whatsapp
For the best experience, open
https://mhindi.news24online.com
on your mobile browser.
Advertisement

देवीलाल के पोते हारे, भजनलाल का गढ़ ढहा... हरियाणा चुनाव में बड़े सियासी परिवारों का कैसा रहा हाल?

Haryana Assembly Election 2024 Result: हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजे कांग्रेस अपने पक्ष में मानकर चल रही थी। लेकिन बीजेपी हैट्रिक लगाने में सफल रही। बड़े सियासी परिवारों के दिग्गज नेता भी अपनी सीटें नहीं बचा पाए। कौन कहां से जीता और हारा, इनके बारे में जानते हैं?
10:43 AM Oct 09, 2024 IST | Parmod chaudhary
देवीलाल के पोते हारे  भजनलाल का गढ़ ढहा    हरियाणा चुनाव में बड़े सियासी परिवारों का कैसा रहा हाल

Haryana Assembly Election 2024: हरियाणा विधानसभा के नतीजे आने के बाद तीसरी बार बीजेपी की सरकार बननी तय है। चुनाव में हरियाणा के दिग्गज सियासी परिवारों के लोग भी कई सीटों पर हार गए। देवीलाल परिवार के छह लोग इस बार मैदान में थे। भजनलाल परिवार से दो लोगों ने चुनाव लड़ा। देवीलाल परिवार के अमित सिहाग कांग्रेस, आदित्य देवीलाल इनेलो और दिग्विजय चौटाला डबवाली सीट पर एक-दूसरे के खिलाफ उतरे। जीत देवीलाल के पोते आदित्य देवीलाल की हुई। बाकी दोनों को हार का सामना करना पड़ा। रानियां में दादा-पोते की फाइट हुई। इनेलो से पोते अर्जुन चौटाला और दादा रणजीत सिंह निर्दलीय मैदान में थे। पोते की 4191 वोटों से जीत हुई। दादा तीसरे नंबर पर खिसक गए। दादा को 2019 में यहां से जीत मिली थी।

Advertisement

अभय चौटाला की करारी हार

ऐलनाबाद सीट पर अभय चौटाला 15 हजार वोटों से हार गए। देवीलाल के पोते को कांग्रेस उम्मीदवार भरत सिंह बेनीवाल ने करारी शिकस्त दी। पहली बार अभय की हार ऐलनाबाद में हुई है। उचाना से अजय सिंह के बेटे दुष्यंत चौटाला मैदान में थे। पूर्व डिप्टी सीएम इस सीट से जमानत भी नहीं बचा सके। उनको सिर्फ 7950 वोट मिले। दुष्यंत पांचवें नंबर पर रहे, निर्दलीय भी उनसे आगे निकल गए। फतेहाबाद में देवीलाल के पोते की पत्नी हार गईं। रवि चौटाला की पत्नी सुनैना चौटाला ने इनेलो के टिकट पर चुनाव लड़ा था। लेकिन 9681 वोट लेने के बाद जमानत भी नहीं बची।

ये भी पढ़ेंः जाटों ने दिया भरपूर साथ फिर क्यों हरियाणा में कांग्रेस हो गई फेल, जानें कैसे बाजीगर बनी BJP

Advertisement

बंसीलाल परिवार की बात करें तो उनकी पोती श्रुति चौधरी तोशाम से 14 हजार से अधिक वोटों से जीत गईं। उन्होंने अपने ही चचेरे भाई अनिरुद्ध को शिकस्त दी। भजनलाल के पोते भव्य बिश्नोई भी दादा का गढ़ नहीं बचा सके। कांग्रेस प्रत्याशी चंद्रप्रकाश जांगड़ा ने उनको 1268 वोटों से हरा दिया। भजनलाल परिवार का इस सीट पर 1968 से कब्जा रहा है। लेकिन 56 साल बाद पहली बार यहां से हार का मुंह देखना पड़ा। भजनलाल के बड़े बेटे 15 साल बाद पंचकूला से जीतने में सफल रहे। कांग्रेस प्रत्याशी चंद्रमोहन ने 1997 वोटों से बीजेपी के ज्ञानचंद गुप्ता को हरा दिया।

Advertisement

आरती राव पहली परीक्षा में पास

राव परिवार की बेटी महेंद्रगढ़ की अटेली सीट से जीतने में सफल रहीं। राव इंद्रजीत की बेटी आरती राव को बीजेपी ने टिकट दिया था। जो सिर्फ 3085 वोटों से जीत सकीं। हुड्डा परिवार अपनी पुस्तैनी सीट गढ़ी सांपला-किलोई से जीतने में सफल रहा। रणवीर सिंह के बेटे और कांग्रेस उम्मीदवार भूपेंद्र हुड्डा 70 हजार से अधिक वोटों से जीते। कांग्रेस के दिग्गज नेता रणदीप सुरजेवाला भी पारंपरिक सीट कैथल से अपने बेटे को जीत दिलाने में कामयाब रहे। आदित्य सुरजेवाला ने 8124 वोटों से जीत हासिल की।

यह भी पढ़ें:वो 13 सीटें, जहां जीत का अंतर रहा 2 फीसदी से भी कम; कांग्रेस या बीजेपी… जानें किसे मिला फायदा?

Open in App Tags :
Advertisement
tlbr_img1 दुनिया tlbr_img2 ट्रेंडिंग tlbr_img3 मनोरंजन tlbr_img4 वीडियो