whatsapp
For the best experience, open
https://mhindi.news24online.com
on your mobile browser.

ताऊ देवीलाल को चुना गया था संसदीय दल का नेता, इस वजह से ठुकरा दिया था PM का पद

Haryana Assembly Elections 2024: हरियाणा के लाल कहे जाने वाले ताऊ देवीलाल को संसदीय दल का नेता चुना गया था। बात 1989 के आम चुनाव की है। लेकिन देवीलाल ने बड़ा त्याग करते हुए पद को ठुकरा दिया था। जिसके बाद उन्होंने जिस नाम को आगे किया, उस फैसले से लोग चौंक गए थे। आपको विस्तार से इसके बारे में बताते हैं।
04:18 PM Aug 21, 2024 IST | Parmod chaudhary
ताऊ देवीलाल को चुना गया था संसदीय दल का नेता  इस वजह से ठुकरा दिया था pm का पद

Haryana Assembly Elections: राजनीति में ऐसा कम ही होता है, जब किसी को मनमाफिक पद मिले और वह उसे ठुकरा दे। 1989 के आम चुनाव की बात है। ताऊ देवीलाल को संसदीय दल का नेता चुना गया था। संयुक्त मोर्चा दल की बैठक में चंद्रशेखर ने भी ताऊ देवीलाल का समर्थन किया था। लेकिन देवीलाल ने पीएम बनने से इन्कार कर दिया था। अपनी जगह किसी और नेता का नाम आगे कर दिया। हालांकि विश्वनाथ प्रताप सिंह और चंद्रशेखर जैसे नेता उनके अंडर काम करना चाहते थे। लेकिन ताऊ देवीलाल खुद पीएम बनकर राजी नहीं थे।

यह भी पढ़ें:इन 5 परिवारों का रहा हरियाणा की सियासत में दबदबा, पोते-पोतियों ने संभाली दादा की विरासत

प्रस्ताव सुनने के बाद ताऊ देवीलाल खड़े होकर बोले कि मैं यह पद विश्वनाथ प्रताप सिंह को सौंपता हूं। मैं बुजुर्ग हो चुका हूं। ताऊ ही बनकर रहना चाहता हूं। राजनीतिक विश्लेषक देवीलाल को पक्की जुबान का नेता मानते थे। उन्होंने जो त्याग किया, वह शायद ही कोई कर पाए। देवीलाल का जन्म 25 सितंबर 1915 को हरियाणा के सिरसा जिले के तेजाखेड़ा गांव में हुआ था। जब वीपी सिंह पीएम बने तो देवीलाल उनके मंत्रिमंडल से अलग हो गए थे। लेकिन बाद में देवीलाल उप प्रधानमंत्री बने।

मुलायम और लालू की मदद कर चुके देवीलाल

राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि देवीलाल ने चंद्रशेखर को इस्तीफा देने से मना किया था। लेकिन चंद्रशेखर ने कहा था कि वे रिजाइन तो देंगे। लेकिन अगर देवीलाल चाहें तो खुद के लिए राजीव गांधी से बात कर सकते हैं। लेकिन देवीलाल ने ऐसा नहीं किया। देवीलाल भले ही संपन्न परिवार से थे। लेकिन वे ठेठ ग्रामीण थे। 1930 में राजनीति में आने के बाद गरीबों और किसानों के लिए काम करते थे। बताया जाता है कि 1989 में मुलायम सिंह को यूपी और लालू यादव को 1990 में बिहार का सीएम बनाने में भी उनका अहम रोल रहा था। मुलायम सिंह का रास्ता अजीत सिंह रोक रहे थे। लेकिन देवीलाल ने मुलायम का समर्थन कर दिया। वहीं, लालू प्रसाद यादव के पास कम विधायक थे। तब ताऊ देवीलाल ने उनकी मदद की।

यह भी पढ़ें:चंपई सोरेन को लेकर क्या है BJP की रणनीति? इन 10 पॉइंट्स में समझिए

यह भी पढ़ें:दो सीएम, चार बार उपचुनाव; जानिए 5 साल में कितनी बदली हरियाणा की राजनीति?

Open in App Tags :
tlbr_img1 दुनिया tlbr_img2 ट्रेंडिंग tlbr_img3 मनोरंजन tlbr_img4 वीडियो