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देशवाली बेल्ट में BJP लगाएगी सेंध या बरकरार रहेगा हुड्डा का जलवा...जानें 14 सीटों का मिजाज

Haryana Assembly Election 2024: हरियाणा में विधानसभा चुनाव के लिए 5 अक्टूबर को वोटिंग होनी है। वहीं, 8 अक्टूबर को नतीजों का ऐलान किया जाएगा। क्षेत्र के आधार पर हरियाणा में अलग-अलग बेल्ट हैं। देशवाली बेल्ट में सोनीपत, रोहतक और झज्जर जिले आते हैं। तीनों जिलों की 14 सीटें काफी महत्वपूर्ण मानी जाती हैं। 2019 में अधिकतर सीटें कांग्रेस के खाते में गई थीं।
02:51 PM Sep 01, 2024 IST | Parmod chaudhary
देशवाली बेल्ट में bjp लगाएगी सेंध या बरकरार रहेगा हुड्डा का जलवा   जानें 14 सीटों का मिजाज

Haryana Assembly Election: हरियाणा में 8 अक्टूबर को सरकार को लेकर तस्वीर साफ हो जाएगी। कांग्रेस कोई कमाल कर पाएगी या बीजेपी अपनी सरकार बचाने में कामयाब हो जाएगी। 5 अक्टूबर को वोटिंग होनी है। हरियाणा की देशवाली बेल्ट में 14 सीटें आती हैं। यहां का मतदाता काफी मुखर माना जाता है। जो हरियाणा की राजनीति की बारीकियों की समझ रखता है। यहां का मतदाता चाहे किसी की लहर हो, अगर एक बार किसी नेता का हाथ पकड़ लेता है तो फिर छोड़ता नहीं।

पिछले चुनाव में बेअसर रहा था भाजपा का नारा

पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 75 पार का नारा दिया था। मोदी लहर के बाद भी इस इलाके में भूपेंद्र सिंह हुड्डा का जलवा बरकरार रहा था। यहां सिर्फ चौधर की बात होती है। कोई मुद्दा या विकास का दावा काम नहीं करता। हुड्डा के 10 साल के शासनकाल में लोग सत्ता का मजा चख चुके हैं। इसी चौधर के सहारे हुड्डा को फिर से सीएम बनने की उम्मीद है। भाजपा अपने मजबूत संगठन के सहारे हुड्डा के इस दुर्ग को भेदने की कोशिश कर रही है। जिसके लिए वह गैर जाट राजनीति की रणनीति पर काम कर रही है।

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इस बेल्ट में फिलहाल कांग्रेस के पास 11, भाजपा के पास 2 और एक सीट पर निर्दलीय का कब्जा है। यहां कांग्रेस और भाजपा के बीच ही सीधी टक्कर है। जजपा, बसपा, इनेलो और आप को अभी सियासी जमीन मजबूत करने की जरूरत है। इस पूरी बेल्ट में जाटों के वोट सबसे अधिक हैं। शहरी सीटों पर पंजाबी और अग्रवाल समुदाय का दबदबा है। रोहतक शहरी सीट पर पंजाबी और सोनीपत सिटी में बनियों के वोट निर्णायक भूमिका में हैं।

झज्जर में अनुसूचित जाति के वोट भी काफी हैं। वहीं, गोहाना में सैनी, बरौदा में ब्राह्मण और ओबीसी के वोट ज्यादा हैं। हुड्डा के 10 साल में इन इलाकों में जमकर विकास कार्य हुए। माना जाता है कि सरकारी नौकरियां भी खूब मिलीं। इस दौरान रोहतक, सोनीपत और झज्जर में सड़कों का खूब जाल बिछा। बड़े संस्थान खुले।

इन सीटों पर कांग्रेस का कब्जा

रोहतक, गढ़ी सांपला-किलोई, कलानौर, बहादुरगढ़, बादली, झज्जर, बेरी, सोनीपत, गोहाना, बरोदा और खरखौदा सीट पर कांग्रेस का कब्जा है। वहीं, गन्नौर और राई सीट पर भाजपा का कब्जा है। महम से निर्दलीय विधायक जीते हैं।

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