Open in App Tags :
Advertisement
tlbr_img1 दुनिया tlbr_img2 ट्रेंडिंग tlbr_img3 मनोरंजन tlbr_img4 वीडियो