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HOT सीट आदमपुर... पूर्व IAS अफसर ने बढ़ाई भजनलाल के पोते की मुश्किल, जातीय समीकरणों में उलझा सियासी गणित

Haryana Assembly Election 2024: हरियाणा में 5 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग होगी। वहीं, 8 अक्टूबर को नतीजों का ऐलान किया जाएगा। इस बार हिसार जिले की आदमपुर विधानसभा सीट पर भव्य बिश्नोई और चंद्रप्रकाश जांगड़ा के बीच कांटे का मुकाबला है। जातीय समीकरणों ने लड़ाई को रोमांचक बना दिया है।
02:33 PM Sep 29, 2024 IST | Parmod chaudhary
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चंद्रप्रकाश जांगड़ा, भव्य बिश्नोई।

Haryana Assembly Election: हरियाणा विधानसभा चुनाव में इस बार हिसार जिले की आदमपुर सीट पर कांटे की टक्कर कांग्रेस और बीजेपी में दिख रही है। इस हॉट सीट पर बीजेपी ने पूर्व सीएम भजनलाल के पोते भव्य बिश्नोई पर दांव खेला है। 56 साल से इस सीट पर भजनलाल परिवार के लोग ही विधायक बनते रहे हैं। 1968 में पहला चुनाव यहां से भजनलाल ने ही जीता था। इस बार कांग्रेस ने पूर्व IAS अधिकारी चंद्रप्रकाश जांगड़ा को मैदान में उतारा है, जो पंडित रामजीलाल के भतीजे हैं। रामजीलाल भजनलाल के करीबी रहे हैं। वहीं, BSP-INLD ने यहां से बंसीलाल के करीबी रहे हरि सिंह के बेटे रणदीप लोहचब को टिकट दिया है।

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JJP-ASP गठबंधन ने कृष्ण गंगवा और आम आदमी पार्टी (AAP) ने यहां से भूपेंद्र बेनीवाल को मैदान में उतारा है। मुख्य मुकाबला BJP और कांग्रेस के बीच है। आदमपुर सीट पर 1.78 लाख वोटर हैं। जिनमें 94940 वोट पुरुषों और 93708 वोट महिलाओं के हैं। इस सीट पर ओबीसी और जाट वोट निर्णायक हैं। यहां सबसे बड़ा मुद्दा विकास है। भजनलाल परिवार का दबदबा इस बार भी यहां दिख रहा है। लेकिन बीजेपी के खिलाफ एंटी इनकंबेंसी का फायदा कांग्रेस को मिल सकता है। इस सीट पर 2011 में हुए उपचुनाव में हरियाणा के पूर्व CM भजनलाल के बेटे कुलदीप बिश्नोई की पत्नी रेणुका जीती थीं।

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उपचुनाव जीतकर विधायक बने हैं भव्य

वहीं, 2022 में हुए उपचुनाव में कुलदीप के बेटे भव्य बिश्नोई जीतकर विधायक बने थे। यहां सबसे अधिक 55 हजार वोट जाटों के हैं। बिश्नोई समाज के 28 हजार वोट हैं। ओबीसी के अन्य वोट 29 हजार हैं। इसके अलावा 8200 वोट कुम्हार और जांगड़ा समुदाय के हैं। अगर जाट वोट जांगड़ा को मिले तो बड़ा खेल हो सकता है। ब्राह्मण समाज के 5700, वैश्य समुदाय के 5 हजार और पंजाबी समुदाय के यहां करीब 4 हजार वोट हैं। अब तक ये तीनों समुदाय भजनलाल परिवार के साथ रहे हैं। बिश्नोई वोट नहीं बंटे तो इसका सीधा फायदा बीजेपी को होगा। शहरों में बीजेपी तो ग्रामीण इलाकों में कांग्रेस मजबूत दिख रही है।

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अनुसूचित समाज के 26 हजार वोट अगर कांग्रेस की ओर गए तो बीजेपी को नुकसान हो सकता है। आदमपुर में बाहरी बनाम स्थानीय कैंडिडेट का मुद्दा भी है। बीजेपी चंद्रप्रकाश जांगड़ा को बाहरी बता रही है। कहा जा रहा है कि जांगड़ा नलवा से मैदान में उतरना चाह रहे थे। लेकिन कांग्रेस ने उनको यहां से उतार दिया। भजनलाल परिवार को अब तक पंडित रामजीलाल के करीबी होने के कारण ओबीसी वोट मिलते रहे हैं। कांग्रेस ने अब उनके ही भतीजे को उतार दिया। जिससे भजनलाल परिवार की राह आसान नहीं दिख रही है। बिश्नोई ओबीसी में ही आते हैं। उनके बराबर ही ओबीसी में दूसरी जातियों के वोट हैं।

रेणुका और कुलदीप बेटे के लिए मैदान में डटे

अगर ओबीसी कांग्रेस के साथ आए तो बीजेपी के लिए खतरा हो सकता है। 2022 में इस सीट से कुलदीप बिश्नोई ने इस्तीफा दिया था। वे बीजेपी में चले गए थे। जिसके बाद बीजेपी ने उनके बेटे भव्य को टिकट दिया और वे जीत गए। इस बार उनके लिए पिता कुलदीप बिश्नोई, मां रेणुका बिश्नोई घर-घर जाकर वोट मांग रहे हैं। अब तक किए अपने कामों को गिनवा रहे हैं। जेजेजी, इनेलो और आप यहां से फाइट में तो नहीं हैं। लेकिन माना जा रहा है कि ये तीनों पार्टियां जितने भी वोट लेंगी, बराबरी का नुकसान कांग्रेस और बीजेपी को होगा। देखने वाली बात रहेगी कि मतदाता अपना समर्थन किस उम्मीदवार को देते हैं।

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