नायब सरकार में मंत्री बने अनिल विज कौन? नौकरी छोड़ आए राजनीति में; CM बनने की चाह रही अधूरी
Nayab Singh Saini Swearing In Ceremony: नायब सिंह सैनी ने गुरुवार को हरियाणा के मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली। पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और कई मुख्यमंत्रियों की मौजूदगी में हरियाणा की नई सरकार ने शपथ ली। नायब सिंह के अलावा 13 मंत्रियों ने भी शपथ ग्रहण की। आपको बता दें कि तीसरी बार अनिल विज को भी मंत्री बनाया गया है। लगातार दो बार अनिल विज मंत्री बने। लेकिन लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी ने मनोहर लाल को सीएम पद से हटाकर नायब सिंह सैनी को कमान सौंपी थी। जिसके बाद विज नाराज हो गए थे। नायब सरकार में उन्होंने मंत्री बनने से इन्कार कर दिया था। इस बार पार्टी ने विधानसभा चुनाव नायब सैनी के चेहरे पर लड़ा था।
सातवीं बार हासिल की जीत
जीत के बाद विज का बयान आया था कि वे चपरासी बनने को भी तैयार हैं। गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में सैनी के नाम पर मुहर लगी थी। अनिल विज बीजेपी के बड़े नेता माने जाते हैं, जो अपनी बेबाकी के लिए जाने जाते हैं। अनिल विज अंबाला कैंट सीट से 7वीं बार जीतकर आए हैं। पंचकूला के सेक्टर-5 स्थित परेड ग्राउंड में आयोजित समारोह में विज ने तीसरी बार मंत्री पद की शपथ ली। इससे पहले मीडिया को अनिल विज ने बताया था कि उनको मंत्री पद के लिए फोन आया है। जो भी जिम्मेदारी मिलेगी, वे उसे निभाएंगे। शपथ ग्रहण समारोह में विज का परिवार भी मौजूद था। विज का जन्म 15 मार्च 1953 को हुआ था। ABVP के जरिए ही राजनीति में आए।
यह भी पढ़ें:श्रुति चौधरी कौन? पूर्व CM बंसीलाल की राजनीतिक विरासत को संभाला, नायब सरकार में बनीं मंत्री
एसडी कॉलेज अंबाला कैंट में पढ़ाई के दौरान वे सक्रिय रहे। 1970 में विज एबीवीपी महासचिव बने थे। भारत विकास परिषद जैसे संगठनों से भी जुड़े। विज ने 1974 में भारतीय स्टेट बैंक (SBI) में जॉब भी की। 1990 में सुषमा स्वराज को राज्यसभा के लिए चुना गया था। जिसके बाद विज ने जॉब से रिजाइन कर अंबाला छावनी सीट से उपचुनाव लड़ा था। जीत के बाद उनको भारतीय जनता युवा मोर्चा (BJYM) का प्रदेशाध्यक्ष बनाया गया। बाद में विज 1996 और 2000 में अंबाला कैंट से आजाद उम्मीदवार के तौर पर जीते। 2005 में हार गए। 2009 में फिर चुनाव जीता।
मनोहर से हो चुकी खटपट
2014 में चुनाव जीतने के बाद मंत्री बने। 2019 में भी छठी बार चुनाव जीता। अब सातवीं बार फिर जीत हासिल की है। विधानसभा चुनाव में जीत के बाद विज ने सीएम बनने की इच्छा जताई थी। पत्रकारों से कहा था कि अगली मुलाकात सीएम हाउस में होगी। लेकिन पार्टी ने उनको मंत्री बनाया। बता दें कि मनोहर लाल के सीएम रहते विज की कई बार खटपट हो चुकी है। विज ने कहा था कि गृह मंत्री तो वे हैं, लेकिन उनके फैसले मनोहर लेते हैं।
यह भी पढ़ें:राव इंद्रजीत की लाडली आरती राव कौन? पहली बार बनीं विधायक